बिहार क्राइम रिकार्ड ब्यूरो ने जून 2022 तक का आपराधिक आंकड़ा जारी कर दिया है। यह आंकड़ा चौंकाने वाला है, क्योंकि जनवरी से जून तक पटना जिले में 166 हत्याएं हुई हैं। यह पिछले साल इस अवधि के दौरान हुई हत्याओं का दोगुना है। यानी, हत्या के मामलों में सौ प्रतिशत वृद्धि हुई है।
अपहरण के मामले भी बढ़कर दोगुने हुए
इसी प्रकार फिरौती के लिए अपहरण के मामलों में भी सौ प्रतिशत वृद्धि आंकी गई है। हालांकि, इस प्रकार के अपराध के मामले काफी कम है। पिछले साल जनवरी से जून तक में फिरौती के मकसद से एक व्यक्ति का अपहरण किया गया था, जो कि इस वर्ष में अब तक आंकड़ा दो बताया जा रहा है।
दंगा और रोड डकैती में आई है कमी
वहीं, दंगा और रोड डकैती के मामलों में भारी कमी आई है। पिछले वर्ष 465 दंगे की घटनाएं हुई थीं, जबकि इस वर्ष जून तक 241 वारदातें रिपोर्ट की गईं। करीब 48 प्रतिशत की कमी दर्ज हुई है। इसी तरह सड़क डकैती में 55 प्रतिशत कमी आई है।
भूमि विवाद में हुई अधिसंख्य हत्याएं
एनसीआरबी (नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो) 2021 के अनुसार, पटना में हुई अधिसंख्य हत्याओं का कारण भूमि विवाद रहा है। इसके अलावा आपसी रंजिश में भी हत्याएं हुई हैं। इस वर्ष भी 70 प्रतिशत से अधिक घटनाएं पुरानी रंजिश और भूमि विवाद के कारण हुई है। मारपीट के दौरान हत्या का प्रतिशत काफी कम है। करीब 22 प्रतिशत हत्याओं का कारण अवैध संबंध भी बताया जा रहा है।
चोरी की घटनाएं रोकना चुनौती
शहर में चोरी की बढ़ती घटनाओं को रोक पाना पुलिस के लिए चुनौती बनती जा रही है। इसका बड़ा कारण यह है कि दूसरे राज्यों के गिरोह भी राजधानी में सक्रिय हैं। नशे और ऐशो आराम के साधान खरीदने के लिए भी चोरी की वारदातों को अंजाम दिए जाने की बात सामने आई है। इस तरह के गिरोह में कई पढ़े-लिखा युवा भी शामिल हैं।
चोरी की घटनाओं पर अंकुश को मांगा सहयोग
चोरी की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए सिटी एसपी अम्बरीश राहुल ने लोगों से सहयोग की अपील की थी। उन्होंने कहा था कि घर खाली छोड़कर जाने से पहले स्थानीय थाने में सूचना दें। पड़ोसी और अपार्टमेंट के गार्ड को भी कह दें कि समय-समय पर उनके घर पर लगा ताला देखते रहें।
Source : Dainik Jagran