आपातकालीन सेवाओं के लिए डायल 112 की व्यवस्था राज्य में इसी महीने शुरू होगी। इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम (ईआरएसएस) एक महत्वपूर्ण परियोजना है, जिसका मकसद आपात स्थिति में लोगों को तत्काल मदद मुहैया कराना है। कमांड एवं कंट्रोल सिस्टम स्थापित करने के बाद इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम के लिए फिलहाल 400 गाड़ियां भी मुहैया करा दी गई हैं। अधिकारियों के मुताबिकतैयारियां पूरी कर ली गई है।
वर्तमान समय में पुलिस की मदद के लिए 100, एम्बुलेंस हेतु 108 और आग लगने पर फायरबिग्रेड की मदद के लिए 101 नम्बर डायल करना पड़ता है। अब किसी भी आपात स्थिति के लिए सिर्फ एक ही नम्बर होगा। इसके लिए 112 पर डायल करना होगा। यह एक हाईटेक व्यवस्था है, जिसे ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) से जोड़ा गया है। इससे फोन करनेवाले का लोकेशन भी उसके कॉल के साथ कमांड सेंटर को मिल जाएगा।
राजवंशी नगर में बना है राज्यस्तरीय कमांड एंड कंट्रोल सेंटर : ईआरएसएस के सुचारू संचालन के लिए राज्य व जिला स्तर पर कमांड एंड कंट्रोल सेंटर बनाया जा रहा है। राज्य स्तरीय मुख्य सेंटर राजवंशी नगर में स्थित वायरलेस मुख्यालय के परिसर में बना है। आनेवाले दिनों में इसे राजीवनगर थाने के पास शिफ्ट किया जाएगा। यह सेंटर 24 घंटे और 7 दिन काम करेगा। हर शिफ्ट में करीब 125 व्यक्ति रहेंगे जो अलग-अलग जिम्मेदारियों को संभालेंगे। इसके लिए विभिन्न रैंक के पुलिसकर्मियों का चयन करने के बाद उन्हें ट्रेनिंग दिलाई गई है।
इस तरह काम करेगा इमरजेंसी रिस्पांस सिस्टम: डायल 112 को इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम का नाम दिया गया है। इसपर आनेवाला कॉल सीधे कंट्रोल रूम को जाएगा। फोन रीसिव करने की जिम्मेदारी कॉल रिस्पांस एसोसिएट की होगी। कॉल रिस्पांस एसोसिएट द्वारा डिस्पैच अफसर को इसकी जानकारी दी जाएगी। डिस्पैच अफसर की जिम्मेदारी है कि वह घटनास्थल के सबसे नजदीक मौजूद डायल 112 की गाड़ी को मौके पर रवाना करे। डिस्पैच अफसर (डीओ) के तौर पर महिला या पुरुष सब-इंस्पेक्टर को तैनात किया जाएगा। वहीं मामला गंभीर होने की सूरत में इसकी जानकारी थाना, डीएसपी, एसपी समेत अन्य अधिकारियों के अलावा फायर बिग्रेड या संबंधित एजेंसियों को देनी होगा। कार्रवाई को सुनिश्चित कराने की जिम्मेदारी इंसिडेंट रिस्पांस अफसर की होगी जो इंस्पेक्टर रैंक के होंगे।
कुल 1200 गाड़ियों की होनी है खरीद
राज्य स्तर पर इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम के लिए 1200 चारपहिया वाहन की खरीद होनी है। फिलहाल पुलिस मुख्यालय द्वारा 400 गाड़ियां ईआरएसएस के लिए मुहैया करा दी गई है। इन गाड़ियों का इस्तेमाल सिर्फ और सिर्फ डायल 112 परियोजना के लिए होगी। वाहनों में ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) लगाया गया है। ऐसा इसलिए किया गया है कि किसी भी सूचना पर नजदीक में मौजूद वाहन को घटनास्थल पर भेजा जा सके।
Source : Hindustan