बिहार के गोपालगंज के डीएम जी. कृष्णैया हत्याकांड में दंडित पूर्व सांसद आनंद मोहन 15 दिन की पैरोल पर जेल से बाहर आए हैं। जानकारी के मुताबिक उनकी बेटी की इंगेजमेंट हैं। साथ में उनकी बुजुर्ग मां गीता देवी की तबियत खराब हैं। जिस वजह से उन्हें 15 दिन की पैरोल मिली है। जेल से निकलने की सूचना मिलते ही भारी संख्या में उनके समर्थक जेल के बाहर पहुंचे थे। इस दौरान उनकी पत्नी लवली आनंद व उनके बड़े बेटे अंशुमन मोहन मौजूद थें।

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जेल से बाहर निकलने पर मीडिया से बात करते हुए आनंद मोहन ने कहा कि वो शुभ काम से बाहर निकले हैं। प्रायोजन क्या है ये आपको पता है। सबको आजादी अच्छी लगती है। जितने दिन बाहर रहूंगा समर्थकों और सभी से अपील है कि मेरा साथ दें। आनंद मोहन सफेद रंग की शर्ट व पैंट व जूते पहन रखे थें। उन्होंने आंखों पर काला चश्मा लगा रखा था। मीडिया से बात करने के बाद वो गाड़ी में बैठ गंगजला स्थित अपने कार्यालय सह आवास पर पहुंचे। यहां उन्होंने अपनी 97 वर्षीया मां का पैर छूकर आर्शीवाद लिया। इसके बाद समर्थकों से मिले।हालांकि, समर्थकों से मिलने के बाद भी वो किसी भी तरह के राजनीतिक टीका-टिप्पणी से बचते दिखे। कुछ घंटे आवास पर बिताने के बाद उन्होंनें समर्थकों के साथ खाना खाया और फिर अपने गांव बिहरा थाना क्षेत्र के पंचगछिया निकल गये। वहां जाकर उन्होंने भगवती मंदिर में माथा टेका और परिवार के अन्य सदस्यों से मुलाकात की। उसके बाद वो पटना निकल गए।

बता दें कि कुछ कागजात की कमी के कारण बुधवार के बदले वे दो दिन बाद शुक्रवार को बाहर आए। कोसी की धरती पर पैदा हुए आनंद मोहन सिंह बिहार के सहरसा जिले के पचगछिया गांव के रहने वाले हैं। उनके दादा राम बहादुर सिंह एक स्वतंत्रता सेनानी थे। कहा जाता है कि आनंद मोहन सिंह ने 17 साल की उम्र में ही अपना सियासी करियर शुरू कर दिया था। उनके जेल से बाहर निकलने की खबर सोशल मीडिया पर वायरल हैं।

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