बिहार के सभी पर्यटन सर्किट मार्गों पर जनसुविधाएं विकसित होंगी। राज्य में पर्यटकों की संख्या में हो रही वृद्धि को देखते हुए पर्यटन विभाग ने यह निर्णय लिया है। इसके तहत न केवल आधारभूत संरचना बल्कि पर्यटकों के रहने, खाने-पीने व मनोरंजन की भी व्यवस्था रहेगी। अगले तीन वर्षों में 160 स्थलों पर मार्गीय केंद्र विकसित होगी। राज्य में पर्यटकों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। वर्ष 2015 में 2.80 करोड़ देशी तो 9.24 लाख विदेशी पर्यटक बिहार आए थे।

वर्ष 2019 में देशी पर्यटकों की संख्या 3.40 करोड़ तो विदेशी पर्यटकों की संख्या 11 लाख हो गई। इस वर्ष अगस्त तक बिहार में 84 लाख से अधिक देशी तो 12 हजार से अधिक विदेशी पर्यटक आ चुके हैं। पर्यटकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए विभाग ने उनको यात्रा के दौरान ही सभी आवश्यक सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मार्गीय सुविधाएं विकसित करने का निर्णय लिया है।

मार्गीय सुविधाओं के लिए विभाग ने चार मॉडल तय किए हैं। प्रीमियम मार्गीय सुविधा के तहत हर 50 किमी की दूरी पर सुविधाएं विकसित होगी। इसके लिए लगभग डेढ़ एकड़ जमीन की आवश्यकता होगी। स्टैंडर्ड मार्गीय सुविधा हर 30 किमी की दूरी पर विकसित होगी। इसके लिए एक एकड़ भूमि का उपयोग होगा। बेसिक मार्गीय सुविधा 30 किमी की दूरी पर विकसित होगी और इसके लिए 7500 वर्गफीट जमीन का उपयोग होगा। जबकि वर्तमान मार्गीय सुविधाओं का भी उन्नयन किया जाएगा। जनसुविधा विकसित करने के एवज में विभाग निवेशकों को 10, 20, 35 व 50 लाख या अधिकतम 50 फीसदी अनुदान देगा। राज्य में कुल 160 केंद्र बनेंगे, जिसमें अधिकतम 10 फीसदी की वृद्धि भी हो सकती है। सुविधाएं विकसित करने के लिए 3200 संचालक व कर्मियों को आईएचएम हाजीपुर व बोधगया के साथ ही अन्य संस्थानों के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि पर्यटकों को उच्चकोटि की सुविधा मिल सके। प्रशिक्षण देने के लिए विभाग मासिक, त्रैमासिक व वार्षिक प्रशिक्षण कार्यक्रम बनाएगा। इन केंद्रों से चार हजार लोगों को प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। सुविधा केंद्रों को पर्यटन विभाग मान्यता प्रदान करेगा।

बिहार में हैं ये सर्किट

सर्किट        जिला

●रामायण : पटना, बक्सर, भभुआ, औरंगाबाद, गया, जहानाबाद, दरभंगा, मुंगेर, भागलपुर, जमुई, बांका, मधेपुरा, मधुबनी, सीतामढ़ी, वैशाली व चम्पारण

●हिंदू : कैमूर, गया, लखीसराय, भागलपुर, दरभंगा, मधेपुरा, सारण, गोपालगंज, पटना, सहरसा व जहानाबाद,

●बुद्ध : बोधगया, पटना, वैशाली, राजगीर व नालंदा

●जैन : पटना, आरा, वैशाली, मुंगेर, जमुई, नालंदा, भागलपुर व बांका

●सूफी : पटना, वैशाली, सीवान, जहानाबाद व नालंदा

●गांधी : पटना, मोतिहारी, बेतिया व पश्चिम चम्पारण,

●ईको : पश्चिम चम्पारण, नवादा, नालंदा, भागलपुर, कैमूर, बेगूसराय व मुंगेर

●सिख : पटना

पर्यटन विकास निगम लिमिटेड का लोगो हर केंद्र पर होगा। केंद्र का ले-आउट, मॉडल, डिजाइन, चयन प्रक्रिया की मार्गदर्शिका जल्द ही तय होगी। निगम के प्रबंध निदेशक की अध्यक्षता में गठित समिति विकसित होने वाले मार्गीय सुविधा केंद्रों पर अंतिम मुहर लगाएगी। गौरतलब है कि राज्य में आठ सर्किट हैं। इन स्थलों पर आने-जाने के लिए सड़कों का निर्माण किया गया है। कुछ सर्किट की सड़कों को और चौड़ा किया जा रहा है ताकि पर्यटकों को जाम का सामना नहीं करना पड़े।

Source : Hindustan

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