बिहार के रोहतास जिले के डीएम धर्मेंद्र कुमार इन दिनों अपने काम को लेकर लगातार चर्चा में हैं. बात चाहे नल जल योजना की हकीकत जानने के लिए टंकी पर चढ़ने की या फिर रात्रि दौरे की डीएम साहब लगातार चर्चा में हैं. डीएम सप्ताह में एक दिन में किसी न किसी गांव में रात बिता रहे हैं. ऐसे में वो देर रात तक गांव में घूमते रहते हैं. गांव के चौपाल पर बैठकर लोगों की समस्याएं सुनते हैं और सबसे बड़ी बात है कि इस दौरान उनके साथ जिला के तमाम आला अधिकारी भी मौजूद रहते हैं, जिस कारण विभिन्न समस्याओं का मौके पर ही निराकरण हो जाता है.
इसी क्रम में धर्मेंद्र कुमार कोचस के चिलबिला गांव में रात्रि दौरा के क्रम में पहुंचे और देर रात एक घर का दरवाजा खटखटाया. गृह स्वामी ने जब पूछा कि आप कौन हैं ? तो उन्होंने अपना परिचय देते हुए कहा कि मेरा नाम धर्मेंद्र कुमार है. मैं आपके जिले का सबसे बड़ा सेवक हूं अर्थात जिले का डीएम हूं और आपकी समस्याएं जानने आपके घर आया हूं. घर के अंदर चौकी पर लेटे दिव्यांग प्रभु सिंह को देखकर डीएम ने पूछा कि क्या इन्हें सामाजिक सुरक्षा के तहत दिव्यांगता के लिए नियमित पेंशन मिल रहा है? जब ग्रामीण से पेंशन मिलने की बात बताई गई, तब डीएम संतुष्ट हुए. जिले में यह चर्चा का विषय बना हुआ है.
पिछले 3 हफ्तों से रोहतास के जिलाधिकारी धर्मेंद्र कुमार सप्ताह में एक दिन पूरे लाव लश्कर के साथ किसी न किसी गांव में पहुंच जाते हैं और पूरी रात गांव में ही बिताते हैं. यह कहे कि लगभग 20 घंटे वे किसी एक गांव में रुकते हैं. इस दौरान घर-घर जाकर लोगों की समस्याओं से रूबरू होते हैं. खासकर पेयजल, स्वास्थ्य और खाद्यान्न से संबंधित शिकायतों को लेकर वे काफी गंभीर दिख रहे हैं. बड़ी बात है कि इस दौरान विभिन्न योजनाओं से वंचित लाभुकों को त्वरित लाभ भी दिया जा रहा है. जिससे ग्रामीण भी उत्साहित होते हैं और विभिन्न समस्याओं का मौके पर ही निराकरण हो जा रहा है.
Source: News18