शिवहर : 70 रुपये की एक्सपायर्ड दवा में मुकदमा दर्ज कराने में पुरनहिया प्रखंड के बराही जगदीश गांव निवासी सुरेंद्र राउत को 17 साल लग गए। इस दौरान लगभग 20 हजार रुपये भी खर्च हो गए। अब शिवहर कोर्ट ने प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है। वर्ष 2005 में सुरेंद्र राउत के पेट में दर्द हुआ। वह अस्पताल के लिए निकले। रास्ते में अदौरी के सुखलाल साह मिल गए। वे अपने भाई नंदलाल साह की अदौरी चौक स्थित दवा दुकान पर ले गए। नंदलाल ने पेट दबाकर कुछ जांच की और कहा कि गैस की शिकायत है। 70 रुपये लेकर एक सीरप और चार कैप्सूल दे दिए। दवा खाने के बाद उनकी तबीयत और बिगड़ गई। गांव के हीरा साह ने दवा की शीशी और लेबल देख बताया कि उन्हें एक्सपायर्ड दवा दी गई है। इसकी शिकायत करने दुकान पर गए तो नंदलाल और उसके भाई ने मारपीट कर भगा दिया।
पुलिस ने मामला लेने से कर दिया था इंकार
थाने में गए तो मुकदमा नहीं दर्ज किया गया। इसके बाद सुरेंद्र ने छह अक्टूबर, 2005 को सीतामढ़ी स्थित शिवहर अनुमंडल कोर्ट में नंदलाल साह और सुखलाल साह के विरुद्ध वाद दायर किया। इसमें एक्सपायर्ड दवा बेचने, तबीयत बिगडऩे, बगैर लाइसेंस दवा दुकान संचालन और बिना डिग्री लोगों का इलाज करने का आरोप लगाया गया था। तारीख पड़ती रही, लेकिन कोई आदेश नहीं आया। इसी बीच वर्ष 2009 में कोर्ट सीतामढ़ी से शिवहर स्थानांतरित हो गया। एक साल बाद शिवहर के सभी मुकदमे भी यहीं शिफ्ट कर दिए गए, लेकिन यह मामला अटका रहा।
एक जुलाई, 2022 को आया आदेश
17 साल बाद अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी राजेश कुमार ने एक जुलाई, 2022 को पुरनहिया थाने में मामला दर्ज कर जांच का आदेश दिया। थानाध्यक्ष मुन्ना कुमार गुप्ता ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज कर जांच की जा रही है। 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट सौंप दी जाएगी। अधिवक्ता देशबंधु शर्मा ने बताया कि कोर्ट में बड़ी संख्या में केस लंबित हैं। कोरोना काल में लंबित मुकदमों की संख्या बढ़ी है। अब पुराने मामलों के निष्पादन के प्रति कोर्ट गंभीर है।
Source : Dainik Jagran