पटना हाईकोर्ट ने सोमवार को एक अहम फैसला देते हुए राज्य में 14 चक्के के ऊपर के ट्रक से गिट्टी-बालू की ढुलाई पर लगाई गई रोक को निरस्त कर दिया। मुख्य न्यायाधीश संजय करोल तथा न्यायमूर्ति एस. कुमार की खंडपीठ ने बिहार ट्रक ऑनर एसोसिएशन व अन्य की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई के बाद 78 पन्ने का आदेश जारी किया।

कोर्ट ने सात अप्रैल को सभी मामलों पर सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट ने अपने आदेश में सरकार को ओवर लोडिंग पर अंकुश लगाने सहित पुल-पुलिया से गुजरने वाले वाहनों के लोड के बारे में स्पष्ट साइन बोर्ड लगाने का आदेश दिया। वहीं, सड़कों के बारे में भी दिशा-निर्देश जारी करने का आदेश दिया। परिवहन विभाग ने 16 दिसम्बर 2020 को अधिसूचना जारी कर 14 चक्का या उससे अधिक चक्के के ट्रकों से बालू-गिट्टी की ढुलाई पर रोक लगा दिया था। अधिसूचना में कहा गया था कि पुलों एवं सड़कों के बेहतर रख-रखाव और ओवरलोडेड वाहनों के पारिचालन पर प्रभावी नियंत्रण के लिए मोटरवाहन कानून की धारा 115 के तहत राज्य में तत्काल प्रभाव से 14 चक्का या उससे अधिक चक्का के ट्रकों से बालू-गिट्टी के उठाव एवं परिवहन पर रोक लगाया जाता है। आदेश में कहा था कि 6 से 10 चक्का के ट्रकों में अधिकतम तीन फीट के ऊँचा डाला तक एवं 12 चक्का के ट्रकों में अधिकतम तीन फीट छह इंच की ऊँचाई के डाला तक ही लोड बालू-गिट्टी का परिवहन किया जा सकेगा।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा था आठ हफ्ते में फैसला दें

परिवहन विभाग की अधिसूचना की वैधता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने तीन जनवरी को सुनवाई कर मामले को पटना हाईकोर्ट के समक्ष रखने का आदेश दिया। साथ ही हाईकोर्ट को आठ सप्ताह के भीतर सुनवाई कर अंतिम फैसला देने का निर्देश दिया।

Source : Hindustan

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