एनआईए की ओर से दो लाख रुपये के इनामी वांछित घोषित नकली नोट के धंधेबाज सुधीर कुशवाहा को मुजफ्फरपुर में पुलिस ने दबोच लिया है। उसके पास से नकली नोट व अन्य प्रतिबंधित सामग्रियां भी मिली हैं। वह पाकिस्तान में छपी करोड़ों रुपये की नकली भारतीय मुद्रा नेपाल के रास्ते भारत के अलग-अलग शहरों में भेजने का नेटवर्क चला रहा था। 2016 में हुई नोटबंदी के बाद इस पर करोड़ों रुपये के नकली नोट भारत में खपाने का आरोप है। नकली नोटों का सरगना इमरान तेलगी से भी इसके पुराने संबंध हैं। बीते पांच साल से सुधीर नेपाल में नाम बदलकर रह रहा था। पूर्वी चम्पारण के घोड़ासाहन के हरपुर मोहल्ला निवासी सुधीर कुशवाहा ने नेपाल की नागरिकता भी ले ली थी। वह नेपाल में कोयले का बड़ा कारोबार खड़ा कर लिया था। गुरुवार को एसएसपी जयंतकांत ने उसकी गिरफ्तारी की पुष्टि की।

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पुलिस के अनुसार नेपाल से सुधीर के मोतिहारी स्थित घोड़ासाहन पहुंचने की सूचना मिली। पुलिस उसे पकड़ने के लिए घोड़ासाहन स्थित उसके घर पर पहुंचती उससे कुछ देर पहले ही निकल गया। उसके फरार होने का अलर्ट सभी जिलों को दिया गया था। सुधीर को दबोचने के लिए मोतीपुर में घेराबंदी की गई, लेकिन, वह पुलिस घेराबंदी तोड़कर भाग निकला। पीछा कर के पुलिस ने उसे दबोचा।

एसएसपी जयंतकांत ने बताया कि नेपाल नंबर की गाड़ी दिखने के बाद उसे जांच के लिए रोकने की कोशिश की गई तो पुलिस को चकमा देकर सुधीर भागने लगा। इसके बाद इसे खदेड़कर पकड़ा गया है। उन्होंने बताया कि सुधीर कुशवाहा देश स्तर पर नकली नोट के मामलों में वांटेड है। उस पर एनआईए ने दो लाख रुपये का इनाम रखा था, इनाम की राशि लगातार बढ़ाई जा रही थी।

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पहली बार 2015 में हुआ था गिरफ्तार : सुधीर कुशवाहा को मोतिहारी पुलिस ने नकली नोट व अन्य आपराधिक मामले में 2015 में पहली बार गिरफ्तार किया था। तब वह फर्जी कागजात के सहारे जमानत पर बाहर निकल गया था। दूसरी बार एनआईए ने 2016 में उसे पकड़ा। जमानत मिलने के बाद 2017 से सुधीर नेपाल में रहने लगा। एसएसपी ने बताया कि उसके प्रत्यर्पण के लिए नेपाल सरकार तैयार नहीं हो रही थी। एनआईए उससे मुजफ्फरपुर में ही पूछताछ कर रही है।

उत्तर बिहार में फैल रहा जाली नोट के सौदागरों का नेटवर्क

उत्तर बिहार में जाली नोट के धंधेबाजों का नेटवर्क तेजी से बढ़ रहा है। मधुबनी से मुजफ्फरपुर होकर रक्सौल तक जाली नोट स्थानीय स्तर पर छापने तक का धंधा शुरू हो गया है। उत्तर बिहार में जाली नोट का नेटवर्क नेपाल से ही जुड़ा है। नेपाल में एक दर्जन से अधिक नकली नोट के सौदागर चिह्नित हैं। उन्हें पुलिस टीम पकड़ पाने में कामयाब नहीं हो पा रही है।

मधुबनी पुलिस ने 19 जनवरी को भैरव स्थान में लौकाही के प्रेम कुमार कामति को 13 लाख के नकली नोट के साथ पकड़ा था। साथ ही नकली नोट छापने की प्रिंटर मशीन व सादे कागज की खेप भी पकड़ी थी। इसमें फुलपरास, रुद्रपुर और लौकही इलाके के पांच धंधेबाज अबतक फरार चल रहे हैं। इससे पहले मोतीपुर में मुजफ्फरपुर पुलिस ने नकली नोट की दो बार बड़ी खेप पकड़ी थी। मोतीपुर के तत्कालीन थानेदार अनिल कुमार ने इसमें सात लोगों को गिरफ्तार किया था। इसमें सारण से लेकर मोतिहारी और सीतामढ़ी तक के धंधेबाज चिह्नित हुए थे। छह फरार आरोपितों की अबतक गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।

इसी साल मुजफ्फरपुर डीआरआई की टीम ने पाकिस्तान में छापे गये नकली नोट की खेप रक्सौल में जब्त की थी। इसमें शामिल चार बड़े धंधेबाज नेपाल में छिपे हैं जिनकी गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। इधर, आईजी पंकज कुमार सिन्हा ने कहा कितिरहुत रेंज में नकली नोट के सभी मामलों की समीक्षा की जा रही है। फरार आरोपितों की गिरफ्तारी व कुर्की-जब्ती के लिए अभियान चलाने का निर्देश चारों जिलों के पुलिस अधीक्षकों को दिया गया है।

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नगर थानेदार ने दो माह नेपाल में रहकर की रेकी

नकली नोट के धंधेबाज सुधीर के ठिकाने की जानकारी होने के बाद पुलिस ने उसे नेपाल से उठाने की कोशिश भी की। एक बार उसे नेपाल में दबोच भी लिया गया था लेकिन नेपाल पुलिस ने उसे बॉर्डर से पहले ही मुक्त करा लिया। एसएसपी ने बताया कि नगर थानेदार अनिल कुमार दो माह तक नेपाल में रहकर उसकी रेकी की थी। खुद एसएसपी भी काठमंडू तक पहुंच गये।

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उत्तर बिहार के कई जिलों में दर्ज हैं  मामले 

मोतीपुर, सारण, मधुबनी और सीतामढ़ी में हाल में हुई नकली नोटों की जब्ती मामले में भी उसे पुलिस तलाश रही थी। इसके अलावा डीआरआई ने कुछ दिनों पहले रक्सौल में नकली नोट की बड़ी खेप पकड़ी थी। सारे नोट पाकिस्तान में छपे थे। इस मामले में भी सुधीर की तलाश चल रही थी।

Source : Hindustan

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