आजकल ऑनलाइन घटनाएं आम बात हैं. रोजाना ऐसी वारदात सुनने, देखने और पढ़ने में आती है. यह नए जमाने का अपराध है जिसमें अपराधी कहीं दूर बैठकर आपको ठग लेता है. आपको झांसे में लेकर आपका बैंक खाता लूट लेता है. कई बार तो ऐसा भी होता है कि आप खुद उसकी बातों में आकर अपनी सारी जानकारी दे बैठते हैं और खाते से पैसे गायब हो जाते हैं. बाद में पता चलता है कि जिसे केवाईसी के नाम पर ओटीपी बताया था, वह कोई और नहीं बल्कि झारखंड के जमताड़ा में बैठा साइबर अपराधी था. ऐसी घटना आपके साथ हो जाए तो आप क्या करेंगे?

आपका जवाब यही होगा कि थाने में एफआईआर दर्ज कराएंगे. लेकिन आप उस कड़वी सच्चाई को भी जानते हैं कि यहां एफआईआर दर्ज कराने के लिए कितने पापड़ बेलने पड़ते हैं. कभी थाने के चक्कर लगाते-लगाते लोग यह भी मान बैठते हैं कि इससे अच्छा केस न लिखाया जाए. कभी ऐसी परिस्थिति हो तो आपके पास क्या अधिकार हैं कि साइबर फ्रॉड के खिलाफ कार्रवाई हो सकेगी? आइए जानते है.

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जब कभी आपको लगे कि आपके साथ वित्तीय धोखाधड़ी हुई है या बिना आपकी अनुमति के खाते से पैसे निकाले गए हैं तो तुरंत ये 5 कदम उठाने चाहिए-

  • 1-आरबीआई रेगुलेशन के मुताबिक तुरंत अपने बैंक से संपर्क करें. खाते में किसी भी अवैध ट्रांजेक्शन के बारे में बताएं. अगर बैंक को लगता है कि खाताधारक की कोई गलती नहीं है और पैसे निकाले गए हैं, तो बैंक को वह राशि लौटानी पड़ेगी.
  • 2-हर बैंक ने ग्राहकों के लिए संदिग्ध लेनदेन या फिशिंग की शिकायत दर्ज कराने के लिए ईमेल आईडी बनाया है. अपने बैंक की ईमेल आईडी पर भी शिकायत दर्ज कराएं.
  • 3-थाने में इसकी रिपोर्ट दें या एफआईआर दर्ज कराएं.
  • 4-जिस खाते में गड़बड़ी हुई है उसे ब्लॉक कराएं, उससे पहले किसी दूसरे खाते में पैसे ट्रांसफर कर दें.
  • 5-बाकी के सभी खातों की गंभीरता से निगरानी करें.

कैसे दर्ज की जाती है FIR

साइबर क्राइम वैश्विक न्यायक्षेत्र के तहत आता है. इसका अर्थ हुआ कि भारत के किसी कोने से कभी भी साइबर अपराध होने पर शिकायत दर्ज कर सकते हैं. घटना कहीं हुई हो लेकिन देश के किसी भी साइबर सेल में इसकी शिकायत कर सकते हैं. इसके लिए सबसे जरूरी है कि किसी साइबर क्राइम सेल में शिकायत दर्ज कराएं.

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शिकायत में दें पूरी जानकारी

साइबर क्राइम सेल में अपना नाम, कांटेक्ट डिटेल और पते की जानकारी दें. जिस शहर में शिकायत दे रहे हैं, उस शहर के साइबर क्राइम सेल के प्रमुख के नाम लिखित में शिकायत दर्ज कराएं. अगर आपके साथ ऑनलाइन धोखाधड़ी की गई है तो किसी वकील की मदद से थाने में पहुंच सकते हैं और शिकायत दर्ज करा सकते हैं. हो सकता है कि वकील ही आपकी तरफ से थाने में शिकायद दे दे. जिस तरह का अपराध होगा, उससे जुड़े कुछ कागजात आपसे या आपके वकील से मांगे जा सकते हैं.

ये पोर्टल भी है काम का

अगर आपके आसपास कोई साइबर क्राइम सेल नहीं है तो अपने नजदीकी थाने में भी साइबर फ्रॉड की शिकायत दे सकते हैं. अगर थाने में रिपोर्ट या एफआईआर नहीं लिखी जा रही तो आप शहर के ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट से संपर्क कर सकते हैं. कुछ साइबर अपराध भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत आते हैं. इसकी धारा के अंतर्गत थाने में आप साइबर क्राइम की शिकायत लिखा सकते हैं. आप चाहें तो राष्ट्रीय साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल https://cybervolunteer.mha.gov.in/webform/Volunteer_AuthoLogin.aspx पर शिकायत लिख सकते हैं.

Source : TV9

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