पटना। नेशनल हाईवे पर हो रही सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए हर दस किलोमीटर पर कैमरा व स्पीड गन लगाए जाएंगे। यमुना एक्सप्रेस-वे की तर्ज पर बिहार के उन पांच नेशनल हाईवे पर इसका प्रायोग होगा, जहां अभी सबसे अधिक सड़क दुर्घटनाएं हो रही है। परिवहन विभाग ने इस दिशा में काम शुरू कर दिया है।

दरअसल, नेशनल हाईवे पर होने वाली सड़क दुर्घटनाओं के मामले में बिहार देश के शीर्ष 10 राज्यों में शामिल हो गया है। पहले देश में एनएच पर होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में बिहार की हिस्सेदारी मात्र 3.3 फीसदी थी जो बढ़कर 3.5 फीसदी हो गई है। रिपोर्ट के अनुसार राज्य के पांच राष्ट्रीय राजमार्गों पर ही सिर्फ 50 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं। सबसे अधिक हादसे एनएच 31 पर हो रहे हैं। नवादा, बिहारशरीफ, पटना, बेगूसराय, खगड़िया, पूर्णिया व किशनगंज से होकर गुजरने वाले इस एनएच पर 644 सड़क दुर्घटनाएं हुई। इसमें 520 लोगों की मौत हो गई। वहीं, एनएच 28 दूसरे स्थान पर है। बेगूसराय, मुजफ्फरपुर व गोपालगंज से होकर गुजरने वाले इस एनएच पर कुल 515 हादसे हुए जिसमें 443 लोगों की मौत हो गई। एनएच 30 सड़क दुर्घटना के मामले में तीसरे पायदान पर है। पटना व भोजपुर से होकर गुजरने वाली इस एनएच पर 378 हादसे हुए जिसमें 279 की मौत हो गई। चौथे पायदान पर एनएच 57 है। मुजफ्फरपुर, दरभंगा, अररिया व पूर्णिया से होकर गुजरने वाले इस एनएच पर 376 सड़क हादसे हुए जिसमें से 331 की मौत हो गई। जबकि पांचवें स्थान पर एनएच 2 है। कैमूर, सासाराम व औरंगाबाद से होकर गुजरने वाले इस सड़क पर 356 सड़क हादसे हुए जिसमें से 295 की मौत हो गई।

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यमुना एक्सप्रेस-वे का हुआ अध्ययन परिवहन सहित पांच विभागों के अधिकारियों ने हाल ही में यमुना एक्सप्रेस-वे का अध्ययन किया है। अधिकारियों के अनुसार यमुना एक्सप्रेस-वे पर हादसों पर लगाम लगाने के लिए आईआईटी दिल्ली ने आवश्यक सुझाव दिए थे। उसी के तहत एक्सप्रेस-वे पर हल्के वाहन के लिए 80 किलोमीटर प्रतिघंटा तो भारी वाहनों के लिए अधिकतम रफ्तार सीमा 60 किलोमीटर प्रति घंटा तय की गई है। साथ ही कैमरा व स्पीड गन लगाए गए हैं। बिहार में जिन पांच एनएच पर अधिक हादसे हो रहे हैं, वहां यमुना एक्सप्रेस-वे की तर्ज पर आवश्यक उपकरण लगाए जाएंगे। इसके तहत हर 10 किलोमीटर पर कैमरा व स्पीड गन लगाए जाएंगे। गति सीमा तय की जाएगी। कैमरा व स्पीड गन से पता चल जाएगा कि चालक कितनी गति से गाड़ी चला रहा है। इस तरह उनपर स्वत जुर्माना लग जाएगा।

ट्रैफिक नियमों की अनदेखी बड़ी वजह

हादसे न हो इसके लिए यातायात नियम तय हैं लेकिन ड्राइवरों की ओर से इन नियमों की अनदेखी की जा रही है। तेज रफ्तार और बेतरतीब परिचालन के कारण हर रोज हादसे हो रहे हैं। सीट बेल्ट और हेलमेट का इस्तेमाल नहीं करने से भी कई दफे वैसे लोगों की जान भी चली जाती है जिसे बचाया जा सकता था। नेशनल हाइवे और स्टेट हाईवे पर दुर्घटनाएं ज्यादा देखी जा रही हैं। इसकी वजह तेज रफ्तार है। संतुलन खोने के चलते कई दफे बड़े हादसे होते हैं तो कहीं एक की दूसरी गाड़ी से टक्कर हो जा रही है।

Source : Hindustan

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