बिहार में वरिष्ठ आईएएस अधिकारी केके पाठक  ने विभागीय बैठक के दौरान बिहार के लोगों और ‘बासा’ के अधिकारियों के खिलाफ अपमानजनक बातें कहीं हैं। जिसका एक वीडियो वायरल हो रहा है। लेकिन अब केके पाठक के बचाव में बिहार पब्लिक एडमिशनट्रेशन  एंड रूरल डेवलेपमेंट (BPARD)उतर आया है। BPARD ने प्रेस रिलीज जारी करते हुए वीडियो को पुराना बताया है और खेद प्रकट किया। और कहा कि अब फिर से इस मुद्दे को बेवजह उछाला जा रहा है। इसमें ट्रेनिंग के दौरान पदाधिकारियों के अनुसाशनहीनता की बात भी कही गयी है।

वायरल हो रहा वीडियो 2 अक्टूबर 2022 का है। इस दौरान नवनिर्मित बिपार्ड गया परिसर में बिहार प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारियों का प्रशिक्षण शुरु हुआ था। प्रारंभ से ही बिहार प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारियों ने अमार्यादित व्यवहार और अनुशासन तोड़ने का लगातार प्रयास किया गया।  बिहार प्रशासनिक सेवा के प्रशिक्षु पदाधिकारियों ने इसका विरोध भी किया था। यही नहीं बिहार प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारियं का मेस स्टाफ, हाउसकीपिंग स्टाफ, संकाय सदस्य के साथ भी व्यवहार ठीक नहीं था।

नवंबर 2022 में बिहार पंचायत राज सेवा के प्रशिक्षु पदाधिकारियों का प्रशिक्षण शुरू हुआ। जिसमें बिहार प्रशासनिक सेवा के प्रशिक्षु पदाधिकारियों  ने खुद को उच्च सेवा का बताते हुए बिहार पंचायत राज सेवा के प्रशिक्षु पदाधिकारियों के साथ मेस में एक साथ खाना खाने से मना कर दिया गया और विरोध दर्ज किया गया।  इससे पूर्व भी बिहार प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारियों ने बिहार निबंधन सेवा के पदाधिकारियों के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार किया गया था।

BPARD ने प्रेस रिलीज का सार बताते हुए कहा कि एक और जहां बिहार में प्रशिक्षण और विकास के क्षेत्र में बिपार्ड के प्रयास से प्रशिक्षण कार्य में एक नई ऊंचाई को प्राप्त किया है जो बिहार के लिए गर्व की बात है। दूसरी ओर बिहार प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारियों और उनके संघ के द्वारा प्रशिक्षण में हो रहे नवाचार और अच्छे प्रयास के प्रति नकारात्मक सोच स्पष्ट रूप से दिखी है। बासा के पदाधिकारी और इनके संघ द्वारा लगातार अपने आप को श्रेष्ठ व्यवस्था से ऊपर दिखलाने का प्रयास रहा है। विशुद्ध प्रशिक्षण और प्रशासकीय विषय को बिहार प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारी और बासा संघ ने एक हथियार बनाकर छवि को धूमिल करने का प्रयास किया है जो निंदनीय है। जबकि बिपार्ड राष्ट्रीय स्तर पर प्रशिक्षण के क्षेत्र में एक अपना विशिष्ट स्थान हासिल करने की ओर अग्रसर है।

एक तरफ बिपार्ड आईएएस केके पाठक के बचाव में उतरा है तो वहीं दूसरी तरफ बासा के महासचिव सुनील तिवारी ने पटना के सचिवालय थाने में दो पेज की शिकायत और 36 सेकंड की वीडियो क्लिप जमाकर केके पाठक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की। बिहार में बासा और बिपार्ड अब आमने-सामने आ गए हैं।

Source : Hindustan

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