MUZAFFARPUR
बीआरएबीयू में पीजी थर्ड सेमेस्टर की परीक्षा 17 अगस्त से

बीआरएबीयू में पीजी थर्ड सेमेस्टर की परीक्षा 17 अगस्त से होगी। इसके लिए विवि ने परीक्षा कार्यक्रम गुरुवार को जारी कर दिया है। परीक्षा के लिए विवि के दोनों परीक्षा भवन (न्यू एंड ओल्ड) को केंद्र बनाया गया है। पहली पाली में परीक्षा सुबह 9 से दोपहर 12 बजे तक और दूसरी पाली में दोपहर 2 से शाम 5 बजे तक होगी। परीक्षा नियंत्रक डॉ. संजय कुमार ने बताया कि परीक्षा कार्यक्रम की जानकारी सभी पीजी विभागों और संबंधित कॉलेजों के प्राचार्यों को भेजी जा रही है। कहा कि विभिन्न विषयों को 6 ग्रुप में बांटा गया है। परीक्षा 5 सितंबर तक होगी। पहली पाली में ग्रुप – ए, सी व ई की परीक्षा होगी। वहीं, दूसरी पाली में ग्रुप- बी, डी व एफ के स्टूडेंट्स की परीक्षा होगी।
17 अगस्त ग्रुप ए,बी सीसी10
20 अगस्त ग्रुप सी,डी सीसी10
22 अगस्त ग्रुप ई, एफ सीसी10
23 अगस्त ग्रुप ए, बी सीसी11
24 अगस्त ग्रुप सी,डी सीसी11
25 अगस्त ग्रुप ई, एफ सीसी11
26 अगस्त ग्रुप ए,बी सीसी 12
27 अगस्त ग्रुप सी,डी सीसी12
29 अगस्त ग्रुप ई,एफ सीसी12
30 अगस्त ग्रुप ए,बी सीस13
31 अगस्त ग्रुप सी,डी सीसी13
1 सितंबर ग्रुप ई,एफ सीसी13
2 सितंबर ग्रुप ए,बी सीसी14
3 सितंबर ग्रुप सी,डी सीसी14
5 सितंबर ग्रुप ई,एफ सीसी14
ग्रुप ए – इतिहास, बॉटनी, एआईएच एंड सी, समाजशास्त्र
ग्रुप बी – राजनीति विज्ञान, अर्थशास्त्र, पर्शियन, दर्शनशास्त्र
ग्रुप सी – मनोविज्ञान, अंग्रेजी, मैथिली, पीके एंड जे
ग्रुप डी – जूलॉजी, होम साइंस, भौतिकी, बंगाली
ग्रुप ई – कॉमर्स, भूगोल, रसायनशास्त्र, संगीत
ग्रुप एफ – हिंदी, गणित, उर्दू, इलेक्ट्रॉनिक्स, संस्कृत।
Source : Dainik Bhaskar
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सावन के हरे रंग में सराबोर हुई सुहागिनें खूब लगाए ठुमके

हाय हाय रे ये मज़बूरी,तेरे सौ टकिए की नौकरी में मेरा लाखों का सावन जाए,,,,,चूडी मजा न देगी कंगन मजा न देगा, तेरे बगैर साजन सावन मजा न देगा,,,,,सावन का महीना और हरी साड़ी से लिपटी सुहागिन जब एक जगह जुटेंगी तो ठुमके भी लगेंगे।
कुछ ऐसा ही हुआ रविवार को आयोजित “हरीतिमा सावन महोत्सव” में स्थानीय कलमबाग चौक स्थित एक होटल में आयोजित महोत्सव में महिलाओं ने घर के काम काज में से खुद को आजाद कर अपने माहौल को खूब जीया।
सामूहिक रूप से दीप प्रज्वलित कर गणेश वन्दना घर पे पधारो गज़ानन्द जी,,,,के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की।
रैम्प वाक में सावन क्विन रश्मि प्रभात रंजन,फर्स्ट रनर अप अनामिका, सेकेंड रनर अप दीपा, डांस में अर्पिता, पुष्पांजलि चुनी गई। महिलाओं ने स्वछन्द होकर खूब मस्ती की। बावजूद अपनी परंपरा को नहीं छोड़ा। अरबा चावल,दूभी,सिंदूर, बिन्दी अंजुरी में ले रुपा सिंह ने सबके खोंईच्छा भर कर विदा किए।
