राज्य में शराबबंदी कानून में संशोधन होगा। अब पहली बार शराब पीते पकड़े गए तो कोर्ट जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, मजिस्ट्रेट ही जमानत दे देंगे। शराब मामलों का ट्रायल एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट, डिप्टी कलेक्टर या इससे ऊपर के रैंक के अधिकारी भी कर सकेंगे। यही नहीं, पहली बार प्राइवेट छोटी गाड़ियों, जिसमें कम मात्रा में शराब मिलेगी, उन्हें जब्त करने की बजाए जुर्माना लेकर छोड़ा जाएगा। लेकिन, बड़े और मालवाहक वाहनों को ऐसी छूट नहीं मिलेगी। दरअसल, मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में शराबबंदी कानून में दूसरी बार संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
और क्या-क्या बदलने का प्रस्ताव
शराब की बिक्री संगठित अपराध
शराब की बिक्री और तस्करी करने वालों पर नकेल कसने के लिए और सख्त कानून की संभावना है। राज्य में शराब की बिक्री संगठित अपराध की श्रेणी में आएगा और इसमें लगे लोगों की संपत्ति जब्त की जाएगी।
घर-परिसर एएसआई भी सील कर सकेंगे
शराबबंदी कानून के सेक्शन 62 में बदलाव की तैयारी है। नए प्रावधान के अनुसार जिस जगह से शराब बरामद होगी, उसे अब एएसआई भी सील कर सकेंगे। अभी यह अधिकार एसआई और ऊपर के अधिकारियों को ही है।
जब्ती की जगह ही नष्ट करने का पावर
संशोधन के प्रावधान के अनुसार जब्त की गई शराब को अगर किसी वजह से सुरक्षित ले जाना संभव नहीं है तो उसे बरामदगी वाली जगह पर ही डीएम के निर्णय से नष्ट किया जा सकेगा। अधिकारी उसका सैंपल सबूत के तौर पर रखेंगे।
Source : Dainik Bhaskar