उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 80 साल की महिला की खूंखार नस्ल के पिटबुल ने हत्या कर दी थी। मामले ने देश में चर्चा बटोरी थी। कुछ ऐसी ही घटना बिहार के औरंगाबाद से सामने आई है। इस बार जान लेने वाले कुत्ते पालतु नहीं हैं। देव थाना क्षेत्र के एरकी गांव में शनिवार की रात कुत्तों ने गिधौल गांव निवासी रवि रौशन कुमार (30) की जान ले ली। कुत्तों ने पहले युवक को मारा फिर उसके शरीर के कई भाग खा गए।
इस दौरान उसके पैर का हिस्सा गायब मिला। घटना के बाद एरकी एवं आसपास के गांवों में दहशत व्याप्त है। एरकी के अलावा, गिधौल, बनिया, गोपालपुर, अजनियां समेत अन्य गांवों के ग्रामीण इस आशंका से डरे हैं कि कुत्ते किसी बच्चे, बुजुर्ग अथवा अन्य पर हमला कर सकते हैं।
ग्रामीण राजीव रंजन कुमार उर्फ चिंटू कुमार ने बताया कि घटना उनके दरवाजे पर हुई है। रात को सभी लोग सो चुके थे, तभी गांव के कुत्तों ने एक युवक पर हमला कर उसे मार डाला। जाने लेने के बाद उसे नोच कर खा गए। उसके पैर का एक हिस्सा गायब मिला। घटना की जानकारी सुबह तब हुई जब युवक का क्षत-विक्षत शव मिला। घटना की सूचना युवक के पिता नरेश चौरसिया को दी गई। सूचना पर पहुंचे पिता, मां समेत गांव के अन्य ग्रामीण पहुंचे और शव को रोते हुए ले गए।
बताया कि युवक मानसिक रूप से विक्षिप्त था। प्रतिदिन अपने घर से निकल जाता था और आसपास के गांवों में घूमते रहता था। मानसिक रूप से विक्षिप्त होने के कारण न बोल पाता था न उसका शरीर विकास कर सका था। स्थानीय लोगों ने बताया कि युवक को घर ले जाने के लिए पिता को सूचना भेजी गई थी, पर वह नहीं ले गए थे। उधर, गिधौल गांव के ग्रामीणों ने बताया कि हर दिन युवक घर से बाहर निकलकर घूमता रहता था। यह आशंका नहीं थी कि कुत्ते जान भी ले सकते हैं। घटना से ग्रामीण आश्चर्यचकित हैं।
Source: Dainik Jagran