बिहार में ठनका से प्रभावित 15 जिलों में अब हूटर बजाकर लोगों को सचेत किया जाएगा। नल-जल योजना में बने टावर (जलमीनार) में एक मई से हूटर या सायरन लगाया जाएगा, जो ठनका गिरने के कुछ देर पहले लोगों को सचेत करेगा। सरकार की कोशिश है कि सायरन की आवाज सुनकर खेतों या खुले में खड़े लोग किसी सुरक्षित स्थान पर छिप जाएं ताकि जान-माल का नुकसान न हो।
हूटर लगाने की कवायद बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से की जाएगी। राज्य के 15 जिले जमुई, बांका, नवादा, गया, औरंगाबाद, अररिया, पूर्णिया, भागलपुर, कटिहार, पटना, नालंदा, रोहतास, सारण, पूर्वी चम्पारण और भोजपुर में ठनका से सबसे अधिक जान-माल का नुकसान हो रहा है। शहरी इलाकों की तुलना में ग्रामीण इलाकों में अधिक लोग प्रभावित हो रहे हैं। विशेषकर कृषि व पशुपालन की गतिविधियों से जुड़े लोग इससे अधिक प्रभावित हो रहे हैं।
एक मई से हूटर लगाने की प्रक्रिया बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण शुरू कर देगा। पहले चरण में पटना, गया और औरंगाबाद में यह व्यवस्था शुरू होगी। मंगलवार को प्राधिकरण की ओर से आयोजित कार्यशाला में यह जानकारी दी गई।
Source : Hindustan