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“जल्द मिलेंगे”: कोलंबियाई व्यक्ति ने इच्छा मृत्यु से पहले अपने आखिरी संदेश में कहा, लाइलाज बीमारी से थे परेशान

कैली (कोलंबिया). ‘मैं बहुत शांति महसूस करता हूं. मेरे साथ जो होने वाला है मुझे उससे डर नहीं लगता है. धीरे-धीरे ही किसी की बारी बाती है. इसलिए मैं अलविदा नहीं कहता, बल्कि कहूंगा कि जल्द मिलेंगे…’ ये शब्द कोलंबिया के उस 60 साल के बुजुर्ग के थे, जिन्होंने लाइलाज बीमारी से जूझने के कारण शुक्रवार को इच्छा मृत्यु को चुन लिया. उनका नाम विक्टर एस्कोबार था. उन्होंने सार्वजनिक रूप से इच्छा मृत्यु चनने का फैसला किया था. उन्होंने मरने से कुछ घंटे पहले उन्होंने अपने परिवार के साथ समय गुजारा था.
एक दुर्लभ, दर्दनाक और लाइलाज बीमारी से जूझ रहे विक्टर एस्कोबार ने शुक्रवार को इच्छा मृत्यु को चुना था. वह कोलंबिया के पहले नागरिक बन गए, जिसे मौत के करीब न होने के बावजूद भी इच्छामृत्यु दे दी गई है. एस्कोबार ने इस हफ्ते कहा था, ‘मैं बहुत शांति महसूस करता हूं. मेरे साथ जो होने वाला है मुझे उससे डर नहीं लगता है. उन्होंने मुझे बताया कि पहले मुझे धीरे-धीरे बेहोश किया जाएगा तो मेरे पास अलविदा कहने का वक्त है. उसके बाद इच्छामृत्यु का इंजेक्शन दिया जाएगा जो दर्दरहित होगा- एक बहुत शांतिपूर्ण मौत. मुझे भगवान पर भरोसा है कि सब कुछ ऐसा ही होगा.’
उनके वकील लुइस गिराल्डो ने शुक्रवार शाम को बताया कि प्रक्रिया पूरी हो गयी है और एस्कोबार की मौत हो चुकी है. कोलंबिया की एक अदालत ने पिछले साल जुलाई में फैसला देते हुए इच्छा मृत्यु के नियमों में बदलाव किया था और उन लोगों के लिए भी इच्छा मृत्यु के दरवाजे खोल दिए थे जो एक गंभीर और लाइलाज बीमारी के कारण गहन शारीरिक और मानसिक पीड़ा झेल रहे हैं चाहे उनकी मौत करीब न हो. हालांकि, कैथोलिक चर्च इस फैसले के विरोध में है.
कैली में अपने अपार्टमेंट में एस्कोबार में गुरुवार को कहा था, ‘एक दरवाजा खुल गया है ताकि मेरे जैसे मरीज को गरिमापूर्ण तरीके से मरने का अवसर मिले.’ मॉर्फिन जैसी दवा भी उनके दर्द को कम नहीं कर पा रही थी और उन्होंने बताया कि अन्य दवाएं भी उनके शरीर पर असर नहीं कर पा रही थीं.
वह 2008 से बीमार थे, जब दो बार आघात आने से उनके आधे शरीर को लकवा मार गया था. हालांकि बाद में कुछ अंगों ने काम करना शुरू कर दिया लेकिन उन्हें सांस लेने में रुकावट पैदा करने वाली फेफड़ों की बीमारी, हाइपरटेंशन, डायबिटीज, गंभीर गठिया जैसे रोगों ने जकड़ लिया और एक दुर्लभ बीमारी भी हो गई थी, जिसमें पसलियां हड्डी से जुड़ जाती हैं जिससे दर्दनाक सूजन होती है.
कोलंबिया के रहने वाले विक्टर एस्कोबार के जीवित रहते हुए बनाए गए अंतिम वीडियो में वह मुस्कुराते हुए दिख रहे हैं. उनके साथ उनका परिवार है. उन्हें इच्छा मृत्यु के लिए जानलेवा इंजेक्शन लगाया गया था. उन्होंने डॉक्टरों और अपने वकील के सामने दम तोड़ा. उनका कहना था, ‘मैं चाहता हूं कि मेरी कहानी को जाना जाए क्योंकि यह मेरे जैसे मरीजों के लिए आराम करने के लिए एक खुला दरवाजा बनाने का मार्ग बनाता है.
अभी तक यूरोप के बेल्जियम, नीदरलैंड, लक्जमबर्ग और स्पेन में ही इच्छा मृत्यु का प्रावधान था. लेकिन अब इस सूची में कोलंबिया भी जुड़ गया है. हालांकि वहां इसकी प्रक्रिया काफी जटिल है. (इनपुट भाषा से भी)
JOBS
दूसरी बार बड़े पैमाने पर छंटनी करेगा मेटा, इस बार 10 हजार कर्मियों की जाएगी नौकरी

फेसबुक की पैरेंट कंपनी Meta एक बार फिर छंटनी करने जा रही है. कंपनी ने अब 10 हजार से ज्यादा कर्मचारियों की छुट्टी कर दी है. मेटा ने पिछले साल नवंबर में 11 हजार से ज्यादा कर्मचारियों को कंपनी से निकाल दिया था.
