पटना के फुलवारीशरीफ में रची गई आतंकी साजिश की परतें एक-एककर उतर रही हैं। पूछताछ व जांच में पता चला है कि आतंकी मरगूब ने आतंकी संगठन ‘गजवा-ए-हिंद’ के स्लीपर सेल बना रखे थे। 2023 में देश के खिलाफ जिहाद की साजिश रची गई थी। बिहार के 12 जिलाें में पीएफआइ ने दफ्तर खोल वहां शारीरिक शिक्षा देने के नाम पर भटके हुए युवकाें काे आतंक की ट्रेनिंग दी जा रही थी। पता चला है कि इन ठकानों पर अभी तक 15 हजार युवकों को ट्रनिंग दी जा चुकी है। देश विरोधी गतिविधियों की इस बड़ी साजिश की जांच अब एनआइए (NIA) व प्रवर्तन निदेशालय (ED) कर सकते हैं।

गिरफ्तार आतंकियों ने किए सनसनीखेज खुलासे

विदित हो कि बीते सप्‍ताह बुधवार को पटना के फुलवारीशरीफ से प्रतिबंधित संगठन पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (PFI) और राजनीतिक संगठन सोशल डेमेक्रेटिक फ्रंट आफ इंडिया (SDFI) के दो सक्रिय सदस्यों अतहर परवेज और जलालुद्दीन को गिरफ्तार किया गया था। वे फुलवारीशरीफ में शारीरिक प्रशिक्षण की आड़ में आतंकी प्रशिक्षण देते तथा भारत को 2047 तक इस्लामिक राष्ट्र बनाने की साजिश से संलग्‍न पाए गए। इसके बाद पुलिस जांच में उनका आतंक का प्लान डिकोड होता चला गया। इस मामले में 26 लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई है। आरोपितों में से पांच को गिरफ्तार किया जा चुका है। उनसे मिली जानकारियों के आधार पर जांच चल रही है।

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पूछताछ में आतंक के प्रशिक्षकों के नाम उजागर

आज मिली जनकारी के अनुसार अतहर एवं अरमान ने पूछताछ में केरल और कर्नाटक से आने वाले आतंक के प्रशिक्षकों के नाम उजागर किए हैं। उन्‍होंने पीएफआई की आड़ में दो अन्य विंग और सिमी के पूर्व सदस्यों को संगठन में जोड़ने का उद्देश्य भी पुलिस को बताए हैं।

पटना सहित पूरे बिहार में आतंकियों के स्लीपर सेल

पूछताछ व जांच में हुए खुलासों पर विश्‍वास करें तो पटना सहित पूरे बिहार में आतंकियों के स्लीपर सेल बन चुके हैं। पुलिस पूछताछ में गिरफ्तार आतंकी मरगूब ने बताया कि आतंकी संगठन ‘गजवा-ए-हिंद’ के बैनर तले 2023 में देश के खिलाफ जिहाद की साजिश रची गई थी। इसके लिए पूर्णिया को मुख्‍यालय बनाकर 12 जिलाें में पीएफआइ ने दफ्तर खोले। वहां शारीरिक शिक्षा देने के नाम पर समुदाय विशेष के युवकाें काे आतंक की ट्रेनिंग दी जा रही थी। सनसनीखेज खुलासा तो यह है कि अभी तक 15 हजार युवकों को ट्रनिंग दी जा चुकी है। अब आतंक की ट्रेनिंग पाए इन युवकों के स्‍लीपर सेल की शिनाख्‍त बड़ी चुनौती है।

बिहार में चल रही थी इंडिया को खत्म करने की मुहिम

आतंकी संगठन गजवा-ए-हिन्द से जुड़े रहे मरगूब के इंटरनेट मीडिया पर ‘इंडिया खत्म हो जाएगा’ मुहिम का हिस्सा था। पाकिस्‍तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ भी उसे प्रश्रय दे रही थी। वह ‘गजवा-ए-हिंद’ वाट्सऐप ग्रुप बनाकर पाकिस्तान के कई लोगों को ग्रुप से जोड़ चुका था। व्हाट्सऐप और मैसेंजर के जरिए पाकिस्तान और बंगलादेश में बात भी करता था।उसके पास मिले मोबाइल से मशकूर नामक एक पाकिस्तानी का नंबर मिला है, जिसने चैटिंग में खुद को आइएसआइ का एजेंट बताया है।

Source : Dainik Jagran

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