Join WhatsApp Group
Posted inINDIA

आख़िर कब तक हम खोते रहेंगे अपनों को? कब लौट कर आएँगे वो जो छोड़ गए हैं अपने अपनों को अधूरे वादों के साथ?

उदासी का मंज़र ही रहा होगा फ़्लाइट लेफ़्टिनेंट संध्या के लिए जब उन्होंने अपनी आँखों के सामने से अपने महबूब को जंगल में खोते देखा होगा. दिल डूबने लगा होगा उनका सामने लगी स्क्रीन कि रडार से An-32 एरक्राफ़्ट के सिग्नल को ग़ायब होता देख. ये किसी फ़िल्म का सीन नहीं हक़ीक़त है. पिछले सोमवार […]