बिहार के भागलपुर के सुल्तानगंज अजगैबीनाथ गंगा घाट से सदियों से लाखों कांवरिये 105 किलोमीटर की दूरी तय कर देवघर बैद्यनाथ धाम में जल अर्पण करते हैं. पौराणिक कथाओं के अनुसार सबसे पहले भगवान श्रीराम ने सुल्तानगंज से जल भरकर देवघर की यात्रा कर बैद्यनाथ धाम में जल अर्पण किया था. वहीं सुल्तानगंज अजगैबीनाथ गंगा घाट का गंगाजल इसलिए भी खास माना जाता है कि यहां उत्तरवाहिनी गंगा है, इसलिए यह परंपरा विद्यमान है. लेकिन कोरोना के कारण 2 वर्षों से इस परंपरा पर ग्रहण लग गया था. लेकिन सुखद बात यह कि अब इस वर्ष मेले का आयोजन किया जाएगा.

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पुलिस प्रशासन ने कसी कमर

श्रावणी मेले को लेकर तैयारियां भी जोर शोर से चल रही है. जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन ने मेले को लेकर कमर कस ली है. लगातार जिलाधिकारी और एसएसपी मेला क्षेत्र और तैयारियों का निरीक्षण कर रहे हैं. कांवरिया पथ को दुरुस्त करने का काम अंतिम चरण पर है. शौचालय, स्नानागार और चापाकलों का काम लगभग पूरा हो चुका है. मेला क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं. और घाट पर बैरिकेडिंग कर दिया गया है.

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कांवरियों के लिए नई सुविधाओं का इंतजाम

इस वर्ष कांवरियों के लिए नई सुविधाएं भी है. दरअसल जहाज घाट पर नमामि गंगे परियोजना की तहत 10 करोड़ की लागत से आधुनिक और भव्य सीढ़ी घाट का निर्माण करवाया गया है. पहले की अपेक्षा गंगा घाट का क्षेत्रफल बढ़ जाने से कांवरियों को जल भरने में सुविधा होगी. महिलाओं के लिए चेंजिंग रूम और बाथरूम की भी व्यवस्था की गई है.

अजगैबीनाथ मन्दिर प्रबंधन ने भी कसी कमर

सुलतानगंज पहुंचने वाले लाखों कांवरिये अजगैबीनाथ मन्दिर का दर्शन करते हैं. इसको लेकर मन्दिर प्रबंधन ने भी कमर कस ली है, लेकिन सरकारी स्तर पर मेले का प्रचार नहीं कराए जाने से नाराज भी हैं. मन्दिर के महंत प्रेमानंद गिरी महाराज ने कहा कि पूर्व में मेले से 1 महीने पहले से सरकारी स्तर पर प्रचार प्रसार शुरू हो जाता था, इस वर्ष नहीं हुआ है. उम्मीद है पहले से ज्यादा कांवरिये पहुंच सकते है या नहीं भी पहुंच सकते हैं, लेकिन हमलोग अपने स्तर से मन्दिर में 90 प्रतिशत तैयारी कर लिए हैं.

Source: Zee Media

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