पटना. यूक्रेन में भारत के विभिन्न राज्यों के लगभग 20 हजार छात्र यहां की अलग-अलग यूनिवर्सिटी में मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे हैं. इनमें बिहार के 1,000 हजार से ज्यादा स्टूडेंट शामिल हैं. यह सभी यूक्रेन  में मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने गए हुए हैं. यह छात्र पटना, पूर्णिया, दरभंगा, छपरा, आरा, बक्सर समेत कई अन्य जिलों के हैं. यूक्रेन  में ओडेसा नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहे बिहारी छात्र काफी परेशान हैं. ताजा हालात को देखते हुए यह सभी छात्र अपने वतन और अपने प्रदेश लौटना चाहते हैं. लेकिन, उन्हें हवाईजहाज का टिकट  मिलने में काफी दिक्कत हो रही है जिसके चलते इनकी चिंता बढ़ती जा रही है.

यूक्रेन में रह रहे बिहार के एक हजार छात्र

रूस और यूक्रेन के बीच लगातार युद्ध का खतरा मंडरा रहा है. रूस ने अपने एक लाख से ज्यादा सैनिकों और घातक हथियारों का सीमा पर तैनात कर रखा है. अमेरिका सहित तमाम देशों ने अपने नागरिकों को यूक्रेन छोड़ने की एडवाइजरी जारी की है. यूक्रेन में बिहार सहित देश भर के करीब 20 हजार छात्र फंसे हुए हैं. इनमें से बिहार के 1,000 हजार छात्र शामिल हैं. अधिकांश छात्र मेडिकल और कुछ यहां इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने गए हैं. यूक्रेन में फंसे छात्रों और उनके परिजनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उनकी सही सलामत वापसी की मांग की है.

यूक्रेन में मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे 1,000 से ज्यादा बिहारी स्टूडेंट्स ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अपनी वतन वापसी की गुहार लगाई है

परेशान छात्रों की गुहार

पूर्णिया के मो. नसीम, सीवान के शकिब खान, पटना के राकेश यादव, सूरज यादव, आरा के आलोक यादव सहित कई छात्र यूक्रेन के ओडेसा नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में MBBS की पढ़ाई कर रहे हैं. इन लोगों का कहना है कि बिहार के एक हजार से ज्यादा छात्र यूक्रेन में फंसे है. इन छात्रों का कहना है कि वैसे शहर के अंदर किसी प्रकार की दिक्कत नहीं है. लेकिन, हालात नाजुक होते जा रहे है जिससे उनकी चिंता बढ़ती जा रही है इसलिए वो सभी भारत लौटना चाहते हैं.

यूक्रेन की फ्लाइट की टिकट करा दी रद्द

यूक्रेन की राजधानी कीव स्थित भारतीय दूतावास ने एक एडवाइजरी जारी कर कहा है कि यूक्रेन की मौजूदा स्थिति को देखते हुए वहां रह रहे भारतीयों और खास कर छात्रों से अपील है कि यूक्रेन में रहना अगर बहुत जरूरी नहीं हो तो वो वापस लौट सकते हैं. लेकिन दिक्कत यह है कि भारत आने के लिए कोई फ्लाइट नहीं है और है भी तो टिकट काफी मंहगी है जिसे खरीद पाने में वो असमर्थ हैं. इसलिए छात्र सरकार से अपील कर रहे हैं कि टिकट की दर को कम किया जाए ताकि वो अपने वतन वापस लौट सकें. इस समय फरवरी 27 और 28 तक का टिकट नहीं है, और यदि है भी तो उसकी कीमत डेढ़ लाख से दो लाख रुपये के बीच है. इसके अलावा टिकट कभी भी कैंसिल हो जा रही है और उसका पैसा भी एयरलाइन वापस नहीं लौटा रहा है, अलबत्ता उसके बदले उसे वॉउचर दे रहे हैं.

अमेरिका समेत कई देशों ने यूक्रेन के संबंध में चेताया

भारत से पहले अमेरिका, ब्रिटेन समेत कई देशों की ओर से अपने नागरिकों को यूक्रेन न जाने की सलाह दी जा चुकी है. यही नहीं, कुछ देशों ने तो अपने दूतावासों से गैर-जरूरी स्टाफ को वापस भी बुलाना शुरू कर दिया है.

Source : News18

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