बिहार में कोरोना के आंकड़े फिर से तेजी से बढ़ रहे हैं। इन सबसे बीच मरीजों में अजीब सा पैटर्न देखने को मिल रहा है। मरीजों में कोई लक्षण नहीं दिख रहे हैं। अचानक उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है। और मौत हो जा रही है। बिहार में 45 दिन में 15 लोगों ने दम तोड़ा है। सभी मौतों का एक जैसा पैटर्न है। यहां तक की उनके परिवार से कोई भी संक्रमित नहीं हुआ है। डॉक्टर्स भी कोरोना के लक्षणों को नहीं पकड़ पा रहे हैं।

30 साल के राजेश कुमार को 7 जून को पटना AIIMS में भर्ती कराया गया। हाथ पैर में दर्द की समस्या से भर्ती राकेश को कोरोना का कोई लक्षण नहीं था। पटना AIIMS ने 7 दिन बाद कोरोना की जांच कराई तो वह पॉजिटिव पाया गया। पटना AIIMS ने 18 जून को कोरोना वार्ड में शिफ्ट किया, लेकिन 15 जुलाई तक वह निगेटिव नहीं हुआ। वह जिंदगी की जंग हार गया।

45 दिन में 15 मौत, नहीं मिली संक्रमण की जड़

एक जून से 15 जुलाई तक बिहार में कोरोना से 15 लोगों की मौत हुई लेकिन किसी भी मामले में संक्रमण की जड़ का पता नहीं चल पाया है। इस बार कोरोना के संक्रमण का सबसे चौंकाने वाला पहलू यही है कि परिवार में किसी की मौत होती है, लेकिन पूरा परिवार निगेटिव पाया जाता है। अब तक की 3 लहर में पहली बार ऐसा देखा जा रहा है जब ऐसे केस सामने आ रहे हैं। पूर्व में क्लोज कांट्रैक्ट में रहने वाले संक्रमित पाए जाते थे।

Source: Dainik Bhaskar

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