पटना. अगर लक्ष्य को भेदना हो, तो नज़र और एकाग्रता महाभारत के अर्जुन की तरह होनी चाहिए. सफलता की ऊंचाइयों को पाने के लिए कड़ी मेहनत और रातों की नींद गंवानी पड़ती है. ख्वाब तो खुली आंखों से ही पूरे होते हैं. ऐसा ही मजबूत उदाहरण बिहार की एक बेटी ने पेश किया है. जहां किसी के पास एक नौकरी नहीं रहती. पटना की रहने वाली संप्रीति यादव  के पास चार-चार कंपनियों का ऑफर आया था. लेकिन संप्रीति की मंजिल तो दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक गूगल  थी. बिहार की इस प्रतिभावान छात्रा को गूगल ने 1.10 करोड़ रुपये का सालाना पैकेज का ऑफर दिया है.

'पैसा ठीक है लेकिन लंदन में गूगल में नौकरी करना बड़ी बात है...'

इस खबर को सुनते ही संप्रीति के घर में खुशी की लहर दौड़ गई. परिजनों के अलावा इलाके के लोग भी काफी गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं. संप्रीति ने दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी  से कंप्यूटर साइंस से बी.टेक किया है. संप्रीति 14 फरवरी से गूगल में काम करना शुरू करेंगी.

9 राउंड के कठिन सवालों के बाद मिली कामयाबी

संप्रीति यादव के लिए गूगल की नौकरी पाने का रास्ता आसान नहीं था. बताया जा रहा है कि गूगल का इंटरव्यू नौ राउंड तक चला था. इन सभी राउंड में पटना की लाडली ने सभी सवालों के सही उत्तर दिए थे. इसके बाद ही गूगल ने संप्रीति को इतने बड़े पैकेज वाली नौकरी का ऑफर दिया. वहीं, यह भी बताया जा रहा है कि संप्रीति को माइक्रोसॉफ्ट से भी नौकरी का ऑफर मिला था.

बड़ा करने के लिए लक्ष्य तय करना बेहद जरूरी

गूगल में सेलेक्ट होने पर संप्रीति ने बताया कि गूगल की टीम की तरफ से ऑनलाइन नौ राउंड का इंटरव्यू लिया गया. मैंने इंटरव्यू के लिए कड़ी मेहनत की थी. सभी राउंड में मेरे जवाब से गूगल के अधिकारी संतुष्ट हो गए. जिसके बाद मुझे यह जॉब ऑफर की गई. संप्रीति यादव ने अपनी सफलता के बारे में बात करते हुए कहा कि अगर आप कुछ बड़ा करना चाहते हैं तो पहले अपना लक्ष्य तय करें, और फिर उसके हिसाब से तैयारी करें. अगर आप ऐसा करते हैं तो आपको सफलता निश्चित ही मिलेगी.

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संप्रीति बताती हैं कि उनके लिए पैकेज से बड़ा था कि उन्हें लंदन स्थित गूगल के ऑफिस में काम करने का मौका मिलेगा. पैकेज के बारे में तो उन्हें बाद में पता चला. जब मुझे पता चला कि मैं इंटरव्यू में पास हो गई हूं, तो मेरी खुशी को ठिकाना नहीं था. हर सॉफ्टवेयर इंजीनियर का सपना होता है कि वो बड़ी टेक फर्मों में से किसी के साथ जुड़े. मेरे लिए गूगल में नौकरी पाना और वो भी लंदन में, एक बेहतरीन एहसास था. अगर व्यक्तिगत रूप से कहूं तो मेरे लिए यह खबर आत्मविश्वास को बढ़ा देने वाला था.

संप्रीति ने देश का नाम किया रोशन

बता दें कि संप्रीति यादव पटना के नेहरू नगर की रहने वाली हैं. उनके पिता रमाशंकर यादव बैंक अधिकारी हैं, जबकि मां शशि प्रभा, बिहार सरकार में योजना एंव विकास विभाग में सहायक निदेशक के पद पर हैं. आज संप्रीति पर न केवल बिहार बल्कि पूरे देश को गर्व है. उन्होंने भारत का नाम बुलंद किया है. ऐसी प्रतिभाशाली बेटी को पाकर संप्रीति के परिवार के खुशी का ठिकाना नहीं है.

Source : News18

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