घरेलू हिंसा मामले में महिला ही महिला की समस्या का कारण है। पति-पत्नी के बीच ‘वो’ दीवार बन रही है। महिला हेल्पलाइन में आ रहे घरेलू हिंसा के अधिकांश मामलों की जड़ में प्रेमिका है। इसका सबसे बुरा असर परिवार के बच्चों पर पड़ रहा है। कई परिवार टूटने की कगार तक पहुंच गए। महिला हेल्पलाइन की अधिकारियों का कहना है कि पति-पत्नी को अपनी जिम्मेदारियों का ईमानदारी से पालन करना चाहिए। महिला हेल्पलाइन, पटना में गत पांच महीने में महिलाओं की 205 कुल शिकायतें आईं। इनमें 115 मामले घरेलू हिंसा के थे। घरेलू हिंसा के कुल मामले में 80 प्रतिशत घरेलू हिंसा की वजह पति की प्रेमिका थीं। महिला हेल्पलाइन की अधिकारियों ने ऐसे मामले में पति-पत्नी और प्रेमिका की काउंसरिंग की। काउंसलिंग के बाद शिकायत लेकर महिला हेल्पलाइन पहुंची पीड़ित अब अपने परिवार के साथ शांति पूर्वक जीवन बिता रही है।

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संस्कारों में आई कमी

महिला हेल्पलाइन की सेंटर मैनेजर प्रमिला कुमारी ने बताया कि समाज में वर्तमान में संस्कारों की अहमियत में कमी आती जा रही है। एकल परिवार में बुजुर्गों की रोक-टोक ना होने से पुरुष वर्ग ज्यादा स्वतंत्र है। वह विवाहेतर संंबंध बनाने के बाद परिवार की परवाह नहीं करते हुए अलग रहने की ठान लेते हैं। इसका सबसे ज्यादा प्रभाव बच्चों पर पड़ रहा है। अवैध संबंध से कई परिवार के टूटने की नौबत आ जाती है।

महिला हेल्पलाइन में वर्ष 2022 में आई शिकायतें

  • घरेलू हिंसा –       18-       29-     15-   23- 30
  • दहेज हत्या –       00-       00-      02-   00-01
  • दहेड प्रताड़ना –   05-       02-      05-   03-02
  • जमीनी विवाद –   00-      01-       01-  00-00″
  • यौन उत्पीड़न – 02- 02- 03- 05-05
  • अन्य – 12- 07- 08- 11-09

Source: Dainik Jagran

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