एक नन्ही परी के लिए शहर के आवारा कुत्ते दानव बन गए। मां मदद के लिए चीखती-चिल्लाती रही, हमलावर कुत्तों से जूझती रही, पर उनसे अपनी तड़पती-छटपटाती मासूम बेटी को बचा न सकी। उसकी आंखों के सामने आवारा कुत्तों ने तीन साल की एंजल कुमारी को नोच-नोचकर मार डाला। मिठनपुरा के शिवशंकर पथ स्थित साईं मंदिर गली में शनिवार सुबह नौ बजे यह घटना हुई। रीतू बच्ची के साथ किराये के मकान में रहती है। रीतू की बहन और बहनोई भी कमरा लेकर रहते हैं। रीतू का मायका मिठनपुरा के रामबाग में है।

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मां से पांच रुपए लेकर बिस्कुट लेने निकली थी

एंजल की मां रीतू कुमारी मोहल्ले के ही घरों में काम करती है। बच्ची पांच रुपये लेकर गली की दुकान से बिस्कुट लाने गई थी। पीछे से मां भी आ रही थी। इस दौरान दो आवारा कुत्तों ने उस पर हमला कर दिया। बच्ची की गर्दन, सीने और पेट में काटकर गहरा जख्म कर डाला। मां दौड़कर बेटी को बचाने आयी, लेकिन गर्दन दबोचे एक कुत्ते ने बच्ची को नहीं छोड़ा। मां के चिल्लाने पर मजदूरों ने कुत्ते को डंडा मारकर भगाया। एसकेएमसीएच में इलाज के दौरान बच्ची की मौत हो गई।

गर्दन, सीना और पेट में आए गहरे जख्मों से मौत

बच्ची की गर्दन, सिर के पीछे, सीना, पेट समेत शरीर पर एक दर्जन से अधिक जगह कुत्ते के नोचने के गहरे जख्म मिले। एसकेएमसीएच पुलिस चौकी के इंचार्ज आदित्य कुमार ने बताया कि कुत्ते के काटने से बच्ची की मौत की सूचना मिली है। परिजन बिना पोस्टमार्टम कराए शव ले गए। मिठनपुरा पुलिस ने बताया कि घटना की सूचना थाने में नहीं दी गई है। मौसा मनोज महतो ने बताया कि आवारा कुत्ते के हमले में बच्ची मरी है। इसमें किसपर एफआईआर दर्ज कराई जाए।

एंजल की मां रीतू कुमारी मोहल्ले के ही घरों में काम करती है। बच्ची पांच रुपये लेकर गली की दुकान से बिस्कुट लाने गई थी। पीछे से मां भी आ रही थी। इस दौरान दो आवारा कुत्तों ने उस पर हमला कर दिया। बच्ची की गर्दन, सीने और पेट में काटकर गहरा जख्म कर डाला। मां दौड़कर बेटी को बचाने आयी, लेकिन गर्दन दबोचे एक कुत्ते ने बच्ची को नहीं छोड़ा। मां के चिल्लाने पर मजदूरों ने कुत्ते को डंडा मारकर भगाया। एसकेएमसीएच में इलाज के दौरान बच्ची की मौत हो गई।

आवारा कुत्तों के हमले से मरी एंजल रीतू की इकलौती संतान थी। इससे पहले एक पुत्र ने जन्म लिया था जो जन्म के बाद ही मर गया था। रीतू बेटी को कुत्तों का शिकार बनने से नहीं बचा सकी। नजर के सामने कुत्तों ने बेटी की गर्दन को दबोच रखा था। हर जख्म से खून निकल रहा था। पूरे शरीर पर कुत्ते के नोचने के जख्म थे। बेटी के शव से लिपटकर मां रीतू देवी बार-बार बेहोश होती रही।

मृत बच्ची के पिता आनंद महतो कोलकाता में गाड़ी चलाते हैं। उनके आने के इंतजार में शव की अंत्येष्टि नहीं की गई है। आनंद महतो मूल रूप से सकरा थाना के बाजितपुर सुंदरपुर के निवासी हैं। रीतू बच्ची के साथ शिवशंकर पथ में किराये के मकान में रहती है। उसी मकान में रीतू की बहन और बहनोई मनोज महतो कमरा लेकर रहते हैं। रितू का मायका रामबाग में है। बच्ची की मौत के बाद ढांढ़स बंधाने पहुंचीं मोहल्ले की महिलाएं भी बच्ची का शव देखकर रोने लगी। रीतू ने चार साल पहले पुत्र को जन्म दिया था, लेकिन जन्म के बाद ही मौत हो गई थी। इसके एक साल के बाद प्यारी सी बेटी ने जन्म लिया। शौक से उसका नाम एंजल रखा। अफसोस अब फिर से रीतू की गोद सूनी हो गई है। गम और गुस्से से भरे एंजल के मौसा मनोज महतो ने कहा कि किसे दोष दें। नगर निगम के खिलाफ कौन कार्रवाई करेगा। पुलिस भी देर रात तक घटना की जानकारी लेने नहीं पहुंची। शिवशंकर पथ के मुहाने के पास से गश्ती गाड़ी लौट गई।

शहर में तीन हजार आवारा कुत्ते हर माह 40 लोग बनते हैं शिकार

नगर निगम के अनुसार शहर में तीन हजार से अधिक आवारा कुत्ते सड़कों पर घूम रहे हैं। दिनभर सुनसान गलियों और झाड़ियों में छिपे रहने वाले इन कुत्तों का रात आठ बजे से सड़कों पर आतंक शुरू हो जाता है। हर गली और मुख्य मार्ग पर रात में गुजरने वाले बाइक सवार व राहगीर को काफी दूर तक आवारा कुत्ते खदेड़ते हैं। इससे कई गंभीर दुर्घटनाएं भी हो चुकी हैं। बीते साल आवारा कुत्ते से बचने के लिए मिठनपुरा रोड में बाइक सवार युवक डिवाइडर से टकराकर गिर गया। सिर में चोट लगने से उसकी मौत हो गई थी। कुत्तों के आतंक का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि हर माह औसतन 40 से 45 डॉग बाइट के केस सदर अस्पताल पहुंच रहे हैं। कुत्तों को पकड़ने के लिए निगम में 10 साल में चार बार योजना बनी। वहीं, निगम प्रशासक आशुतोष द्विवेदी ने कहा कि शीघ्र ही डॉग कैचर खरीदकर अभियान चलाकर पशु अस्पताल में नसबंदी कार्यक्रम शुरू कराया जाएगा।

Source : Hindustan

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