यूक्रेन पर रूस के हमले का रविवार को 11वां दिन है. दोनों देशों के बीच जंग खत्म करने को लेकर हुई दो वार्ता नाकाम साबित हुई है. हालांकि, रूस को सबक सिखाने के मकसद से पश्चिमी देशों ने कई तरह के प्रतिबंध लगाए हैं, लेकिन इसके बावजूद वह नहीं रुक रहा और उसके हमले लगातार जारी हैं. रूस की आक्रामक कार्रवाई के मद्देनजर यूक्रेन से लोगों का पलायन शुरू हो चुका है और अब तक 15 लाख से अधिक की आबादी से देश छोड़ दिया है.

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इस बीच, यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने भारत सहित कई देशों से अपील की है कि वे रूस को यूक्रेन पर हमला रोकने के लिए कहें. उन्होंने यह भी कहा कि अगर इस पूर्वी यूरोपीय देश पर हमला नहीं रुका, तो दुनिया को खाद्यान्न संकट का सामना करना पड़ सकता है. एक टेलीविज़न संबोधन के दौरान, कुलेबा ने रूस पर मारियूपोल और वोलनोवाखा शहरों में युद्धविराम समझौतों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया और विदेशी छात्रों सहित नागरिकों को वहां से निकालने के लिए सुरक्षित गलियारा देने का आग्रह किया है.

‘यूक्रेन ने हमेशा विदेशी नागरिकों के लिए अच्छा काम किया’

उन्होंने कहा, ‘अफ्रीका और एशिया के छात्रों के लिए यूक्रेन पिछले 30 सालों से एक स्वागत योग्य घर था… विदेशी छात्रों की सुविधा के लिए हमने ट्रेनों की व्यवस्था की, हॉटलाइन स्थापित की और विदेशी दूतावासों के साथ निरंतर काम किया… यूक्रेन की सरकार हमेशा सें विदेशी नागरिकों और छात्रों के लिए अच्छा करती रही है.’

‘खाद्य सुरक्षा के लिहाज से भी युद्ध को रोकना बेहद जरूरी’

रूस के साथ अच्छे ताल्लुक रखने वाले भारत सहित सभी देशों से कुलेबा ने कहा कि वे रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से अपील कर सकते हैं कि “यह युद्ध किसी के हित में नहीं है.” उन्होंने आगे कहा, “यूक्रेन कृषि उत्पादों का बड़ा केंद्र है और भारत उसके सबसे बड़े उपभोक्ताओं में हैं. ऐसे में अगर यह युद्ध जारी रहा, तो हम नई फसल नहीं उपजा सकेंगे. इसलिए, वैश्विक और भारत के लिए खाद्य सुरक्षा के लिहाज से भी इस युद्ध को रोकना बेहद जरूरी है.”

Source : News18

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