संचालन कवियित्री मीनाक्षी मीनल ने किया। भूमिहार महिला समाज की ओर से आयोजित महोत्सव में कविता सिंह, सपना राज,डॉ सुभद्राकुमारी, डॉ बोधि कश्यप, पल्लवी दत्ता, भावना भूषण,मंजू सिंह, अनामिका सिंह, रश्मि सुमि,सोनी तिवारी, कोमल सिंह सहित सौ से अधिक महिलाओं ने भाग लिया।
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रोक सूची में खेसरा संग थाना व वार्ड का नंबर भी

जमीन खरीद-बिक्री की रोक सूची में शामिल खेसरा के रैयतों के लिए एक और राहत भरी खबर है। अंचल व जिला स्तर पर बनने वाली रोक सूची के खेसरा के साथ अब थाना व वार्ड नम्बर भी दर्ज करना होगा। पहले रोक सूची में थाना व वार्ड नम्बर दर्ज न रहने के कारण पूरे जिले का एक नम्बर का खेसरा एक साथ ब्लॉक हो जा रहा था, जिससे रोक सूची में शामिल खेसरा की संख्या 1.10 लाख से भी ऊपर हो गई थी। इससे रैयतों को नाहक परेशानी हो रही थी और उनकी खतियानी जमीन पर रोक सूची में शामिल बतायी जा रही थी।
डीएम प्रणव कुमार ने रोक सूची में संशोधन के लिए जो नया आदेश जारी किया है, उससे लोगों को बड़ी राहत मिलने वाली है। अब रोक सूची में खेसरा के साथ ही उसका वार्ड व थाना नम्बर भी दर्ज रहेगा। इसका लाभ यह होगा कि रोक सूची में वही खेसरा शामिल होगा जिस वार्ड की जमीन पर रोक लगायी जाएगी। डीएम ने सभी अंचलाधिकारियों को आदेश दिया है कि रोक सूची में शामिल सभी खेसरा के साथ थाना व वार्ड नम्बर दर्ज कर संशोधित रोक सूची बनायें, जिससे लोगों को राहत मिल सके। उन्होंने अंचलाधिकारियों को दो सप्ताह के भीतर संशोधित रिपोर्ट तैयार कर भेजने का आदेश दिया है। अंचलों में होने वाली इस सुधार के लिए अभियान चलेगा और इसकी मॉनिटरिंग दोनों डीसीएलआर करेंगे।
इसके साथ ही उन्होंने डीसीएलआर पूर्वी सह खास महाल पदाधिकारी को खास महाल की जमीन की विवरणी उपलब्ध कराने का आदेश दिया है।
जिले में अभी जो रोक सूची प्रभावी है, उसमें सिर्फ खेसरा संख्या दर्ज है। उसमें न तो खाता संख्या है, न वार्ड संख्या व और थाना नम्बर। उदाहरणत: यदि खेसरा नम्बर आठ को रोक सूची में शामिल किया गया, तो जिले के सभी वार्ड के आठ नम्बर खेसरा पर रोक लग जा रही थी।
अब वार्ड नम्बर दर्ज होने के बाद उसी वार्ड का खेसरा नम्बर ब्लॉक होगा, जिसका विवरण रोक सूची में शामिल रहेगा।
लोगों की इस समस्या को आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान’ ने प्रमुखता से उठाया था। इसके बाद राज्य स्तर पर रोक सूची की समीक्षा हुई और अब नया आदेश आया है। उम्मीद है कि जिले में रोक सूची में शामिल 1.10 लाख खेसरा घटकर अब कुछ हजार रह जाएगी।
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मुजफ्फरपुर : स्मैकियों की 180 दिनों तक जमानत रोकने को पुलिस देगी अर्जी

