भागलपुर, रजनीश। भारत में पहली बार किसी ट्रेन का जन्मदिन मनाया जाएगा। केक काटा जाएगा और ट्रेन को तोहफे भी मिलेंगे। मालदा रेल मंडल की महत्वपूर्ण ट्रेन विक्रमशिला सुपरफास्ट एक्सप्रेस सात मार्च 2020 को 43 साल की हो जाएगी। रेल अधिकारियों ने जन्मदिन समारोह की तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस यादगार मौके पर मालदा रेल मंडल के डीआरएम यतेंद्र कुमार खास तौर पर भागलपुर आएंगे।

वर्षों तक मगध से जुड़कर चली

विक्रमशिला एक्सप्रेस सात मार्च 1977 को पहली बार पूर्व बिहार के यात्रियों को भागलपुर से लेकर नई दिल्ली तक गई थी। तब इसमें 12 कोच थे और यह कोयले से चलती थी। 1980 से यह ट्रेन पटना जंक्शन से नई दिल्ली जाने वाली मगध एक्सप्रेस के साथ जुड़कर चलने लगी। उस समय विक्रमशिला एक्सप्रेस भागलपुर जंक्शन से 12.15 बजे छूटती थी और पटना से मगध के साथ जुड़कर शाम सात बजे नई दिल्ली के लिए चलती थी।

नीतीश कुमार ने अलग किया मगध से

वाजयेपी सरकार में तत्कालीन रेल मंत्री नीतीश कुमार ने विक्रमशिला एक्सप्रेस को मगध से अलग कर दिया। इसके बाद यह फिर से भागलपुर से आनंद विहार के लिए स्वतंत्र रूप से चलने लगी। वर्षों तक यह ट्रेन आइसीएफ रैक (नीली रंग) से चली। 2017 में देश की नवीनतम तकनीक से बनी एलएचबी रैक से ट्रेन को सुसज्जित किया गया। अभी यह ट्रेन 22 कोचों के साथ चल रही है। भागलपुर से आनंद विहार टर्मिनल की 1209 किमी की दूरी करीब 21 घंटे में तय करती है। इसका परिचालन तीन रैकों से हो रहा है।

दिल्ली के लिए भागलपुर से एकमात्र ट्रेन : विक्रमशिला एक्सप्रेस भागलपुर से आनंद विहार टर्मिनल (दिल्ली) के लिए रोज चलने वाली एकमात्र टे्रन है। इस ट्रेन में पूरे साल सीटें लगभग भरी रहती हैं। ट्रेन के कोचों की खूबसूरती के लिए इसके सभी कोचों में अंग की लोक कला मंजूषा की पेंटिंग कराई गई है।

डीआरएम ने जतायी खुशी, कहा-

बहुत खुशी की बात है कि विक्रमशिला एक्सप्रेस सात मार्च को 43 साल की हो जाएगी। इस दिन को पूरी तरह से सेलिब्रेट किया जाएगा। यह ट्रेन मालदा मंडल की सबसे महत्वपूर्ण ट्रेन है।

 

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