राज्य में मनरेगा श्रमिकों को एक महीने से अधिक दिनों से मजदूरी नहीं मिल रही है। इस कारण 24 लाख से अधिक परिवारों के श्रमिकों का पारिश्रमिक बकाया है। यह राशि करीब 1200 करोड़ की है। इसको लेकर ग्रामीण विकास विभाग केंद्र सरकार से संपर्क में है। केंद्र से आश्वासन मिला है कि दो-तीन दिनों के अंदर मजदूरी का भुगतान श्रमिकों के खाते में कर दिया जाएगा।

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जून के पहले सप्ताह से ही श्रमिकों को मजदूरी का भुगतान नहीं हो रहा है। हालांकि, विभाग का कहना है कि केंद्र सरकार को सभी श्रमिकों के भुगतान के लिए आवश्यक कार्रवाई कर रिपोर्ट भेज दी गई है। अब सिर्फ श्रमिकों के खाते में भुगतान करना शेष है। राशि जारी होते ही श्रमिकों के खाते में भुगतान कर दिया जाएगा। वर्तमान में प्रतिदिन औसतन नौ से दस लाख श्रमिकों को मनरेगा के तहत काम मिल रहा है। बरसात का मौसम होने के कारण इस संख्या में कमी आई है। पिछले माह के शुरुआत में 20 लाख श्रमिक मनरेगा में प्रतिदिन काम कर रहे थे। पदाधिकारी बताते हैं कि चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 में केंद्र ने बिहार को मनरेगा में 15 करोड़ मानव दिवस सृजित करने का लक्ष्य दिया है। नवंबर, 2022 तक ही इस लक्ष्य को पूरा करने की तैयारी है। ताकि, इसके बाद लक्ष्य बढ़ाने का केंद्र सरकार से आग्रह किया जा सके। मनरेगा में एक दिन की प्रति श्रमिक मजदूरी 210 रुपये है।

Source : Hindustan

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