मीनापुर : सिवाईपट्टी थाना के रघई गांव से पांच दिन पहले लापता दीपक कुमार की मंगलवार सुबह खरार के समीप बूढ़ी गंडक में लाश मिली। परिजनों का आरोप है कि दीपक को अगवा कर पुल से नदी में फेंक दिया गया जिससे उसकी मौत हुई है। हत्या का आरोप लगा पुलिस के खिलाफ नाराजगी जता रहे थे।

मौके पर पहुंची पुलिस को लोगों ने शव नहीं उठाने दिया। परिजन पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगा रहे थे। बाद में डीएसपी पूर्वी मनोज पांडेय मौके पर पहुंचे। कार्रवाई का आश्वासन देकर लोगों को शांत कराया। करीब तीन घंटे बाद दोपहर 12 बजे में पुलिस शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए एसकेएमसीएच भेज दिया। डीएसपी ने बताया कि पुलिस सभी बिंदुओं पर जांच कर रही है। परिजन के आवेदन पर पहले से गुमशुदगी का केस दर्ज है। अब परिजन के आरोप के आधार पर उक्त केस में धारा जोड़ी जाएगी। थानाध्यक्ष ललित कुमार ने बताया कि पुलिस आवेदन मिलने पर छानबीन कर रही थी। परिजन के आवेदन का इंतजार किया जा रहा है।

रात में बचाओ-बचाओ की लगाता रहा आवाज

दीपक के पिता ने कई बातें पुलिस को बतायी। उन्होंने बताया कि गांव के कुछ मछुआरों ने बताया कि दो फरवरी की रात करीब एक बजे में एक बोलेरो से कुछ लोग रघई पुल पर आकर रुके और किसी को नीचे पानी में फेंक दिया। वह बचाओ-बचाओ की आवाज लगा रहा था। अगले दिन परिजन मछुआरों की मदद से नदी में तलाशी अभियान शुरू किया। लेकिन दीपक का पता नहीं चला। मंगलवार को उसका शव रघई पुल से थोड़ी दूरी पर बरामद किया गया।

दो फरवरी की रात हुआ था गायब

पिता श्यामलाल चौधरी ने बताया कि दीपक दो फरवरी को खाना खाने के बाद घर में दादा के साथ सो गया था। आधी रात को उनकी नींद खुली तो वह अपने विस्तर पर नहीं था। तीन फरवरी की सुबह उन्होंने सिवाईपट्टी थाना को इसकी सूचना दी।

पढ़ाई के साथ दुकान में करता था काम

दीपक कुमार स्नातक का छात्र था। हरपुरबक्स के समीप एक दवा की दुकान में पार्ट टाइम जॉब करता था। परिजनों ने हत्या का कारण नहीं बताया है। घटना के बाद से उसकी मां ललिता देवी का रो-रोकर बुरा हाल है। गांव के लोग भी घटना से स्तब्ध हैं।

Source : Hindustan

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