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दूसरे अस्पताल में रेफर करने पर अब बताना होगा कारण, रेफरल कार्ड हुआ जारी

मरीजों का इलाज करने के बदले अकारण किसी बड़े अस्पतालों में रेफर करने की मनमानी पर अब रोक लगाने की तैयारी है।इस परिपाटी पर नकेल कसने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने रेफरल पॉलिसी लागू की है। बीते दिनों उपमुख्यमंत्री सह स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव ने पटना में एक कार्यक्रम में इसे औपचारिक रूप से जारी किया। जिसके बाद अब बिना रेफरल कार्ड के मरीजों को बड़े अस्पतालों में नहीं भेजा जा सकेगा।
मालूम हो कि अब तक मरीजों को रेफर करते समय चिकित्सक पुर्जा पर रेफर लिखकर मरीजों को भेज देते थें।इस कारण से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मरीजों का उपचार करने के बजाए केवल रेफर करने के लिए ही चर्चित हो गए। उन्हें रेफरल अस्पताल बोला जाने लगा क्योंकि वहां ले जाने के बाद मरीजों का इलाज नही किया जाता था बल्कि उसे किसी बड़े अस्पताल में रेफर कर दिया जाता था। यहां तक कि जिलास्तर पर बने सदर अस्पतालों में अच्छे डॉक्टर के होने के बावजूद वहां से मरीजों को मेडिकल कॉलेज में रेफर कर दिया जाता था। जबकि राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों में मरीजों का दबाव पहले से ही है। ऐसे में अस्पतालों की ओर से मरीजों को रेफर किए जाने के कारण उपचार में परेशानी हो रही थी। भारी भीड़ के कारण मेडिकल कॉलेज के चिकित्सक मरीजों के साथ समुचित न्याय नहीं कर पाते हैं। एक-एक चिकित्सक एक दिन में दर्जनों मरीजों को ओपीडी में देखते हैं। इस स्थिति से निपटने के लिए विभाग ने रेफरल पॉलिसी बनाई है। इसमें हर बीमारियों के लिए मानक तय किया गया है। किस बीमारी में किस हद तक मरीजों का उपचार निचली इकाइयों के अस्पतालों में होगा, इसका प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही मरीजों को रेफर करने के लिए विभाग ने एक रेफरल कार्ड भी जारी किया है। इसमें मरीजों से संबंधित पूरी जानकारी और रेफर करने के ठोस कारणों को बताना होगा। ऐसा नहीं करने वाले चिकित्सकों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मरीजों को दी जाने वाली रेफरल कार्ड में मरीजों के नाम, उम्र व पता की जानकारी देनी होगी। मरीजों को कब व किस तिथि को रेफर किया जा रहा है,सब लिखना पड़ेगा।जिस मरीज को रेफर किया जा रहा है, उसका उस अस्पताल ने क्या उपचार किया, कौन कौन सी जांच हुई सब बताना पड़ेगा। मरीज को रेफर करने का ठोस कारण चिकित्सकों को बताना होगा। रेफर करने वाले अस्पताल, चिकित्सक, पद के बारे में जानकारी देनी होगी। जिस अस्पताल से रेफर किया गया, उसके प्रभारी को उसकी जानकारी है या नहीं, रेफरल कार्ड में यह भी इनफॉर्म करना पड़ेगा।
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समाधान यात्रा के दौरान सिटी पार्क व नगर भवन भी जा सकते हैं सीएम नीतीश

मुजफ्फरपुर : 14 फरवरी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी समाधान यात्रा पर मुजफ्फरपुर आयेंगे। इस दौरान सीएम की समाधान यात्रा की तैयारी को लेकर डीएम ने सभी अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंप दी है। बताया जा रहा है कि सीएम नीतीश कुमार शहर में कंट्रोल एंड कमांड सेंटर के उद्घाटन के साथ–साथ सिटी पार्क एवं नवनिर्मित नगर भवन का भी निरीक्षण कर सकते हैं।
इसको लेकर डीएम प्रणव कुमार ने अधिकारियों को अलग-अलग टास्क सौंपे हैं। सभी कार्यक्रमों का वरीय प्रभार डीडीसी आशुतोष द्विवेदी को सौंपा गया है। शहर के बाद सीएम सकरा के लिए रवाना रवाना होंगे। जहां वो मनरेगा पार्क, जीविका, आईसीडीएस, स्वास्थ्य विभाग एवं कृषि विभाग के स्टॉल का निरीक्षण करेंगे। संभावना जताई जा रही है कि उसी दिन पीएम आवास योजना के अंतर्गत भूमिहीनों को जमीन आवंटित किया जाएगा।
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पूर्व मंत्री अजीत कुमार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ किया लड़ाई का ऐलान

