जाप के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव की 14 दिन की न्यायिक हिरासत मंगलवार को पूरी हो गई है। पप्पू यादव के समर्थकों ने न्यायिक हिरासत की अवधि पूरी होने के साथ ही उन्हें बेल देने की मांग शुरू कर दी है। समर्थकों ने इसे लेकर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है ।
कानूनी जानकार बोले, बेल है मुश्किल
पप्पू यादव के समर्थक न्यायिक हिरासत की अवधि पूरी होने के साथ ही बेल की मांग करने लगे हैं। समर्थकों ने लॉकडाउन के बाबजूद उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है। दूसरी तरफ कानूनी जानकार पप्पू यादव के जेल से बाहर आने की संभावना से इनकार कर रहे हैं। जानी-मानी वकील श्रुति सिंह की मानें तो लॉकडाउन की वजह से कोर्ट में सुनवाई नही हो रही है। बेल पीटीशन पर सुनवाई के बिना पप्पू यादव को बेल मिल पाना मुश्किल है। सुनवाई नहीं होने के कारण उनकी न्यायिक हिरासत की अवधि एक बार फिर बढ़ जाएगी।
पप्पू यादव के वकील ने कोर्ट में दी है बेल की अर्जी
पप्पू यादव के वकील और बार एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष एडवोकेट मनन मिश्रा ने सोमवार को 32 साल पुराने अपहरण मामले में मधेपुरा में अर्जी दी है। इस मामले में पप्पू यादव समर्थकों ने सरकार पर उन्हें परेशान करने का आरोप लगाया है। पप्पू के समर्थकों का कहना है कि ऑनलाइन अर्जी और निर्णय अभी हो रहा है। जल्द ही फैसला होगा।
वकील की ओर से दिए गए अर्जी में सुलहनामा का भी जिक्र किया है। वहीं, बीमारी का भी हवाला दिया गया है। इसके साथ ही बताया गया है कि कोरोना काल में जरूरतमंदों की मदद को लेकर उनका जेल में रहना उचित नहीं है।
32 साल पुराने मामले में जेल में बंद हैं पप्पू यादव
पप्पू यादव पर वर्ष 1989 के दौरान शैलेंद्र यादव ने मुरलीगंज थाना में राम कुमार यादव तथा उमाशंकर यादव के अपहरण किए जाने का मामला दर्ज करवाया था। पप्पू यादव के अनुसार करीब 32 साल पुराने इस अपहरण के मामले में आपसी समझौता भी हो चुका था। जेल में बंद पप्पू यादव, स्लिप डिस्क की परेशानी होने के बाद फिलहाल दरभंगा के DMCH में भर्ती हैं।
Input: dainik bhaskar