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भारत के सामने नतमस्तक हुआ पाकिस्तान, बोला-तीन युद्ध से सीख चुका सबक,अब चाहिए शांति

पाकिस्तान इन दिनों कंगाली के दौर से गुजर रहा है। वहां लोगों को खाने का आटा तक नहीं मिल पा रहा है।इस बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का बड़ा बयान सामने आया है। पाकिस्तानी पीएम ने एक इंटरव्यू में कहा है कि भारतीय नेतृत्व और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील करता हूं कि हमें बातचीत की मेज पर बैठना चाहिए।पाकिस्तान को तीन युद्धों में सबक मिल चुका है। अब वह शांति चाहता है।
Pakistan has learnt his lesson.#ShehbazSharif pic.twitter.com/6SOteEeN0h
— Stranger (@amarDgreat) January 17, 2023
अल अरबिया को दिए इंटरव्यू में पाकिस्तानी पीएम शाहबाज शरीफ ने कहा कि भारत हमारा पड़ोसी देश है और बात साफ कहूं तो हम मर्जी से पड़ोसी नही है लेकिन हमें रहना हमेशा साथ ही है। ये हम पर है कि हम कैसे शांतिपूर्ण तरीके से रहे। भारत के साथ तीन युद्ध लड़कर हम सबक सीख चुके हैं। ये युद्ध और दुर्गति, गरीबी और बेरोजगारी लेकर आए। हम भारत के साथ शांतिपूर्ण तरीके से रहना चाहते हैं। इस इंटरव्यू के दौरान पाकिस्तानी पीएम ने यह भी कहा कि पाकिस्तान नही चाहता कि वह अपने संसाधनों का उपयोग बम और बारूद बनाने में करें।
बता दें कि भारत और पाकिस्तान के बीच तीन बार युद्ध हुए है और तीनों युद्ध में भारत ने पाकिस्तान को पस्त कर दिया। भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 के युद्ध में तो भारत ने पाकिस्तान के दो टुकड़े करके एक अलग मुल्क बांग्लादेश तक बना दी थीं।
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प्रलय… और फिर प्रलय… 7.8… 7.5… 1500 से ज्यादा मरे, हजारों घायल

तुर्की और सीरिया सोमवार को भूकंप के झटकों से दहल गए हैं. भूकंप से इन दोनों देशों में अब तक 1500 से अधिक लोगों की मौत हो गई है जबकि घायलों का आंकड़ा 5,380 से अधिक है. भूकंप से 2818 इमारतें जमींदोज हो गईं. मलबे के भीतर से अब तक 2470 लोगों को बचाया गया है. लेकिन अभी भी हजारों लोग मलबे में फंसे हुए हैं. बड़े पैमाने पर बचाव एवं राहत अभियान जारी है.
समाचार एजेंसी एपी की रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार तड़के आए भूकंप के लगभग 12 घंटे बाद शाम को तुर्की में भूकंप के एक और झटके से लोग दहल गए. तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोगन ने भूकंप के मद्देनजर आपात बैठक की, जिसमें भूकंप पीड़ितों के लिए हरसंभव मदद की पेशकश की है.
Turkish cats 😢
#Turkey #earthquaketurkey pic.twitter.com/zR3BvlsPNm
— Abier (@abierkhatib) February 6, 2023
तुर्की में भूकंप का पहला झटका सोमवार सुबह करीब सवा चार बजे आया. भूकंप का केंद्र गजियांटेप इलाके में था, जो सीरिया बॉर्डर से सिर्फ 90 किलोमीटर दूर है. सीरिया में भी भूकंप ने भारी तबाही मचाई. सीरिया के कई शहरों में भूकंप ने तबाही मचाई. अकेले सीरिया में भूकंप से 783 लोगों की मौत की खबर है.
सोमवार तड़के ही सीमा के दोनों ओर के लोग भूकंप के झटके से उठ खड़े हुए. गगनचुंबी इमारतें भूकंप के झटकों से हिलने लगी. इस आपदा में बड़े पैमाने पर लोग जान गंवा चुके हैं. प्रशासन ने बड़े पैमाने पर प्रभावित कई शहरों में राहत एवं बचाव कार्य जारी रखा है.
In #Sanliurfa the moment a building collapsed recorded by mobile phone hours after 7.8 #earthquake hits Turkey. #deprem pic.twitter.com/YDc8DH9lbn
— JournoTurk (@journoturk) February 6, 2023
भूकंप में तुर्की का अस्पताल ढहा
इस भीषण भूकंप में तुर्की का एक अस्पताल ताश के पत्तों की तरह ढह गया, जिसमें नवजात सहित कई लोगों को बचाया गया. तुर्की के एक शहर अडाना में एक शख्स ने बताया कि उनके घर के पास की इमारत एक झटके में जमींदोज हो गई.
