अगर विधायक और सांसद किसी पार्टी से टूटते हैं तो आमतौर पर सत्ता के साथ जाते हैं। मगर बिहार अपने-आप में अनूठा राज्य है। यहां ओवैसी की पार्टी के 5 में से 4 विधायक मुख्य विपक्षी पार्टी आरजेडी में शामिल हो गए। ये किसी बड़े सियासी खेल का संकेत हैं। आंकड़ों के लिहाज से देखें तो राज्य में महागठबंधन सत्ता से सिर्फ 6 विधायक दूर है। मतलब लालू यादव की पार्टी आरजेडी गठबंधन के पास 116 विधायक हो गए हैं। बिहार में बहुमत का आंकड़ा 122 है। AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इमान सिर्फ ओवैसी के साथ रह गए हैं। ओवैसी से पहले अख्तरुल इमान, लालू यादव की पार्टी आरजेडी का ही झंडा ढोते थे। आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव आजकल पटना में ही हैं।
वैसे पहली बार भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में owaissi के पार्टी के विधायक टूट के मुख्य विपक्षी दल में गए , सबसे बड़ी पार्टी RJD सदन में बन गयी , खेल अभी शुरू हुआ हैं क्योंकि संचालन कही और से हो रहा हैं , RJD को बधाई
— Dr Ajay Alok (@alok_ajay) June 29, 2022
महागठबंधन के पास अब 116 विधायक
बिहार आरजेडी एक बार फिर बड़ी पार्टी हो गई। लालू के लाल ने असदुद्दीन ओवैसी के साथ खेला कर दिया। AIMIM के चार विधायक लालू यादव की पार्टी के साथ हो गए। आरजेडी के विधायकों की संख्या अब 80 हो गई। इसके साथ ही महागठबंधन के विधायकों की संख्या बढ़कर 116 हो गई। सिर्फ 6 विधायकों को मैनेज करना है और जादुई आंकड़ा 122 हासिल की जा सकती है। सत्ता के शिखर पर पहुंचने की राह से तेजस्वी यादव सिर्फ 6 विधायक दूर हैं। अगर उनके मैनेजरों ने ये कमाल कर दिया तो आज जो ओवैसी के साथ हुआ है वो किसी और के साथ भी हो सकता है। ये अपने आप में आश्चर्य की बात है कि किसी पार्टी की टूट हुई और विपक्षी पार्टी में विधायक शामिल हुए हों। आमतौर पर इस तरह के मामलों में सत्ता का सुख लेने की कोशिश होती है।
बिहार में नए सियासी ‘खेल’ के संकेत
आरजेडी में शामिल होने वाले विधायकों में कोचाधामन के विधायक मुहम्मद इजहार अस्फी, जोकीहाट से शाहनवाज आलम, पूर्णिया के बायसी के सैयद रुकनुद्दीन अहमद और बहादुरगंज के विधायक अंजार नईमी हैं। बिहार AIMIM के अध्यक्ष अख्तरुल इमान सिर्फ ओवैसी के साथ हैं। हालांकि वो कब तक रहेंगे कहना मुश्किल है। हाल ही में सत्ताधारी जेडीयू निकाले गए नेता अजय आलोक ने ट्वीट कर इस बात के संकेत दिए कि अभी तो खेल शुरू हुआ है। इसका कंट्रोलिंग कहीं और है। उन्होंने लिखा कि ‘वैसे पहली बार भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में ओवैसी की पार्टी के विधायक टूटकर मुख्य विपक्षी दल में गए, सबसे बड़ी पार्टी RJD सदन में बन गयी, खेल अभी शुरू हुआ है क्योंकि संचालन कहीं और से हो रहा हैं, RJD को बधाई’
Source: NBT