अक्सर जब पैसों की जरूरत होती है तो हम सब या तो दोस्तों या रिश्तेदारों से कर्ज लेते हैं या फिर बैंक के पास लोन के लिए अप्लाई करते हैं। लेकिन क्या आपने कभी ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी (overdraft facility) के बारे में सुना है। अगर नहीं तो ये जान लीजिए कि ये ऐसी सुविधा है जिसके तहत आप अपने खाते में मौजूद रकम से ज्यादा पैसा निकाल सकते हैं। रह गए न हैरान ! आप सोच रहे होंगे कि ऐसा कैसे मुमकिन है ! लेकिन यह बिल्कुल संभव है। आपको बस कुछ जरूरी शर्तें फॉलो करनी होंगी। हम आपको बताते हैं कि क्या है ये ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी और यह आपको कैसे मिलेगी।

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क्या है Overdraft Facility

आमतौर पर हम सोचते हैं कि हम अपने बैंक अकाउंट से उतना ही पैसा निकाल सकते हैं, जितना उसमें जमा है। लेकिन, कई बैंक और नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियां (NBFC) अपने ग्राहकों को मौैजूद रकम से ज्यादा पैसे निकालने की सुविधा देती हैं। इसे ही ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी कहते हैं। इसका फायदा तब मिलता है जब आपको पैसे की अचानक जरूरत पड़ जाए। दरअसल, यह एक तरह का लोन ही है। इसके तहत आप बैंक अकाउंट में मौजूद बैलेंस से ज्यादा पैसे निकाल सकते हैं।

कब तक वापस करना होगा पैसा

आप जितना अमाउंट निकालते है, उसे एक निश्चित अवधि के भीतर चुकाना होता है। ऐसा न करने पर ब्याज भी लगता है। यह ब्याज रोजमर्रा आधार पर कैलकुलेट होता है। आपको कितना ओवरड्राफ्ट मिलेगा यानी इसकी लिमिट क्या रहेगी, यह बैंक या NBFCs तय करते है। अलग-अलग बैंकों और नॉन बैंकिंग कंपनियों में यह लिमिट अलग-अलग हो सकती है।

कैसे मिलती है यह फैसिलिटी

बैंक और नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियां अपने कुछ कस्‍टमर्स को यह सुविधा प्री-अप्रूव्ड देते हैं। जबकि कुछ ग्राहकों को इसके लिए अलग से आवेदन करना होता है। आप बैंक की ब्रांच या इंटरनेट बैंकिंग के जरिए भी अप्‍लाई कर सकते हैं। कुछ बैंक इस सर्विस के लिए फीस भी लेते हैं। इसलिए बेहतर है कि ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी के लिए अप्‍लाई करने से पहले प्रोसेसिंग फीस के बारे में जानकारी प्राप्त कर लें। आमतौर पर बैंक सैलरी अकाउंट के बदले भी ओवरड्राफ्ट देते हैं। आपकी ओवरड्राफ्ट लिमिट सैलरी का 2 से 3 गुना हो सकती है। इस तरह के ओवरड्राफ्ट सुविधा के लिए आपका सैलरी अकाउंट उसी बैंक में होना चाहिए. जिससे आप ओवरड्राफ्ट लेना चाहते हैं।

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कितने तरह की होती है फैसिलिटी

ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी दो तरह की होती है, एक सिक्योर्ड और दूसरी नॉन अनसिक्योर्ड। सिक्योर्ड ओवरड्राफ्ट वह है, जिसमें सिक्योरिटी के तौर पर कुछ गिरवी रखा जाता है, जैसे FD, शेयर, घर, सैलरी, इंश्योरेंस पॉलिसी आदि। अगर आपके पास कुछ भी सिक्योरिटी के तौर पर देने के लिए नहीं है तो भी आप ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी ले सकते हैं, लेकिन इसका तरीका अलग है। क्रेडिट कार्ड से पैसा निकालना अनसिक्योर्ड ओवरड्राफ्ट का उदाहरण है। पर्सनल लोन के मुकाबले ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी अच्छा विकल्प है। तय अवधि से पहले भी बिना कोई चार्ज दिए आप बैंक को पैसे वापस कर सकते हैं। ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी में आपको ब्याज भी केवल उतने ही समय का देना होता है, जितने वक्त तक आपने ओवरड्राफ्ट अमाउंट अपने पास रखा है।

Source : Dainik Jagran

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