बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन (बीपीएससी) की 67वें पीटी एग्जाम में बदलाव के विरोध में छात्रों ने पटना में प्रदर्शन किया है. बीपीएससी कार्यालय के बाहर आंदोलन कर रहे अभ्यर्थियों पर पटना पुलिस ने लाठियां भांजी. लाठीचार्ज में कई छात्रों के घायल होने की खबर है. पुलिस ने प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे छात्र नेता दिलीप कुमार को गिरफ्तार कर लिया है. दिलीप ने पुलिस पर मारपीट का आरोप लगाया है.

बताया जा रहा है कि बीपीएससी की 67वीं प्रारंभिक परीक्षा में बदलाव किए जाने का विरोध करते हुए अभ्यर्थियों ने परसेंटेज सिस्टम और एक पाली में परीक्षा आयोजित कराने की मांग की. बुधवार को प्रदर्शनकारी छात्र जब पटना के बेली रोड स्थित बीपीएससी कार्यालय का घेराव करने के लिए निकले तो पुलिस ने उन्हें रास्ते में रोक दिया, लेकिन छात्र नहीं माने तो पुलिस ने उन्हें काबू में करने के लिए बल प्रयोग किया.

BPSC परीक्षा में शामिल होने का क्यों कर रहे हैं विरोध

दरअसल बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन 67वीं पीटी एग्जाम का आयोजन 20 और 22 सितंबर, 2022 को किया जाएगा. इस बार यह परीक्षा दो दिन की होगी. प्रारंभिक परीक्षा में परसेंटाइल के आधार पर अंक देने का निर्णय लिया गया है. परसेंटाइल स्कोर परसेंटेज स्कोर के समान नहीं है. परसेंटाइल स्कोर उन सभी अभ्यर्थियों के प्रदर्शन पर बेस्ड होगा जो उस शिफ्ट के एग्जाम में शामिल हुए होते हैं. पर्सेंटाइल का अर्थ यह होता है कि कितने उम्मीदवार हैं जिनके मार्क्स आपसे कम या बराबर आए हैं. सीधे शब्दों में कहें तो पर्सेंटाइल का मतलब होता है कि किसी अभ्यर्थी को कितने छात्रों से ज्यादा नंबर मिला है.

एक तरह से पर्सेंटाइल स्कोर दर्शाता है कि अभ्यर्थी ने कितने फीसदी उम्मीदवारों से ज्यादा मार्क्स परीक्षा में स्कोर किया है. उदाहरण के लिए अगर किसी अभ्यर्थी का पर्सेंटाइल 70 फीसदी है तो इसका मतलब हुआ कि उसने 70 फीसदी उम्मीदवारों से ज्यादा मार्क्स हासिल किए हैं. बीपीएससी परीक्षा देने वाले छात्र इसका विरोध कर रहे है.

Source : News18

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