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नए साल से पहले घर में जरूर ले आएं ये 7 चीजें, होगी बरकत ही बरकत

साल 2022 बहुत जल्द खत्म होने वाला है. जब भी नया साल शुरू होने वाला होता है तो हर कोई चाहता है कि उनके लिए आने वाला साल अच्छा हो. नए साल में सभी तरह के कष्टों से निजात मिले. धन की कमी न रहे. घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली का वातावरण बना रहे. अगर आप चाहते हैं आपका आने वाला साल, खुशियों और सुख, समृद्धि और पैसों से भरा हो, तो वास्तु शास्त्र के हिसाब से नए साल में इन कुछ चीजों की खरीदारी करें. इससे साल भर आपके जीवन में खुशहाली बनी रहेगी. आइए जानते हैं कि किन चीजों को घर लाने से धन की कमी नहीं होगी.
1. तुलसी का पौधा
नए साल के मौके पर घर में किसी भी तरह का इंडोर प्लांट लगाना शुभ माना जाता है. ऐसे में आप तुलसी लेकर आ सकते हैं. इस पौधे का घर में रहना बेहद शुभ माना जाता है.
2. मोर पंख
भगवान श्रीकृष्ण का सबसे प्रियमोर पंख, जिस भी घर में होता है वहां मां लक्ष्मी का वास होता है. अगर आप अपने नए साल को खुशियों से भरना चाहते हैं तो घर में मोर पंख जरूर लाकर रखें. लेकिन 1 से 3 ही मोरपंख होने चाहिए.
3. लघु नारियल
लघु नारियलों को लपेटकर तिजोरी में रख दें. इसके घर में रखे होने से भी धन तथा समृद्धि बरकरार रहती है. लघु नारियल के अन्य प्रयोग भी है.
4. मोती शंख
घर में मोती शंख को रखने से सुख-समृद्धि बने रहती है और धन की कमी नहीं रहती है. ऐसे में नए साल के लिए मोती शंख की खरीदारी करें. इसे पूजा करने के बाद पैसा रखने वाली जगह या तिजोरी में रख दें. इससे तरक्की के नए द्वार खुलते हैं और पैसों की कभी कमी नहीं रहती है.
5. धातु का कछुआ
नए साल में धातु का कछुआ खरीदना बेहद शुभ माना जाता है. वास्तु शास्त्र में कछुए को सुख और समृद्धि का प्रतीक माना गया है. नया साल शुरू होने से पहले पीतल, कांसा या चांदी से बने कछुए की खरीदारी की जा सकती है.
6. धातु का हाथी
वास्तु शास्त्र के हिसाब से घर में धातु से बनी हाथी की मूर्ति को रखना काफी शुभ माना जाता है. इससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और बुरी शक्तियों का नाश होने लगता है. ऐसे में इस बार नए साल के लिए ठोस चांदी के धातु से बनी हाथी की प्रतिमा की खरीदारी करें. हाथी रखने से घर में शांति और सुख समृद्धि बनी रहती है.
7. लाफिंग बुद्धा
नए साल पर लाफिंग बुद्धा खरीदना सबसे अच्छा माना जाता है. इसे हमेशा घर की उत्तर-पूर्व दिशा की ओर ही रखें. घर में इसे रखने से धन की कमी कभी नहीं आती है.
Source : Aaj Tak
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चाणक्य नीति: समाज में सज्जन कहलाता है ऐसी खूबियों वाला व्यक्ति, मिलता है बहुत मान-सम्मान

किसी व्यक्ति का व्यवहार व आचरण ही उसे समाज में सम्मान दिलाता है और परिवार में भी ऐसे व्यक्ति की काफी खातिर की जाती है. आचार्य चाणक्य ने भी अपने नीतिशास्त्र चाणक्य नीति में व्यक्ति के कुछ ऐसे गुणों के बारे में जानकारी दी है जो कि उसे समाज में एक खास पहचान दिलाते हैं और लोगों में नजरों में वह सज्जन व्यक्ति कहलाता है. चाणक्य नीति में दी गई बातों को ध्यान में रखकर आप आसानी से सही-गलत में अंतर कर सकते हैं. साथ ही आपको यह समझने में भी कोई परेशानी नहीं होगी कि समाज कैसे लोगों से बनता है और किन लोगों का वहां सम्मान होता है. आचार्य चाणक्य ने चाणक्य नीति में सज्जन व्यक्ति के कुछ गुण बताए हैं. आइए जानते हैं कौन कहलाता है सज्जन व्यक्ति?
ऐसे लोग होते हैं सज्जन
आचार्य चाणक्य के अनुसार एक सज्जन व्यक्ति का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण गुण होता है धैर्य. जिस व्यक्ति में धैर्य होता है वह किसी भी परिस्थिति को बेहद आसानी से पार कर सकता है. चाणक्य नीति में दिए गए एक श्लोक के अनुसार समुद्र भी प्रलय आने पर अपनी मर्यादा लांघ देता और किनारों को तोड़कर तबाही मचा देता है. लेकिन एक सज्जन व्यक्ति वही है जिसमें धैर्य है और ऐसा व्यक्ति विपरित परिस्थितियों में भी अपना धैर्य नहीं खोता. व्यक्ति का यही गुण उसे जीवन में सफलता हासिल करने में मदद करता है.
गंभीर होना भी एक सज्जन व्यक्ति की निशानी है. महिला हो या पुरुष, यदि कभी जीवन में कुछ बुरे हालात सामने आ जाएं तो गंभीरता को नहीं त्यागना चाहिए. सज्जन व्यक्ति की पहचान उसके व्यवहार, गंभीरता और आचरण से होती है.
किसी भी परिस्थिति में व्यक्ति को अपनी ईमानदारी के साथ समझौता नहीं करना चाहिए. समाज में वहीं व्यक्ति सज्जन कहलाता है जो कि अपने कर्म और मेहनत के दम पर हासिल करता है. इसलिए कभी ईमानदारी का साथ न छोड़ें.
जो व्यक्ति निस्वार्थ भाव के साथ अपने परिवार के प्रति जिम्मेदारियां निभाता है वह व्यक्ति सज्जन कहलाता है और समाज में उसे एक सम्मनीय स्थान प्राप्त होता है. इसलिए हर रिश्ते को पूरी ईमानदारी और प्रेमभाव के साथ निभाएं.
डिस्क्लेमर: यहां दी गई सभी जानकारियां सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं. Muzaffarpur Now इसकी पुष्टि नहीं करता. इसके लिए किसी एक्सपर्ट की सलाह अवश्य लें.
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चाणक्य नीति: इन 5 बातों से ही करियर में मिलती है तरक्की

