इस्लामाबाद. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले से निराशा जताई, जिसमें नेशनल असेंबली को भंग करने और राष्ट्रपति आरिफ अल्वी को उनके द्वारा दी गई सलाह को असंवैधानिक करार दिया गया है. राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में उन्होंने कोर्ट के फैसले पर अफसोस जताते हुए कहा कि विदेशी साजिश की बात को कोर्ट ने क्यों नहीं देखा, कोर्ट को सबूत देखने चाहिए थे.
उन्होंने आगे कहा, “देश में खुलेआम सांसदों की खरीद फरोख्त हो रही हैं. सुप्रीम कोर्ट को इसे देखना चाहिए था. विपक्ष के लोग बिके हुए हैं.” अपने संबोधन के दौरान इमरान खान ने एक बार फिर भारत की तारीफ की. वे हिन्दुस्तान का नाम लेकर भावुक हुए और कहा कि भारत में उन्हें बहुत इज्जत मिली. भारत को खुद्दार देश बताते हुए उन्होंने वहां की आजाद विदेश नीति को भी सराहा. उन्होंने कहा, “किसी की जुर्रत नहीं की भारत के खिलाफ साजिश करे. दुनिया में भारत की इज्जत है, लेकिन हम गुलाम मुल्क.”
इमरान ने अमेरिका पर साधा निशाना
इमरान खान ने दोबारा अमेरिका पर अपनी सरकार को गिराने की साजिश रचने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, “चार महीने पहले अमेरिका ने साजिश रचनी शुरू की. अमेरिका ने हमारे राजदूत को धमकी दी. अमेरिका ने मुझे हटाने के लिए कहा था. मीडिया में भी पैसे चल रहे थे. मीडिया को शर्म नहीं आई. हमें धीरे-धीरे बातें पता चली. हमें पता चला कि अमेरिका के डिप्लोमेट हमारे नेताओं से मिल रहे हैं.’
इमरान बोले, मैं किसी की कठपुतली नहीं
उन्होंने कहा, “हमारी सरकार गिराने की पूरी प्लानिंग बनी हुई थी. मेरा कसूर ये है कि मुझे बाहर से,पैसे से कंट्रोल नहीं कर सकते. लेकिन मैं किसी की कठपुतली नहीं बन सकता. मेरा कोई चोरी का पैसा विदेशी बैंकों में नहीं. विपक्ष पैसे के लिए मुल्क की कुर्बानी देने के लिए तैयार है.” उन्होंने विपक्ष और सत्ता विरोधी ताकतों को चुनौती देते हुए कहा कि ‘मैं जनता की बीच रहा हूं और रहूंगा. इसलिए इलेक्शन कराएं और फैसला करा लें.’
‘गुलामी को स्वीकार ना करे कौम’
राष्ट्र के नाम संबोधन के आखिर में इमरान खान ने जनता से सड़कों पर आने की अपील करते हुए उनसे लोकतंत्र की हिफाजत करने को कहा. उन्होंने कहा, “लोग रविवार को शांति से सड़कों पर निकले, शांतिपूर्ण तरीके से विरोध-प्रदर्शन करें. जनता ही लोकतंत्र और संप्रभुता की रक्षा करे. पाकिस्तान की जनता आजाद कौम की तरह खड़ी हो. गुलामी को स्वीकार ना करे कौम. मैं जनता के साथ संघर्ष करूंगा.”
इमरान खान ने देश के उच्चतम न्यायालय के उस निर्णय के एक दिन बाद देश को संबोधित किया, जिसमें उनसे अपने खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का सामना करने को कहा गया था.
9 अप्रैल को अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान
रिपोर्ट में उनके हवाले से कहा गया, ‘जाहिर है, विपक्ष को लगता है कि वह जीत गया है, लेकिन ऐसा नहीं है. वे हार गए हैं.’ चौधरी ने कहा, ‘कप्तान (खान) आज एक महत्वपूर्ण घोषणा करेंगे. वह देश को कभी निराश नहीं करेंगे.’ उल्लेखनीय है कि खान ने पिछले हफ्ते नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव लाये जाने से पहले सदन में बहुमत खो दिया था. खान को शनिवार को नेशनल असेंबली में शिकस्त मिलने की उम्मीद है.
विपक्षी दलों को जरूरी समर्थन हासिल
प्रधानमंत्री खान को अपदस्थ करने के लिए विपक्षी दलों को 342 सदस्यीय सदन में 172 सदस्यों के समर्थन की जरूरत है और उन्होंने जरूरी संख्या से अधिक सदस्यों का समर्थन पहले ही प्रदर्शित कर दिया है. एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर में कहा गया है कि खान की पार्टी ने नई सरकार का हर मंच पर विरोध करने का फैसला किया है. खबर में कहा गया है कि खान के अब, पाकिस्तान के इतिहास में अविश्वास प्रस्ताव के जरिये सत्ता से हटाये जाने वाले पहले प्रधानमंत्री होने की संभावना है.
शीर्ष न्यायालय ने नेशनल असेंबली को भंग करने की, राष्ट्रपति आरिफ अल्वी को प्रधानमंत्री खान द्वारा दी गई सलाह को भी असंवैधानिक करार दिया है. न्यायालय ने नेशनल असेंबली के अध्यक्ष (स्पीकर) को नौ अप्रैल को (स्थानीय समयानुसार) पूर्वाह्न 10 बजे अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान कराने का आदेश दिया है. इसने आदेश दिया है कि यदि अविश्वास प्रस्ताव पारित हो गया तो नये प्रधानमंत्री को चुना जाए.
Source : News18