समुद्र के अंदर की दुनिया में इतने रहस्य छिपे हुए हैं कि वैज्ञानिकों को इसमें हमेशा ही गहरी दिलचस्पी होती है. सबसे बड़ी खासियत समुद्र की ये होती है, कि यहां सैकड़ों, हजारों, लाखों और करोड़ों साल पुरानी चीज़ें कई बार सुरक्षित मिल जाती हैं. इस बार वैज्ञानिकों के हाथ एक ऐसा केकड़ा लगा है, जिसका शरीर करोड़ों साल पहले अंबर में कैद हो गया था. वैज्ञानिक इस केकड़े को अमर केकड़ा कह रहे हैं.

वैज्ञानिकों का कहना है कि ये केकड़ा क्रेटाशियस काल का है. इससे अंदाज़ा लगाया जा रहा है कि केकड़े की उम्र साढ़े नौ से दस करोड़ साल हो सकती है. साइंस एडवांसेज़ में पब्लिश स्टडी के मुताबिक इस अमर केकड़े को नाम दिया गया है – क्रेटस्पारा अथानाट . क्रेट का मतलब शेल हाता है और अस्पारा बादलों और पानी के देवता का नाम है, जबकि अथानाटा का मतलब अमर होता है.

पहली बार जलीय जीव अंबर में कैद मिला

केकड़ा पूरी तरह से जलीय जीव है. हॉवर्ड यूनिवर्सिटी के पोस्टडॉक्टोरल रिसर्चर जेवियर लूक ने बताया कि केकड़े को रेयर कहने की वजह ये है कि अंबर में अब तक शोधकर्ताओं को कभी भी कोई जलीय जीव नहीं मिला है. सांप, पक्षी, बिच्छू और कीड़े-मकोड़े इसमें कैद मिल चुके हैं. पहली बार केकड़े के सुरक्षित शरीर का इसमें मिलना बड़ी उपलब्धि है. जेवियर लूक के मुताबिक इस अनोखे केकड़े की लंबाई सिर्फ 2 मिलीमीटर है और इसका शरीर एकदम सुरक्षित है. न तो केकड़े के शरीर का कोई भी हिस्सा गायब है, न ही ये टूटा-फूटा है. वैज्ञानिकों को लगता है कि ये अमर केकड़ा समुद्री और साफ पानी के केकड़ों के बीच की कड़ी है.

केकड़े के शरीर का 3डी मॉडल बनाया गया

वैज्ञानिकों की टीम ने इसका एक्स-रे किया, जिसे माइक्रो -सीटी कहते हैं. 3डी मॉडल में बने केकड़े के शरीर का अध्ययन करने के बाद पता चला कि इसके पैर और कैरापेस असली केकड़ों की तरह ही हैं. ये अनोमूरा ग्रुप के नकली केकड़ों की तरह नहीं है. ये केकड़ा ब्राचयूरा समूह का है, जो चलने के लिए 4 पैरों का इस्तेमाल करते हैं. वैज्ञानिकों का मानना है कि धरती पर 5 बार असली और नकली केकड़ों का विकास हुआ. सबसे पुराना केकड़ा 20 करोड़ साल पहले जुरासिक युग में मिला था.

Muzaffarpur Now – Bihar’s foremost media network, owned by Muzaffarpur Now Brandcom (OPC) PVT LTD

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *