राजद अध्‍यक्ष लालू यादव जल्‍द ही पटना आ सकते हैं। सीबीआइ की अदालत ने इस संबंध में आदेश जारी किया है। लालू के वकील ने इसके लिए अदालत में अर्जी लगाई थी, जिसे मंजूर कर लिया गया है। चारा घाेटाला यानी पशुपालन घोटाला से संबंधित मुकदमे में सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश प्रजेश कुमार सिंह की अदालत ने बुधवार को गवाही के लिए राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव समेत तीन आरोपितों के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट जारी किया है। इस संबंध में अदालत ने झारखंड के जेल आइजी को 25 फरवरी को सभी आरोपितों को कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया है।

भागलपुर और बांका कोषागार से जुड़ा है मामला

अदालत ने कहा है कि यदि तय तिथि पर आरोपितों को पेश नहीं कर पाते हैं तो आरोपितों की गवाही कराने की व्यवस्था वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जेल में ही कराने की व्यवस्था करें। मामले के दो अन्य आरोपित पूर्व आइएएस अधिकारी बेक जुलियस और आरके राणा हैं। इस संबंध में लालू प्रसाद यादव के अधिवक्ता ने कोर्ट में एक आवेदन देकर प्रोडक्शन वारंट जारी करने का अनुरोध किया था। यह मामला कांड संख्या आरसी 63 (ए)/96 से संबंधित है। यह मामला बिहार के भागलपुर और बांका काेषागार से अवैध निकासी से जुड़ा हुआ है।

26 लोगों के खिलाफ चल रही है सुनवाई

इस संबंध में लालू प्रसाद यादव के अधिवक्ता सुधीर कुमार सिन्हा ने बताया कि लालू प्रसाद यादव अभी 47 (ए)/96 में बिरसा मुंडा होटवार रांची जेल में हैं। आरसी 63 (ए) /96 का मामला भागलपुर जोन के बांका जिला के उपकोषागार से फर्जी विपत्र के सहारे 46 लाख रुपये की अवैध निकासी का है। सीबीआइ ने इस मामले में 1996 में मामला दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया था। सीबीआइ ने इस मामले में 44 आरोपितों के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दाखिल किया था। अदालत ने इस मामले में 2012 में 33 आरोपितों के खिलाफ आरोप तय किया था। इस मामले में अभी लालू प्रसाद यादव समेत 26 लोगों के खिलाफ अदालत में सुनवाई चल रही है।

रिम्‍स में चल रहा है लालू का इलाज

राजद अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के वकील ने उन्हें रांची से पटना लाने के लिए उपाय लगा दिया है। राजद के अध्यक्ष जल्द ही पटना लौट सकते हैं। आपको बता दें कि चारा घोटाले के डोरंडा कोषागार मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद रांची की सीबीआई अदालत ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। उन्हें रांची की होटवार जेल ले जाया गया था, हालांकि खराब स्वास्थ्य के आधार पर उनकी गुहार को देखते हुए कोर्ट ने रिम्स में उनका इलाज कराने की अनुमति दी। इसके बाद लालू यादव रांची स्थित रिम्‍स अस्‍पताल के पेइंग वार्ड में भर्ती हैं।

एक साल पहले ही निकले थे जेल से

लालू यादव कई तरह की गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं। उन्हें किडनी की भी परेशानी है। करीब 3 साल तक चारा घोटाले के अन्य मामले में जेल में बंद रहने के दौरान उनकी तबीयत लगातार बिगड़ती चली गई। इस मामले में आधी सजा पूरी करने के बाद उनके वकील ने खराब स्वास्थ्य का हवाला देकर जमानत मांगी थी, जिसके बाद रांची की कोर्ट ने पिछले साल जनवरी महीने में लालू यादव को जमानत दी थी। लेकिन चारा घोटाले के एक और मामले में फिर से दोषी ठहराए जाने के बाद लालू फिर से झारखंड की जेल में पहुंच गए हैं।

अदालत ने दी थी पेशी से छूट

लालू यादव के वकील ने पटना के सीबीआई अदालत में प्रोडक्शन वारंट के लिए अर्जी लगाई है। इसका मतलब यह है कि लालू के वकील अपने मुवक्किल को पटना की कोर्ट में हाजिर कराना चाहते हैं। आपको बता दें कि पटना की सीबीआई अदालत में भी लालू के खिलाफ चारा घोटाले का एक मामला चल रहा है। यह मामला बिहार के भागलपुर और बांका कोषागार से अवैध निकासी से जुड़ा हुआ है। कुछ दिनों पहले लालू इस मामले में अदालत में पेश हुए थे और उनके वकील ने गुहार लगाई थी लालू के खराब स्वास्थ्य को देखते हुए उन्हें इस मामले में पेशी से छूट दी जाए। न्यायालय ने उनकी अर्जी मंजूर भी कर ली थी। लालू के रांची जेल में शिफ्ट होने के बाद उनके वकील उन्हें पटना की अदालत में पेश करने के लिए अनुमति मांग रहे हैं।

जान लीजिए क्या है प्रोडक्शन वारंट

जेल में बंद आरोपित को यदि दूसरे मुकदमे की पड़ताल के लिए उससे पूछताछ करने की जरूरत पड़ती हो तो संबंधित न्यायालय जेल अधीक्षक को वारंट जारी कर आरोपित को पेश करने का निर्देश देता है। उसे प्रोडक्शन वारंट कहा जाता है। प्रोडक्शन वारंट मिलने पर जेल अधीक्षक आरोपित को सक्षम न्यायालय में निर्धारित तिथि को प्रस्तुत करते हैं।

Source : Dainik Jagran

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