आचार्य चाणक्य एक कुशल रणनीतिकार, अर्थशास्त्री और शिक्षाविद थे। चाणक्य को ज्यादातर विषयों की जानकारी थी, इसलिए उन्होंने नीति शास्त्र नाम एक पुस्तक लिखी। इस किताब में मानव जीवन से जुड़े कई पहलुओं का जिक्र है। चाणक्य ने नीति शास्त्र में धर्म, विद्या, नौकरी, व्यापार, पत्नी, पति और परिवार समेत कई विषयों का जिक्र किया है। चाणक्य ने एक नीति में करियर में तरक्की पाने के लिए कुछ बातें भी बताई हैं। जानिए करियर में तरक्की पाने के लिए किन बातों का रखना चाहिए ध्यान-
1. ईमानदारी और अनुशासन- चाणक्य कहते हैं कि जीवन में सफलता पाने के लिए ईमानदारी और अनुशासन जरूरी है। चाणक्य कहते हैं कि जो व्यक्ति अनुशासित जीवन नहीं जीता है, वह सफलता हासिल नहीं कर पाता है।
2. अच्छा व्यवहार- चाणक्य कहते हैं कि जीवन में सफलता पाने के लिए व्यक्ति का व्यवहार अच्छा होना चाहिए। चाणक्य कहते हैं कि जो व्यक्ति अपनी बातों का धनी होता है, वह हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करता है।
3. जोखिम उठाने वाला- चाणक्य कहते हैं कि हर व्यक्ति को जोखिम के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए। नीति शास्त्र के अनुसार, जोखिम लेने वाले व्यक्ति को भविष्य में सफलता जरूर प्राप्त होती है।
4. टीम वर्क- चाणक्य कहते हैं कि व्यक्ति को सफलता कभी अकेले प्राप्त नहीं होती है। उसे हमेशा टीम वर्क के साथ करने की प्रवृत्ति होनी चाहिए। सभी को साथ में लेकर चलने वाले के काम अच्छी तरह से पूरे होते हैं।
5. सामर्थ्य- चाणक्य कहते हैं कि व्यक्ति को अपनी क्षमताओं के बारे में सही जानकारी होनी चाहिए। हर व्यक्ति को अपनी सामर्थ्य के हिसाब से ही काम करना चाहिए, वरना भविष्य में नुकसान हो सकता है।
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आचार्य चाणक्य की ये 5 बातें याद रखें, बड़ी से बड़ी मुश्किल का मिल जाएगा समाधान

एक समझदार आदमी को सारस की तरह होश से काम लेना चाहिए और जगह, वक्त और अपनी योग्यता को समझते हुए अपने कार्य को सिद्ध करना चाहिए.
किसी भी काम को करने से पहले खुद से तीन सवाल जरूर पूछिए, पहला, मैं इस कार्य को क्यों कर रहा हूं ? दूसरा, इसका परिणाम क्या हो सकता है? तीसरा क्या मैं सफल हो पाऊंगा? जब आपको इन प्रश्नों के संतोषजनक उत्तर मिल जाएं, तब आप नि:संकोच उस काम को शुरू कर सकते हैं.
किसी भी चीज से अत्यधिक लगाव या मोह आपके लक्ष्य में बाधा डालता है. यही मोह आपके दुखों का कारण बनता है. इसलिए किसी भी चीज से अत्यधिक लगाव मत करिए. खुश रहने के लिए मोह का त्याग जरूरी है.
दौलत, दोस्त, पत्नी और राज्य दोबारा हासिल किए जा सकते हैं, लेकिन ये शरीर दोबारा हासिल नहीं किया जा सकता, इसलिए अपने शरीर और सेहत का खयाल रखिए.
एक संतुलित मन के बराबर कोई तपस्या नहीं है, संतोष के बराबर कोई खुशी नहीं है, लोभ के जैसी कोई बीमारी नहीं है और दया के जैसा कोई सदाचार नहीं है.
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