मेटा ने एक ब्लॉग पोस्ट में इस छंटनी की जानकारी दी है. साथ ही इसके लिए माफी भी मांगी है. मेटा के सीईओ मार्क जकरबर्ग ने बताया कि कंपनी 5 हजार एडिशनल ओपन रोल को भी बंद करने की योजना बना रही है, जिन पर अब भर्तियां नहीं होंगी.
Facebook-parent Meta Platforms said it would cut 10,000 jobs, just four months after it let go 11,000 employees; first big tech company to announce a second round of mass layoffs; reports Reuters pic.twitter.com/5TowOa5lqS
— ANI (@ANI) March 14, 2023
जकरबर्ग ने कहा कि हमने बेहद मुश्किल फैसला लिया है. मुझे लगता है कि अब हमें खुद को इसके लिए तैयार कर लेना चाहिए कि क्योंकि यह नई आर्थिक वास्तविकता कई सालों तक रहेगी. टेक ग्रुप में छंटनी की प्रक्रिया अप्रैल तक पूरी होने की उम्मीद है, जबकि बिजनेस ग्रुप में मई तक ये पूरी हो सकती है. हालांकि, कुछ मामलों में ये प्रक्रिया इस साल के आखिर तक पूरी हो सकतीं हैं.
मेटा के शेयरों में छह फीसदी का उछाल
जकरबर्ग के इस छंटनी के ऐलान के बाद मेटा के शेयर में छह फीसदी का उछाल आ गया. इस छंटनी से कंपनी को अपने खर्चों में कटौती होने की उम्मीद है. मेटा ने बताया था कि 2023 में कंपनी का कुल खर्च 86 अरब डॉलर से 92 अरब डॉलर के बीच हो सकता है. जबकि, पहले यही खर्च 89 अरब डॉलर से 95 अरब डॉलर के बीच होने का अनुमान था.
मेटा ने पिछले साल नवंबर में 11 हजार कर्मचारियों को निकाल दिया था. कंपनी के 18 साल के इतिहास में ये पहली इतनी बड़ी छंटनी थी.
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, 2022 से लेकर अब तक कंपनी 2.90 लाख कर्मचारियों को बाहर निकाल चुकी हैं. इनमें से करीब 40 फीसदी कर्मचारी इस साल निकाले जाएंगे.
Source : Aaj Tak
WORLD
95वें ऑस्कर अवॉर्ड्स में भारत का जलवा, RRR के गाने ‘नाटू-नाटू’ को मिला ऑस्कर अवॉर्ड

फिल्म RRR ने बॉक्स ऑफिस पर डंका बजाने के बाद ऑस्कर अवॉर्ड्स में परचम लहराया है. गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड्स में छाने के बाद RRR ने ऑस्कर भी अपने नाम कर लिया है. ऑस्कर के मंच पर नाटू नाटू पर स्पेशल परफॉर्मेंस भी हुई. जिसने सभी का दिल जीता. इस धमाकेदार गाने को प्रेम रक्षित ने कोरियाोग्राफ किया है. प्रेम रक्षित ने आज तक से खास बातचीत में नाटू नाटू गाने की मेकिंग का किस्सा शेयर किया था.
As it is often said, cinema speaks a universal language. Congratulations to the teams of #RRR and #TheElephantWhisperers for their #Oscar wins. It’s a proud 🇮🇳 moment 🎈
— Ajay Devgn (@ajaydevgn) March 13, 2023
‘नाटू-नाटू’ के कोरियोग्राफर प्रेम रक्षित ने बताया था- मैंने यह इंडस्ट्री अपने मां-पिताजी की वजह से ज्वॉइन की थी. हम बहुत ही गरीब परिवार से आते हैं. जब मुझे पहली बार 2008 में अवॉर्ड मिला था, तो मैंने यही कहा था कि मैं यह अवॉर्ड लेने स्टेज पर नहीं आया हूं, बल्कि मैं अपने मां-पापा के सामने खुद को सरेंडर करने आया हूं. आज मेरे काम को ग्लोबल लेवल पर पहचान मिल रही है, इससे बड़ी अचीवमेंट और क्या हो सकती है. ये देश के लिए गौरव की बात है.
कैसे बना ऐतिहासिक गाना नाटू नाटू?
