बिहार में शराबबबंदी कानून को सख्ती से लागू कराने के लिए नीतीश सरकार रोजाना नए-नए नियम लागू कर रही है साथ ही पुलिस की रेड भी जारी है. इस कड़ी में चोरी-छिपे शराब ढोने वाले वाहनों की जांच के लिए नीतीश सरकार अब चलंत यानी मोबाइल स्कैनर खरीदने जा रही है. ये चलंत स्कैनर बड़े वाहनों के साथ लगे रहेंगे और एक जगह से दूसरी जगह इन्हें चला कर आसानी से ले जाया जा सकेगा. वाहनों में लगे स्कैनर से चेक पोस्ट पर मालवाहक वाहनों की जांच तो होगी ही साथ ही किसी विशेष रूट पर भी गाड़ियों की जांच की जा सकेगी. सरकार ने इसके लिए पहले चरण में पांच ट्रक स्कैनिंग मशीन खरीदने का फैसला लिया है जिस पर 100 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे.
एक स्कैनिंग मशीन की कीमत तकरीबन 20 करोड़ के आसपास आएगी. इन बड़े चलंत स्कैनर से इस बात का पता आसानी से चल जाएगा कि गाड़ी में सामान के नीचे शराब छिपाकर रखी गई है या नहीं. मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग द्वारा इन स्कैनर लगे वाहनों की खरीद की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. विभागीय अधिकारियों की मानें तो वाहनों की जांच के लिए खरीदे जाने वाले इन मशीनों को विभाग और पुलिस की जरूरत के हिसाब से आवंटित किया जाएगा. स्कैनिंग मशीन का लाइव मॉनिटरिंग मुख्यालय से किया जाएगा.
पहले चरण में अगर इससे शराब की तस्करी पर रोक लगाने में सफलता मिलती है तो बाद में मशीनों की संख्या और भी बढ़ाई जाने की योजना है. बिहार में शराब के मामले तमाम तरह की कोशिशों के बावजूद कम नहीं हो रहे हैं, ऐसे मद्य निषेध विभाग के अधिकारियों को उम्मीद है कि बड़े स्कैनर शराब बंदी कानून को प्रभावी बनाने की दिशा में इस तरह के प्रयास मद्यनिषेध कानून को प्रभावी बनाने में कारगर साबित होंगे.
Source : News18