एनडीपीएस की जांच में खामियों पर हाइकोर्ट में फजीहत के बाद एसएसपी जयंतकांत ने सभी थानों को एसओपी जारी कर इसके पालन का निर्देश दिया है। नई हिदायत के अनुसार अब जब्त चरस-स्मैक की एफएसएल जांच होने तक स्मैकियों की जमानत 180 दिन तक रोकने के लिए पुलिस कोर्ट में आवेदन देगी। एनडीपीएस एक्ट में नियम के अनुसार चरस-स्मैक के साथ धराए आरोपितों के खिलाफ 90 दिन में जांच पूरी कर कोर्ट में पुलिस को चार्जशीट दाखिल कर देनी है।
यदि पुलिस 90 दिन में चार्जशीट दाखिल नहीं करती है तो कोर्ट आरोपित को जमानत का लाभ दे देता है। इस बाध्यता के कारण कांड के आईओ जब्त प्रदर्श की एफएसएल से रिपोर्ट लिए बगैर हड़बड़ी में आरोपितों के खिलाफ 90 दिन पूरी होने से पहले कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर रही थी। अब ऐसा नहीं होगा। यदि पहले 90 दिनों के अंदर जब्त चरस-स्मैक की जांच रिपोर्ट एफएसएल से नहीं मिलती है तो आईओ अगले 90 दिन तक आरोपी को जमानत नहीं देने के लिए कोर्ट में अर्जी देंगे। फिर 180 दिन के अंदर एफएसएल रिपोर्ट लेने के बाद ही कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की जायेगी। विशेष लोक अभियोजक केस मेंकानूनी पक्ष रखेंगे।
मजिस्ट्रेट की गैरमौजूदगी में जब्ती के लिए आरोपी से लेनी होगी मंजूरी
एनडीपीएस एक्ट के मुताबिक मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में ही चरस-स्मैक या मादक पदार्थ जब्त की जानी है। इसके लिए जब्ती स्थल पर मजिस्ट्रेट को बुलाना पुलिस के लिए अनिवार्य है। यदि जब्ती के समय से किसी कारणवश मजिस्ट्रेट नहीं उपलब्ध होते हैं तो आरोपित से एक मंजूरी पत्र लेना है, जिसमें आरोपी यह स्वीकार करेगा कि पुलिस अधिकारी के द्वारा ली जा रही तलाशी के लिए वह तैयार है और उसे कोई आपत्ति नहीं है। आरोपी की लिखित मंजूरी को पुलिस जब्ती सूची के साथ कोर्ट में पेश करेगी।
पुलिस को कोर्ट से लगी थी फटकार
अक्सर पुलिस खुद ही तलाशी लेकर एफआईआर में 50 पुड़िया या 100 पुड़िया चरस स्मैक जब्ती दिखा देती थी। यह एनडीपीएस नियम के अनुसार गलत है। इस नियम के उल्लंघन का मामला अहियापुर की एफआईआर में पकड़ी गई, जिसको लेकर हाइकोर्ट में मुजफ्फरपुर पुलिस के वरीय अधिकारियों को कड़ी फटकार लगी थी।
एनडीपीएस मामले में सभी बिंदुओं का पालन करने के लिए सभी थानेदारों को एसओपी जारी किया गया है। इसके तहत यदि पहले 90 दिन में एफएसएल रिपोर्ट नहीं मिलती है तो अगले 90 दिन और आरोपित को जमानत नहीं देने के लिए कोर्ट में अर्जी दी जायेगी। बगैर एफएसएल रिपोर्ट के कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करने वाले आईओ पर कार्रवाई की जायेगी। – जयंतकांत, एसएसपी
Source : Hindustan
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