यहां पत्रकारिता के छात्र मुहम्मेत फतिह यावुस ने बताया कि उसे मलबे के ढेर से एक शख्स की आवाज सुनाई दी, जो मदद की गुहार लगा रहा था. तुर्की के दियारबाकिर में जगह-जगह क्रेनें देखी जा सकती हैं. यहां बचाव कार्य जोरों पर चल रहा है.
NDRF की 2 टीमें तुर्की भेजेगा भारत
पीएम मोदी के निर्देश पर तुर्की को तत्काल सहायता देने के मुद्दे पर प्रधानमंत्री के मुख्य सचिव पीके मिश्रा ने अहम बैठक बुलाई. बैठक में तय हुआ है कि सर्च और रेस्क्यू अभियान के लिए एनडीआरएफ और मेडिकल टीम तुर्की भेजी जाएंगी. इसके साथ राहत सामग्री भी जल्द से जल्द टुर्की के लिए रवाना की जाएगी. एनडीआरएफ की दो टीमों में 100 जवान होंगे. इनमें डॉग स्क्वायड भी शामिल हैं. इसके अलावा ये टीमें जरूरी उपकरण भी अपने साथ ले जाएंगी. मेडिकल टीम में डॉक्टर, अन्य स्टाफ और जरूरी दवाएं होंगी.
तुर्की में 1999 में आए भूकंप में 18000 लोगों की हुई थी मौत
तुर्की की भौगोलिक स्थिति के चलते यहां अक्सर भूकंप आते रहते हैं. यहां 1999 में आए भूकंप में 18000 लोगों की मौत हो गई थी. अक्टूबर 2011 में आए भूकंप में 600 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी.
तुर्की में क्यों आता है बार बार भूकंप?
तुर्की का ज्यादातर हिस्सा एनाटोलियन प्लेट पर है. इस प्लेट के पूर्व में ईस्ट एनाटोलियन फॉल्ट है. बाईं तरफ ट्रांसफॉर्म फॉल्ट है. जो अरेबियन प्लेटके साथ जुड़ता है. दक्षिण और दक्षिण-पश्चिम में अफ्रीकन प्लेट है. जबकि, उत्तर दिशा की तरफ यूरेशियन प्लेट है, जो उत्तरी एनाटोलियन फॉल्ट जोन से जुड़ा है. घड़ी के विपरीत दिशा में घूम रही है एनाटोलियन टेक्टोनिक प्लेट तुर्की के नीचे मौजूद एनाटोलियन टेक्टोनिक प्लेट घड़ी के विपरीत दिशा में घूम रहा है. यानी एंटीक्लॉकवाइज. साथ ही इसे अरेबियन प्लेट धक्का दे रही है. अब ये घूमती हुई एनाटोलियन प्लेट को जब अरेबियन प्लेट धक्का देती है, तब यह यूरेशियन प्लेट से टकराती है. तब भूकंप के तगड़े झटके लगते हैं.
Source : Aaj Tak
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42 साल बाद प्रेमी को अस्पताल में देख रो पड़ी महिला, ले आई घर, रचाई शादी

सोशल मीडिया पर एक कपल की लव स्टोरी वायरल हो रही है. वे 42 साल पहले बिछड़ गए थे. अब चार दशक बाद उन्होंने शादी रचाई है. उनकी पहली मुलाकात 1971 में कॉलेज के दिनों में हुई थी. शादी से पहले उन्होंने एक दूसरे को 7 साल तक डेट किया था.
अमेरिकी मैगजीन पीपल के मुताबिक, कपल का नाम स्टीफन वाट्स और जीन वाट्स है. वे अमेरिका के रहने वाले हैं. जीन अभी 69 साल की हो चुकी हैं, जबकि स्टीफन 73 साल के हैं. कॉलेज के दिनों में जीन की स्टीफन से मुलाकात हुई थी. चंद मुलाकातों के बाद उनकी दोस्ती हो गई और फिर ये दोस्ती प्यार में बदल गई.
जीन ने स्टीफन को अपना पहला और सच्चा प्यार बताया. लेकिन उस वक्त शादी के लिए जीन के घर वाले तैयार नहीं थे क्योंकि स्टीफन अश्वेत थे. जीन की मां ने अंतरजातीय संबंधों का पुरजोर विरोध किया और शादी कराने से साफ इनकार कर दिया. इस बात से दोनों को गहरा झटका लगा.
