दिव्यांगता की मार झेल रही जीरादेई प्रखंड के बंथुश्रीराम की प्रियांशु की मदद को बालीवुड एक्टर सोनू सूद भी आगे आए हैं। उन्होंने शुक्रवार को अपने एक ट्वीट में कहा कि, ‘चलिए, अब दोनों पैरों से नई शुरुआत करें, सामान बांधिए प्रियांशु। सोनू सूद के इस ट्वीट से प्रियांशु के जीवन की नई किरण दिखाई दी है। हालांकि वह और उसके स्वजन इस ट्वीट से बेखबर थे। दैनिक जागरण ने 30 जून के अंक में ‘प्रियांशु के हौसले को देख शर्मा गई दिव्यांगता, एक पैर से दो किलोमीटर चलकर जाती स्कूल’ शीर्षक से प्रमुखता से समाचार प्रकाशित कर उसकी समस्याओं की तरफ शासन-प्रशासन और समाजसेवियों का ध्यान आकृष्ट कराया था।
चलिए अब दोनो पैरों से नई शुरुआत करें।सामान बंधिए प्रियांशु🇮🇳 https://t.co/2C86kwtUoh
— sonu sood (@SonuSood) July 1, 2022
इस खबर में प्रियांशु को एक पैर से विद्यालय पढ़ने जाने में हो रही परेशानी को सामने लाते हुए ‘मदद को कोई तो आगे आए’ कालम में सोनू सूद का ध्यान भी इस तरफ आकृष्ट कराया था। उसमें लिखा गया था कि प्रियांशु को इस समय सोनू सूद जैसे लोगों की मदद की जरूरत है। यह समाचार प्रकाशित होने के अगले दिन ही सोनू सूद ने यह ट्वीट किया है। यह संदेश जैसे ही चर्चा में आया सभी दैनिक जागरण की सराहना करने लगे। इस बारे में प्रियांशु के माता-पिता से संपर्क कर उन्हें इसकी जानकारी दी गई तो उनके चेहरे पर मुस्कान आ गई। उन्होंने दैनिक जागरण का आभार व्यक्त किया।
#सिवान जिले के #जीरादेई प्रखंड में बनथु श्रीराम गांव की #प्रियांशु_कुमारी एक पैर से दिव्यांग है। वह एक पैर पर एक किलोमीटर से ज्यादा सफर तय कर स्कूल जाती । रिपोर्ट @ आकाश कुमार @NitishKumar @officecmbihar pic.twitter.com/Ts1N71s3py
— आकाशवाणी समाचार, पटना (@airnews_patna) June 29, 2022
एक पैर से चलकर दो किलोमीटर स्कूल जाती है
बता दें कि जीरादेई प्रखंड के बंथु श्रीराम गांव निवासी प्रेम सागर चौहान की 11 वर्षीय पुत्री एक पैर से दिव्यांग है। वह एक पैर से चलकर दो किलोमीटर दूरी स्थित विद्यालय में पढ़ने जाती है। उसने पढ़-लिखकर डाक्टर बनने का सपना पाला है। प्रियांशु के विद्यालय के शिक्षक राजन कुमार चौबे भी दिव्यांग हैं।
उन्होंने प्रियांशु की प्रतिभा देख उसे अपने विद्यालय में नि:शुल्क नामांकन दिया। वे प्रियांशु को किताब, कापी, पेंसिल नि:शुल्क उपलब्ध कराते हैं। वे कहते हैं कि वे और उनके विद्यालय के सभी शिक्षक प्रियांशु की हर संभव मदद करते हैं ताकि डाक्टर बनने का उसका सपना साकार हो सके।
Source: Dainik Jagran