जुलाई माह में ऐसा पहली बार हुआ है, जब जिले में भूजल स्तर मई-जून से भी नीचे चला गया है। 15 दिनों में पूरे जिले के भू-जलस्तर में आधा फीट की गिरावट आई है। सकरा प्रखंड के मझौलिया व दुबहा का भू-जलस्तर जहां 21 फीट नीचे चला गया है। वहीं मुरौल प्रखंड के यहां रसूल नगर का भू-जलस्तर 21.02 फीट नीचे चला गया है। पिछले तीन वर्षाें में जुलाई में अच्छी बारिश होती रही है।
लेकिन, इस बार 15 दिनों से मानसून पूरी तरह रूठा हुआ है। इसके कारण सर्वाधिक गर्मी के लिए प्रसिद्ध मई-जून के महीने से अधिक तापमान जुलाई का हाे गया है। वहीं, बारिश नहीं होने से जिले का भू-जलस्तर भी लगातार नीचे जा रहा है। चापाकल व माेटर ने दोपहर में पानी उगलना कम कर दिया है।
शहरी इलाके भी यही हाल है। शहर के शुक्ला राेड, आबेदा स्कूल, मारवाड़ी स्कूल व जूरन छपरा इलाके में पानी का लेयर ज्यादा तेजी से नीचे गिरा है। शुक्ला राेड में पानी का लेयर 39 फीट तक पहुंच गया है। पानी के प्रेशर में कमी आई है। पक्कीसराय चाैक समेत कई इलाके में पानी की किल्लत हो गई है।
नगर निगम की टीम ने साेमवार काे शहर के अलग-अलग इलाके के पंप हाउस के लेयर की मापी की। ज्यादातर जगह 3 मई जैसी स्थिति मिली। अमूमन जुलाई में पानी का लेयर इस तरह से पाताल में नहीं पहुंचता।
बारिश नहीं हाेने की वजह से शहर के तकरीबन सभी इलाके में पानी का लेयर औसत से नीचे जा रहा है। तीन दिन पहले व साेमवार काे पंप हाउस के लेयर की मापी में तकरीबन सभी पंप हाउस में 2 से 3 फीट का अंतर आया है। 4-5 दिन बारिश नहीं हाेने पर शहर में कई जगह पंप हाउस फेल हाेने का खतरा बन रहा है।
Source: Dainik Jagran