मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को राजगीर अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर से 4,475 करोड़ से निर्मित गंगाजल आपूर्ति योजना की शुरुआत की। इसके साथ ही राजगीर के हर घर में गंगाजल पहुंच गया। इसके पहले घोड़ाकटोरा व मोतनाजे में बने जलाशय व वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का मुआयना किया। इसी दौरान मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि राजगीर, गया, बोधगया व नवादा में योजना सफल रही, तो शीघ्र ही पटना सहित राज्य के कुछ और शहरों में भी ‘हर घर गंगा जल’ योजना लागू की जाएगी। पटना में इस योजना को कार्यरूप देने में काफी कम वक्त के साथ ही पैसे भी कम लगेंगे। वहां के लोगों को भी बारहों मास योजना का लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘हमने’ राजगीर समेत सूबे में काफी कुछ बना दिया, अब ‘आपलोग’ इसे जोगाइये (संभालिये)।

एएसआई वाले नहीं सुनते सोमवार से गया व बोधगया तो कुछ माह बाद नवादा के भी सभी घरों में गंगाजी की धार बहने लगेगी। सीएम बोले, राजगीर में बहुत काम हुआ। बस एक काम बाकी है। वह है जरासंध के अखाड़ा को बेहतर बनाना। एएसआई (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) वाले मेरी बात ही नहीं मानते। और, वह उन्हीं के कार्यक्षेत्र में आता है। ऐसे में हमने नई तरकीब सोची है। जरासंध अखाड़ा के बगल में बिहार सरकार अपने खर्च पर उनका स्मारक बनवाएगी। इसके लिए सीएम के सचिव अनुपम कुमार व विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह रूपरेखा तैयार करेंगे। सीएम ने कहा कि राजगीर में नये-नये काम होने के कारण प्राचीन काल से विश्व पटल पर अपनी पहचान रखने वाला इस शहर को लोग नये तरीके से समझने लगे हैं।

2009 जलसंकट दूर करने का विचार आया हमने वर्ष 2009 के राजगीर प्रवास के दौरान सभी चीजों को बारीकी से समझा। इसी क्रम में यह भी मन में कौंध रहा था कि आखिर जलसंकट से गुजरने वाले राजगीर के साथ ही गया, बोधगया व नवादा को किस तरह से स्थायी विकास किया जाये। आखिरकार, यह इन स्थलों में गंगाजी लाने की ठानी। लेकिन, पहली बार जिस विभाग (पीएचईडी) को यह काम सौंपा, उसने इसके महत्व को नहीं समझा। यह योजना ठंडे बस्ते में चली गयी। लेकिन, मेरा मन कौतूहल में था। इसी दौरान हमने कई विभागों के साथ ही सर्वदलीय बैठक बुलाकर इसपर सहमति ली।

गया की कैबिनेट बैठक में फैसला आठ घंटे की मैराथन बैठक के बाद एलाइनमेंट के लिए विशेषज्ञों की टीम के साथ हमने कई दफा इस क्षेत्र का भ्रमण किया। दिसंबर 2019 में गया में हुई कैबिनेट में इसे पारित किया गया। जल संसाधन विभाग ने समय पर काम पूरा करके देश को बाढ़ व सुखाड़ प्रबंधन में नई दिशा दिखा दी है।

Source : Hindustan

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