बिहार में शराबंबदी से महिलाएं खुश हैं। मद्यनिषेध विभाग के एक सर्वे में राज्य की 100 फीसदी महिलाओं ने नीतीश कुमार के शराबबंदी कानून को अच्छा बताया है। महिलाओं का कहना है कि शराब की बिक्री बंद होने से वे अब बेखौफ होकर रात में घरों से बाहर निकल पा रही हैं। अधिकतर लोग शराबबंदी के समर्थन में हैं। आधे से ज्यादा लोगों का मानना है कि राज्य में अवैध शराब तस्करी को रोकने और धंधेबाजों पर लगाम लगाने के लिए सरकार को सख्ती और बढ़ानी चाहिए।

मद्यनिषेध विभाग ने राज्य के 8 जिलों के अलग-अलग इलाकों में स्थित करीब 4 हजार घरों में शराबबंदी को लेकर सर्वे कराया। यह सर्वे 4 महीने तक चला। सर्वे में 80 फीसदी लोगों ने शराबबंदी का समर्थन किया है। वहीं, 60 फीसदी लोगों का कहना है कि शराबबंदी को लेकर और सख्ती बढ़ानी चाहिए। सर्वे रिपोर्ट की सबसे खास बात ये है कि इसमें 100 फीसदी महिलाओं ने शराबबंदी के प्रति खुशी जाहिर की। महिलाओं का कहना है कि बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद वे अब बेखौफ होकर घूम सकती हैं। वे दिन ढलने के बाद भी घर से निकल रही हैं। साथ ही साथ बिजनेस भी कर रही हैं।

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बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2015 में बिहार में शराबबंदी की घोषणा की थी। इसके एक साल बाद राज्य में शराबबंदी कानून लागू हो गया। राज्यभर में शराब के उत्पादन, बिक्री और उपभोग पर प्रतिबंध लग गया। इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ भारी जुर्माना और सजा का प्रावधान था। हालांकि बाद में कानून में संशोधन कर जुर्माना राशि को कम किया गया। साथ ही अब शराब पीते हुए पकड़े जाने पर आरोपी को जुर्माना राशि देकर छोड़ा जा सकता है, पहले उसे सीधे जेल भेजा जाता था।

अवैध और जहरीली शराब सबसे बड़ी चुनौती

बिहार में भले ही शराबबंदी लागू हुए 6 साल हो गए हैं, लेकिन शराब की अवैध बिक्री अब भी जारी है। लोग रोजाना नए तरीकों से शराब की तस्करी कर रहे हैं। साथ ही देसी तरीके से बनने वाली जहरीली शराब पीने का ट्रेंड भी बढ़ा है। हाल ही में सारण जिले में जहीरीली शराब कांड से दो दर्जन लोगों की मौत हो गई थी। लोग शराब तस्करी और जहरीली शराब की बिक्री को रोकने के लिए सख्ती बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।

Source : Hindustan

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