रणजी ट्राफी के डेब्यू मैच में ऐतिहासिक प्रदर्शन कर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने वाले शहर के अगरवा मोहल्ला निवासी शकीबुल गनी और उनके स्वजनों को बधाई देने का सिलसिला जारी है। बड़ी बात यह कि मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने भी ट्वीट कर शकीबुल को बधाई दी है। क्रिकेट के भगवान के ट्वीट से मिली बधाई से शकीबुल के परिवार में खुशियां ज्यादा बढ़ गई हैं। सचिन तेंदुलकर ने ट्वीट में लिखा है- डेब्यू रणजी ट्राफी मैच में सालिड परफारमेंस के लिए शकीबुल को बधाई, उम्दा प्रदर्शन को जारी रखो। शुक्रवार को डेब्यू मैच में शकीबुल ने शानदार 341 रन बनाकर वल्र्ड रिकार्ड किया।
Congratulations to Sakibul Gani for a solid performance in his debut Ranji Trophy match.
Keep it up. https://t.co/B7C7cF7mwL
— Sachin Tendulkar (@sachin_rt) February 19, 2022
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी ट्वीट कर दी बधाई
बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी ट्वीट कर शकीबुल को बधाई दी है। लिखा है कि रणजी ट्राफी में बिहार के लिए ऐतिहासिक पल है। ट्वीट के माध्यम से बीसीसीआई, आरव गौतम ने भी बधाई दी है।
Congratulations to Bihar's Sakibul Gani, who created a world record by becoming the first batsman in the world to score a triple century on first-class debut. #SakibulGani smashed 341 runs from 405 balls in Ranji Trophy against Mizoram.
Historic moment for Bihar in Ranji Trophy. pic.twitter.com/5UmiCptz6w
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) February 18, 2022
धैर्य के साथ चढ़ता गया सफलता की सीढ़ी
शकीबुल जब भी खेलने उतरते थे तो लक्ष्य होता था छक्के जडऩा। इसमें वे क्रीज पर टिक नहीं पाते थे और निराशा हाथ लगती थी। अब वैसा नहीं है। इनका फोकस अब क्रीज पर टिकना होता है। उनके बड़े भाई व क्रिकेटर सह शकीबुल के प्रशिक्षक फैसल गनी ने बताया कि वह छक्का मारने में आगे रहता था। इसी में जल्दी आउट हो जाता था। प्रशिक्षण के दौरान उसकी कमजोरी को बताया गया। उसने गंभीरता से अमल किया तो ऐतिहासिक सफलता सामने है। खुद को कंट्रोल करना सफलता की सीढ़ी बनी। फैसल केवल बड़े भाई ही नहीं हैं, बल्कि वे छोटे भाई के एक अच्छे कोच भी। शकीबुल की कमी को फैसल बताते थे और उसे खत्म करने का रास्ता भी बताते थे। शकीबुल सात साल की उम्र से क्रिकेट खेल रहे हैं। अभी उम्र 22 हो चुकी है। 15 वर्षों के बीच में क्रिकेट की बारीकियां सीख चुके हैैं। फैसल ने कहा कि जीवन में हमेशा बेहतर करने की शकीबुल का लक्ष्य रहा। कभी समझौता नहीं किया। कोरोना काल में पिछले वर्ष घर के कैंपस में नेट प्रैक्टिस करने की जगह बना दी।
अब लौटने का इंतजार
शकीबुल से उनके पिता मन्नान गनी, माता आजमा खातून और स्वजनों की 16 फरवरी को बात हुई थी। इसके बाद से उनका मोबाइल बंद है। जब बात हुई थी तो समझाया था कि अच्छे से खेलना। हड़बड़ाना नहीं। पिता ने कहा था कि सबकी उम्मीदें हैैं। परिवार के लोग डेब्यू मैच का लाइव प्रसारण तो नहीं देख सके, लेकिन बीसीसीआई की साइट पर अपडेट स्कोर की जानकारी लेते रहे। बीसीसीआई की गाइडलाइन के कारण शकीबुल की परिवार से बात नहीं हो पाई। मोबाइल पर शकीबुल के रन का अपडेट मिल रहा था।