भाजपा और जदयू के बीच गठबंधन में एक और कड़ी जुड़ गई है। ये दोनों पार्टियां फिलहाल बिहार के अलावा केंद्र सरकार में गठबंधन में हैं। अन्य राज्यों में इन पार्टियों के बीच अब तक कोई गठबंधन नहीं है। मणिपुर में जदयू ने तय किया है कि वह भाजपा को सरकार के गठन में अपना समर्थन देगा। जदयू ने तय किया है कि मणिपुर के हित में वह भाजपा को वहां समर्थन करेगा। मणिपुर में भाजपा बहुमत में है। जदयू वहां सरकार में शामिल होगी या नहीं, इस बारे में अभी कोई प्रस्ताव नहीं है।
जदयू से मिली आधिकारिक जानकारी के अनुसार, पार्टी ने भाजपा को अपने समर्थन का लिखित पत्र सौंप दिया है। यह कहा गया है कि मणिपुर में जदयू को सरकार बनाने का जनादेश है। उसने भाजपा से यह अपील भी की है कि जनादेश के तहत वह मणिपुर के लोगों की आशा और आकांक्षा को पूरा किए जाने की दिशा में काम करे।
- मणिपुर में जदयू ने भाजपा को अपना समर्थन दिया
- पार्टी बोली- राज्य के हित में लिया फैसला
- के जयकिशन सिंह बने विधायक दल के नेता
जदयू ने छह स्थानों पर भाजपा प्रत्याशी को हराकर पाई है सफलता
मणिपुर विधानसभा चुनाव में जदयू ने बगैर किसी गठबंधन के अपने दम पर चुनाव लड़ा था। कुल 36 सीटों पर जदयू के प्रत्याशी थे, जिनमें से छह जीतकर आए हैैं। जदयू के प्रत्याशियों ने सीधी टक्कर में भाजपा के प्रत्याशियों को हराया था। जदयू के संबंधित अधिकारियों ने बताया कि मणिपुर में जदयू का भाजपा को समर्थन बगैर किसी करार के है। जदयू के निर्वाचित विधायकों ने दो दिन पहले पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भेंट भी की थी।
दो दिन पहले नीतीश कुमार से मिले थे नवनिर्वाचित विधायक
मणिपुर जदयू विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मति से यह तय किया गया कि के जयकिशन सिंह नेता होंगे। विधायक दल के नेता चुने जाने को ले हुई बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आफाक अहमद खान भी मौजूद थे। नार्थ-ईस्ट एक्जीक्यूटिव कांउसिल के समन्वयक अनिल हेगड़े भी उपस्थित थे। मणिपुर में जदयू के सभी नवनिर्वाचित विधायक पटना आकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिले थे।