हालांकि, जीन और स्टीफन ने मिलना बंद नहीं किया. उन्होंने 7 साल तक एक दूसरे को डेट किया. लेकिन जब उनकी नौकरी लगी और वे अलग-अलग शहरों में शिफ्ट हुए तो रिश्ता बनाए रखना मुश्किल हो गया.
एक दिन जीन ने फोन कर स्टीफन से कहा कि वो उनसे बहुत प्यार करती हैं लेकिन परिवार वालों के खिलाफ नहीं जा सकती. जीन की मजबूरी को समझते हुए स्टीफन ने भारी मन से अलग होने का फैसला कर लिया. अगले चार दशक तक वे अलग-अलग रहे और एक-दूसरे से बात नहीं की.
ऐसे हुई चार दशक बाद मुलाकात
लेकिन 2021 में उनके जीवन में मोड़ आया. तब तक जीन का अपने पति से तलाक हो चुका था. वो अकेली रह रही थीं. इसी बीच उन्हें स्टीफन का पता मिल गया. वो उनसे मिलने शिकागो पहुंची तो देखा स्टीफन अस्पताल में भर्ती है. जीन को देखते ही स्टीफन भावुक हो गए. वहीं, जीन रोने लगीं.
बाद में जीन स्टीफन को अपने घर ले आईं. स्टीफन का कोई बच्चा नहीं है. ब्रेन स्ट्रोक के बाद से वो व्हील चेयर पर हैं. हाल ही में जीन ने अपने बचपन के प्यार स्टीफन से शादी रचा ली. जीन ने कहा- मैं हमेशा उसके साथ रहना चाहती हूं. वो मेरा दिल है, आत्मा है. फिलहाल, कपल एक ही घर में हंसी-खुशी रह रहा है.
Source : Aaj Tak
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घर में खाने को दाना नहीं पर चाहिए कश्मीर… भारत के खिलाफ पाक का नया प्रोपेगेंडा शुरू

‘घर में खाने को दाना नहीं पर साजिश को हमेशा तैयार!’ ये पाकिस्तान का वो चेहरा है जो हर बार सामने आ ही जाता है। पाकिस्तान की हालत इस वक्त पूरी दुनिया के सामने स्पष्ट हो चुकी है। भारत का यह पड़ोसी मुल्क पाई-पाई को मोहताज है। आईएमएफ से आर्थिक मदद के लिए गिड़गिड़ा रहा है और हर शर्त मानने को तैयार है। इतनी बुरी गत के बाद भी पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स हैं कि पाकिस्तान रविवार 5 फरवरी को कश्मीर एकजुटता दिवस मनाने की तैयारी कर रहा है।
इसके लिए शहबाज सरकार तमाम फंड्स को सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार के लिए दावं पर लगा रहा है। पाकिस्तान सोशल मीडिया के सहारे एक बार फिर भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा फैला रहा है और कश्मीर पर दुष्प्रचार प्रसारित कर रहा है।
स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट्स हैं कि पाकिस्तान 5 फरवरी को कश्मीर एकजुटता दिवस की तैयारी कर रहा है। इन तैयारियों का असर सोशल मीडिया पर भी देखा जा सकता है। सोशल मीडिया पर कश्मीर को लेकर भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा फैलाया जा रहा है। इस वक्त पाकिस्तान की हालत बेहद खराब है। पेट्रोल पंपों में तेल की कमी है, राशन खरीदने को लोगों के पास पैसा नहीं है, पाकिस्तानी रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 270 पार कर गया।
इन हकीकतों के बावजूद पाकिस्तान की शहबाज सरकार का ध्यान भारत के खिलाफ साजिश रचने पर है। यही वजह है कि वो बड़ी मात्रा में फंड को दुष्प्रचार में प्रयोग कर रहा है।
पाकिस्तान साल 1990 में कश्मीर में कश्मीरी हिन्दुओं के कत्लेआम के बाद से हर साल 5 फरवरी को कश्मीर एकजुटता दिवस मना रहा है। इस ड्रामे के जरिये वह कथित तौर पर कश्मीर की आजादी के लिए लड़ रहे आतंकियों को क्रांतिकारी बताकर कश्मीर अलगाववाद आंदोलन का समर्थन करता है।
हालांकि धारा 370 और आर्टिकल 35 ए हटने के बाद से कश्मीर में हालात सुधरने लगे हैं। स्थानीय लोग भी मानने लगे हैं कि यह पाकिस्तान द्वारा फैलाया जा रहा प्रोपेगेंडा है। कश्मीर में शांति लौट रही है और बड़ी संख्या में पर्यटक घाटी की तरफ लौट रहे हैं।
Source : Hindustan
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