KANTI : प्रशासनिक भ्रष्टाचार व गरीबों पर जोर जुल्म के खिलाफ गुरुवार को पूर्व मंत्री अजीत कुमार ने कांटी प्रखंड मुख्यालय पर जन प्रदर्शन किया। इस दौरान पूर्व मंत्री अजीत कुमार ने आर-पार की लड़ाई लड़ने का भी ऐलान किया। इससे पहले कांटी के रातल मैदान में भारी संख्या में जुटे प्रदर्शनकारियों ने उनके नेतृत्व में प्रखंड कार्यालय तक जुलूस निकाला। वहां इंद्रमोहन झा की अध्यक्षता में प्रतिरोध सभा हुई।
इसमें पूर्व मंत्री ने कहा कि पूरा जिला प्रशासनिक भ्रष्टाचार से त्रस्त है। बिना रिश्वत दिए कहीं कोई काम नहीं हो रहा है। खासकर प्रखंड-अंचल कार्यालय पूरी तरह बिचौलिए की गिरफ्त में हैं। सभी जगह भ्रष्टाचारियों के संरक्षक अधिकारी बने हैं। गरीब लूटे जा रहे हैं। उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कांटी थर्मल में स्थानीय मजदूरों के साथ बड़े पैमाने पर भेदभाव बरता जा रहा है। प्रबंधन छाई से होने वाले प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए कारगर कदम उठाए। टीम अजीत कुमार ने 11 सूत्री खुला मांग पत्र पेश किया। सभा को सामाजिक कार्यकर्ता शंभू नाथ चौबे, मो. शमीम, मुरारी झा, अंकेश ओझा, नंदकिशोर सिंह, पैक्स अध्यक्ष रंजीत सिंहआदि ने संबोधित किया।
पूर्व मंत्री अजीत कुमार, रवि कुमार व शिवनाथ साह और 500 अज्ञात के विरुद्ध केस दर्ज कराया गया है। दंडाधिकारी सह प्रखंड कृषि पदाधिकारी विनय कुमार के बयान पर कांटी थाने में केस दर्ज हुआ है। भीड़ को उकसाने समेत अन्य आरोप है। कांटी थानाध्यक्ष संजय कुमार ने केस दर्ज होने की पुष्टि की है।
Source : Hindustan
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मोदी सरकार ने तोड़ी अंग्रेजों की परंपरा, जानिए क्यों लाल रंग के कपड़े में पैक होकर आता है बजट

आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपना आखिरी बजट पेश करने वाली हैं। यह अगले साल के आम चुनाव से पहले मोदी सरकार का अंतिम पूर्ण बजट होगा, जो कि बढ़ती ब्याज दरों और धीमी वैश्चिक वृद्धि के बीच पेश होने वाला है। बजट के इतिहास पर नजर डालें तो 1947 से लेकर 2018 तक बजट एक लाल रंग के ब्रीफकेस में लाया जाता था। लेकिन साल 2029 में मोदी सरकार ने पहली बार इस परंपरा को बदला और बजट लाल रंग के ब्रीफकेस की बजाय लाल कपड़े में लपेटकर बही-खाते के रूप में लाया जाने लगा।
2019 से पहले वित्तमंत्री लाल रंग के ब्रीफकेस को लेकर संसद भवन जाते थे। लेकिन इसके बाद इसे लाने का अंदाज ही बदल गया। 2019 में बजट लाल कपड़े में पैक बहीखाते में आने लगा। वहीं, वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण वित्त वर्ष 2022-23 में बजट पेश करने के लिए लाल कपड़े में लिपटा टैबलेट लेकर संसद भवन पहुंचीं थीं। इस लाल रंग के कपड़े के ऊपर गोल्डन कलर का राष्ट्रीय प्रतीक चिह्न अशोख स्तम्भ भी छपा दिखाई देता है।
अंग्रेजों ने शुरू की थी ये परंपरा
हर साल देश के वित्तमंत्री आगामी वित्त वर्ष का बजट पेश करने के लिए लाल रंग का ब्रीफकेस लेकर संसद आते थे। लेकिन क्या आपको मालूम है कि यह परंपरा भारतीय नहीं है। इसकी शुरुआत अंग्रेजों ने की थी। लाल रंग के इस थैले को फ्रेंच भाषा में बोजेट या बुगेट कहते हैं। साल 1733 में पहली बार ब्रिटेन के वित्तमंत्री चमड़े का थैला लेकर बजट पेश करने पहुंचे थे।
पहले शाम को पेश होते थे बजट
पीएम मोदी से पहले अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने बजट पेश करने का समय बदला था। पहले आम बजट शाम पांच बजे पेश करने का रिवाज था। लेकिन साल 1999 के बाद इस प्रथा को बदला गया और तत्काल वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा ने 5 बजे की बजाय सुबह 11 बजे संसद में बजट पेश किया।
बजट की तारीख भी बदली
इससे पहले केंद्र सरकार 28 या 29 फरवरी को ही संसद में नए वित्त वर्ष का बजट पेश करती थी। लेकिन मोदी सरकार ने इसे बदलकर 1 फरवरी कर दिया। वित्त वर्ष 2023-24 का बजट 1 फरवरी 2023 को पेश किया जाएगा।
Source : India TV
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