मौसम विभाग के मुताबिक सतह से 1.9 किलोमीटर ऊपरी हिस्से में एक ट्रफ रेखा बिहार होते हुए झारखंड, मेघालय तक जा रही है। चक्रवाती हवा बिहार के उत्तरी हिस्से में सक्रिय है। इसके प्रभाव से गुरुवार की सुबह-सुबह मुजफ्फरपुर समेत कई इलाकों में धूलभरी आंधी के बाद वर्षा भी हुई। जबकि, पूर्वी-पश्चिम चंपारण, सीवान, गोपालगंज, पूर्णिया सहित 19 जिलों में 48 घंटे के दौरान मेधगर्जन के साथ बारिश होने के आसार हैं। इस दौरान हवा की रफ्तार 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। पटना, गया, नवादा सहित बिहार के 19 जिलों में कुछ स्थानों पर हल्की बारिश के आसार हैं। उधर, मौसम विभाग के अनुसार बिहार में प्री-मानसून के दाैरान औसत  81.7 एमएम बारिश होती है। लेकिन, इस बार इससे ज्यादा 109 फीसदी होने का अनुमान है। राज्य में वर्ष 2013 से 2021 तक प्री-मानसून के दाैरान दाे बार 2018 और 2019 में सामान्य से कम बारिश हुई। 2021 में 227% अधिक बारिश रिकाॅर्ड की गई।

2018 में सबसे देर व 2006 में जल्दी आया मानसून

मौसम विभाग के वैज्ञानिक आशीष कुमार सिंह के अनुसार 2021 में साइक्लोन सक्रिय हाेने से सामान्य से अधिक बारिश हुई। इस साल सिस्टम की सक्रियता की वजह से प्री-मानसून के दाैरान सामान्य से अधिक बारिश होने का अनुमान है। बिहार में 12 से 15 जून के बीच मानसून आने  के आसार हैं। 2002 से 2021 तक 20 वर्ष के दौरान सबसे देर से मानसून 2018 में 25 जून को आया था और वापसी भी सबसे जल्दी हुई। 2006 में सबसे जल्दी 6 जून को मानसून का आगमन हुआ था और 9 अक्टूबर को वापसी हुई थी। 2021 में 12 जून को पूर्णिया, पूर्वी-पश्चिमी चंपारण की तरफ से बिहार में मानसून आया था।

Source : Dainik Bhaskar

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