भारत में मनाए जाने वाले सबसे महत्‍वपूर्ण त्‍योहारों में से एक होली की सही तारीख को लेकर इस बार संशय बन गया है। ऐसा पहले भी कई मौकों पर हुआ है, जब अलग-अलग हिस्‍सों में यह पर्व दो दिन मनाया गया है। बिहार में इस वर्ष भी पर्व की तिथि को लेकर संशय का माहौल है। अमूमन जिस रात होलिका जलाई जाती है, उसकी अगली सुबह रंगों का पर्व शुरू हो जाता है। इस बार तिथि को लेकर अलग संयोग बना है। इसके चलते होली 18 या 19 मार्च को मनेगी, इस बात को लेकर संशय हो गया है।

होलिका दहन 17 मार्च को ही होगा

ज्योतिषचार्य उषाकांत तिवारी ने बताया कि पंचांग की गणना के अनुसार होलिका दहन इस साल 17 मार्च को होगा और रंगोत्सव, रंग गुलाल वाली होली 19 मार्च को होगी। आचार्य के अनुसार इस साल फाल्गुन पूर्णिमा तिथि का आरंभ 17 मार्च को दोपहर 12 बजकर 57 मिनट पर होगा। पूर्णिमा तिथि 18 मार्च को दोपहर 12 बजकर 53 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। होलिका दहन पूर्णिमा तिथि में भद्रा रहित काल में करना चाहिए।

एक दिन के अंतर से मनाई जाएगी होली

पंडित तिवारी के मुताबिक धार्मिक ग्रंथ में कहा गया है कि यदि प्रदोष काल में भद्रा हो और निशीथ काल से पहले भद्रा समाप्त हो जा रही हो, तब भद्रा के समाप्त होने पर निशीथ काल यानी मध्य रात्रि से पहले होलिका दहन कर लेना चाहिए। इस लिहाज से 17 तारीख को प्रदोष काल में भद्रा है और मध्य रात्रि में भी भद्रा का साया बना हुआ है। इसके साथ ही अगले दिन प्रदोष काल से पहले ही पूर्णिमा समाप्त हो जा रही है। नियम के अनुसार होलिका दहन इसमें कर लेना चाहिए। तिथि के अनुसार 17 मार्च को रात्रि के 12:57 के बाद ही होलिका दहन करना है। जबकि, एक दिन बीच करके यानी 19 मार्च को होली मनाई जाएगी।

Source : Dainik Jagran

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