प्रेम रक्षित ने कहा था- मैंने इस सॉन्ग को एक चुनौती की तरह लिया है. किसी एक स्टार के साथ काम करना आसान होता है. हर एक सुपरस्टार का अपना तरीका व स्टाइल होता है. ऐसे में दो अलग स्टाइल को एक साथ एक एनर्जी में ढालना वाकई चैलेंजिंग था. इन दोनों के एक्स्पीरियंस को मैंने एक ही स्केल में मिलाकर डांस की तैयारी की थी. मुझे इस गाने को कोरियोग्राफ करने में दो महीने लग गए थे. आप ही देखें, जब दोनों चलकर एक साथ आते हैं, तो उनकी चाल में भी वो परफेक्शन नजर आना चाहिए था. मैंने दोनों के लिए 110 मूव्स तैयार किए थे. इस बीच जब भी नर्वस होता, तो राजामौली का साथ मिलता था.
गाने की शूटिंग में लगे कितने दिन?
”इस गाने को शूट करने में 20 दिन लगे थे और 43 रीटेक्स में शूटिंग कंप्लीट हुई थी. इन 20 दिनों में रिहर्सल के साथ-साथ हमने गाने की शूटिंग भी पूरी कर ली थी. हालांकि इस गाने को कोरियोग्राफ करने में मुझे दो महीने लगे थे. मैं राजामौली सर के साथ एक लंबे समय से जुड़ा हूं. जब वो मेरे पास गाना लेकर आए, तो मैं पहले डर गया था. दोनों सुपरस्टार को एक साथ नचाना बहुत बड़ी बात थी. मैं इस प्रेशर में रहता था कि कहीं भी मेरी वजह से ये सुपरस्टार एक दूसरे से कमतर न दिखें. मुझे दोनों को ही समान एनर्जी में दिखाना था.”
”शूटिंग के आखिरी पल तक हम इस गाने में इंप्रोवाइज करते रहे थे. राजामौली सर को और फन मोमंट्स चाहिए होते थे, तो फिर हम इसे री-शूट किया करते थे. गाने के आखिरी पल तक मेरी अग्निपरीक्षा चलती रही थी.” शूटिंग एक्स्पीरियंस पर प्रेम ने बताया था- मॉर्निंग में जब वो अपने सीन्स की शूटिंग कर लिया करते थे, तो पैकअप के बाद थोड़ा रेस्ट लेकर वो शाम के 6 बजे मेरे पास रिहर्सल के लिए आ जाते थे. दोनों ही समय मेरे पास होते थे, फिर हम रिहर्सल रात 9 बजे तक करते थे. गाने की शूटिंग यूक्रेन में हुई थी.
Exceptional!
The popularity of ‘Naatu Naatu’ is global. It will be a song that will be remembered for years to come. Congratulations to @mmkeeravaani, @boselyricist and the entire team for this prestigious honour.
India is elated and proud. #Oscars https://t.co/cANG5wHROt
— Narendra Modi (@narendramodi) March 13, 2023
नाटू नाटू की जीत से हर हिंदुस्तानी का सिर फक्र से ऊंचा हो गया है. आखिरकार नाटू नाटू गाने की मेकिंग में की गई मेहनत रंग लाई.
Source : Aaj Tak
WORLD
विदेशों में दिखेगी बिहार दिवस की धूम, अमेरिका व जापान में मनाने की तैयारी

इस बार विदेशों में भी बिहार दिवस की धूम देखने को मिलेगी। अमेरिका और जापान में इसको लेकर विशेष तैयारियां की जा रही है। वहां काफी धूमधाम से बिहार दिवस मनाने की योजना बनायी जा रही है। 22 से 24 मार्च तक बिहार के लोग एवं बिहारी मूल के लोग कार्यक्रम का आयोजन करेंगे। तीन दिनों तक चलने वाले इस सांस्कृतिक कार्यक्रम में बिहार से जुड़ी स्मृतियों को साझा करेंगे। इस दौरान वो लोग स्थानीय निवासियों को भी अपने आयोजन में सहभागी बनाएंगे। विदेशी निवासियों को बिहारी विरासत से रूबरू कराया जाएगा। इसे लेकर अमेरिका में बिहार फाउंडेशन के आलोक कुमार और जापान के राजा आनंद विजय और विकास रंजन ने जानकारी दी है कि तैयारी पूरी तरह से शुरू है।
अमेरिका और जापान में बिहार फाउंडेशन की ओर से बिहार दिवस आयोजन को भव्य बनाने की तैयारी है। इसके अलावा स्थानीय संगठन और बिहारियों के सांस्कृतिक समूह की ओर से भी बिहार दिवस के लिए बड़े स्तर पर तैयारी की जा रही है। कार्यक्रम को लेकर उनका प्लान है कि इसमें अधिक से अधिक बिहारियों की सहभागिता हो। इसमें बच्चे अधिक से अधिक संख्या में भाग ले। यहां रहने वाले बिहारियों की यह इच्छा है कि इस बार कार्यक्रम को यादगार बनाया जाय। इसलिए लोग बिहार के कलाकारों को भी आमंत्रित करना चाहते हैं। बिहार की फिल्मों और बिहार के ऐतिहासिक स्थलों पर डॉक्यूमेंट्री दिखाई जाएगी। इसके अलावा बिहार में आयोजित होने वाले कार्यक्रम से भी वो लोग ऑनलाइन जुड़ेंगे।
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