एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायिक दंडाधिकारी आदि देव ने सोमवार को एक आपराधिक मामले में पूर्व विधायक अनिरुद्ध प्रसाद यादव उर्फ साधु यादव को दोषी करार दिया। कोर्ट ने दोषी साधु यादव को तीन वर्ष कैद और 16 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनायी है।
सरकारी कार्यालय में घुसकर परिवहन विभाग के अधिकारियों से बदसलूकी से जुड़े मामले में यह सजा सुनाई गई है। इसके बाद सजा के फैसले को अपील दायर करने के लिए विशेष कोर्ट ने सजा पाए साधु यादव को औपबंधिक जमानत पर रिहा कर दिया। इससे पहले साधु यादव एमपी एमएलए कोर्ट में हाजिर हुए। विशेष कोर्ट ने सजा के बिंदु पर सुनवाई करने के बाद अपने फैसला में कहा कि घटना के समय अभियुक्त साधु यादव विधानसभा के सदस्य थे। वे स्वयं ऐसी संस्था के अंग थे, जिसकी विधि निर्माण में भूमिका होती है। अभियुक्त ने विधायक होते हुए एक लोक सेवक को उसके कर्तव्य का निष्पादन करने के दौरान घटना की है। अभियुक्त दंड में छूट पाने का हकदार नहीं है। अभियुक्त साधु यादव को भादवि की धारा 347 के तहत तीन वर्ष की कठोर कैद व पांच हजार रुपये का जुर्माना, धारा 353 के तहत दो वर्ष कैद और पांच हजार रुपये जुर्माना, धारा 448 के तहत एक वर्ष कैद और एक हजार रुपये जुर्माना की सजा, धारा 506 के तहत दो वर्ष की कठोर कैद और पांच हजार रुपये जुर्माना सुनायी गई है।
परिवहन विभाग के अफसरों से बदसलूकी का मामला
घटना 18 जनवरी 2001 की संध्या साढ़े छह बजे की है। सूचक एनके सिन्हा विभागीय कार्यालय में अधिकारियों की बैठक चल रही थी। उसी समय विधायक साधु यादव दस-पंद्रह लोग और दो कमांडो के साथ दरवाजे पर धक्का देकर पहुंच गए और सूचक को छोड़कर सभी अधिकारियों को बाहर कर दिया। डांटकर सूचक को एक अधिकारी का ट्रांसफर करने का निर्देश दिया। हथियार दिखाकर सूचक को भयभीत कर एक अधिकारी को गोपालगंज ट्रांसफर का आदेश भी निकलवा लिया। इसी मामले में सूचक ने थाने में एफआईआर दर्ज करवायी थी। इसी मामले में पुलिस ने चार्जशीट दायर की थी।
Source : Hindustan