तुर्की और सीरिया सोमवार को भूकंप के झटकों से दहल गए हैं. भूकंप से इन दोनों देशों में अब तक 1500 से अधिक लोगों की मौत हो गई है जबकि घायलों का आंकड़ा 5,380 से अधिक है. भूकंप से 2818 इमारतें जमींदोज हो गईं. मलबे के भीतर से अब तक 2470 लोगों को बचाया गया है. लेकिन अभी भी हजारों लोग मलबे में फंसे हुए हैं. बड़े पैमाने पर बचाव एवं राहत अभियान जारी है.

समाचार एजेंसी एपी की रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार तड़के आए भूकंप के लगभग 12 घंटे बाद शाम को तुर्की में भूकंप के एक और झटके से लोग दहल गए. तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोगन ने भूकंप के मद्देनजर आपात बैठक की, जिसमें भूकंप पीड़ितों के लिए हरसंभव मदद की पेशकश की है.

तुर्की में भूकंप का पहला झटका सोमवार सुबह करीब सवा चार बजे आया. भूकंप का केंद्र गजियांटेप इलाके में था, जो सीरिया बॉर्डर से सिर्फ 90 किलोमीटर दूर है. सीरिया में भी भूकंप ने भारी तबाही मचाई. सीरिया के कई शहरों में भूकंप ने तबाही मचाई. अकेले सीरिया में भूकंप से 783 लोगों की मौत की खबर है.

सोमवार तड़के ही सीमा के दोनों ओर के लोग भूकंप के झटके से उठ खड़े हुए. गगनचुंबी इमारतें भूकंप के झटकों से हिलने लगी. इस आपदा में बड़े पैमाने पर लोग जान गंवा चुके हैं. प्रशासन ने बड़े पैमाने पर प्रभावित कई शहरों में राहत एवं बचाव कार्य जारी रखा है.

भूकंप में तुर्की का अस्पताल ढहा

इस भीषण भूकंप में तुर्की का एक अस्पताल ताश के पत्तों की तरह ढह गया, जिसमें नवजात सहित कई लोगों को बचाया गया. तुर्की के एक शहर अडाना में एक शख्स ने बताया कि उनके घर के पास की इमारत एक झटके में जमींदोज हो गई.

यहां पत्रकारिता के छात्र मुहम्मेत फतिह यावुस ने बताया कि उसे मलबे के ढेर से एक शख्स की आवाज सुनाई दी, जो मदद की गुहार लगा रहा था. तुर्की के दियारबाकिर में जगह-जगह क्रेनें देखी जा सकती हैं. यहां बचाव कार्य जोरों पर चल रहा है.

NDRF की 2 टीमें तुर्की भेजेगा भारत

पीएम मोदी के निर्देश पर तुर्की को तत्काल सहायता देने के मुद्दे पर प्रधानमंत्री के मुख्य सचिव पीके मिश्रा ने अहम बैठक बुलाई. बैठक में तय हुआ है कि सर्च और रेस्क्यू अभियान के लिए एनडीआरएफ और मेडिकल टीम तुर्की भेजी जाएंगी. इसके साथ राहत सामग्री भी जल्द से जल्द टुर्की के लिए रवाना की जाएगी. एनडीआरएफ की दो टीमों में 100 जवान होंगे. इनमें डॉग स्क्वायड भी शामिल हैं. इसके अलावा ये टीमें जरूरी उपकरण भी अपने साथ ले जाएंगी. मेडिकल टीम में डॉक्टर, अन्य स्टाफ और जरूरी दवाएं होंगी.

तुर्की में 1999 में आए भूकंप में 18000 लोगों की हुई थी मौत

तुर्की की भौगोलिक स्थिति के चलते यहां अक्सर भूकंप आते रहते हैं. यहां 1999 में आए भूकंप में 18000 लोगों की मौत हो गई थी. अक्टूबर 2011 में आए भूकंप में 600 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी.

तुर्की में क्यों आता है बार बार भूकंप?

तुर्की का ज्यादातर हिस्सा एनाटोलियन प्लेट पर है. इस प्लेट के पूर्व में ईस्ट एनाटोलियन फॉल्ट है. बाईं तरफ ट्रांसफॉर्म फॉल्ट है. जो अरेबियन प्लेटके साथ जुड़ता है. दक्षिण और दक्षिण-पश्चिम में अफ्रीकन प्लेट है. जबकि, उत्तर दिशा की तरफ यूरेशियन प्लेट है, जो उत्तरी एनाटोलियन फॉल्ट जोन से जुड़ा है. घड़ी के विपरीत दिशा में घूम रही है एनाटोलियन टेक्टोनिक प्लेट तुर्की के नीचे मौजूद एनाटोलियन टेक्टोनिक प्लेट घड़ी के विपरीत दिशा में घूम रहा है. यानी एंटीक्लॉकवाइज. साथ ही इसे अरेबियन प्लेट धक्का दे रही है. अब ये घूमती हुई एनाटोलियन प्लेट को जब अरेबियन प्लेट धक्का देती है, तब यह यूरेशियन प्लेट से टकराती है. तब भूकंप के तगड़े झटके लगते हैं.

Source : Aaj Tak

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