विज्ञान के युग में आज कोई लड़की अगर लड़का बन जाए  तो यह कोई चमत्कार नहीं होगा लेकिन कोई लड़की अपनी पहचान बदलकर लड़का क्यों बनेगी यह जानना जरूर दिलचस्प होगा. हम आपको बताने जा रहे हैं बिहार के छपरा की ऐसी लड़की की कहानी जिसने अपनी पहचान बदलकर लड़का बनना मंजूर किया. ऐसा मेडिकल साइंस के द्वारा सम्भव हुआ है. छपरा के मढौरा प्रखंड के बहुआरा पट्टी गांव के ठाकुरबाड़ी टोले एक युवती गुड़िया कुमारी ने अपना लिंग चेंज करवाया है और अब वह अपने जीवन मे सुकून महसूस कर रही है.

बचपन की जिद, घर वालों का सपोर्ट..फिर 8 घंटे के ऑपरेशन से रूद्राक्ष बन गई बिहार की गुड़िया - chapra girl gudia changed his gender through major operation became male rudraksh know

गुड़िया ने अब नये जीवन की शुरुआत नये नाम रुद्राक्ष से की है जो उसे 28 वर्षो तक गुड़िया समझ रहे थे अब उन्हें 29 वे वर्ष में उसे रुद्राक्ष के रूप में देखेंगे. गुड़िया का जन्म बहुआरा पट्टी में हुआ उसके बाद से ही उसके शौक बिल्कुल लड़कों जैसे थे. उसका लड़कों के साथ पढ़ने जाना, लड़कों के जैसा हेयर स्टाइल रखना, उनके साथ खेलाना और लड़को जैसे कपड़े पहनना आदि ही उसकी दिनचर्या थी. लड़कियों और लड़की के नाम भी उसे नफरत थी. परिजनों में कोई उसे बेटा कहकर पुकारता तो उसे अच्छा लगता था.

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बचपन की पढ़ाई उत्क्रमित मध्य विद्यालय सिसवां में हुई जबकि आठवीं से मैट्रिक तक कि पढ़ाई राष्ट्रीय उच्च विद्यालय रामपुर से और इंटर की पढ़ाई संजय गांधी इंटर कॉलेज नगरा, जबकि ग्रेजुएशन जेपीएम से करने के बाद फिलहाल बी फार्मा की पढ़ाई हरियाणा से कर रही है. गुड़िया परिवार में सबसे बड़ी थी, उसके शादी की चर्चा होने लगी तो गुड़िया घबराने लगी, क्योंकि उसे ना तो औरतों की तरह रहना पसंद था और ना उनके लिबास. और वह बार-बार परिजनों से शादी के लिये इनकार करती रहती, बाद में उसने परिजनों को बताई कि वह लड़का बनना चाहती है.

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परिजनों के इसकी बात सुनते ही होश उड़ गये. फिर क्या करना था बड़ी संतान के जिद्द के आगे परिजनों को झुकना पड़ा और तकरीबन 1 वर्षो तक दिल्ली में उपचार के बाद दिसम्बर में ऑपरेशन के माध्यम से लिंग चेंज हुआ. गुड़िया ने बताया कि अब वह चाहे तो लड़के की तरह शादी भी कर सकती है और डॉक्टरों से सलाह के बाद वो बच्चे भी पैदा कर सकती है लेकिन तब जब लड़की भी लिंग चेंज न कराई हो. गुड़िया की मानें तो रुद्राक्ष तक के सफर में उसे परिवार वालो के गुस्से का शिकार होना पड़ा है लेकिन उसने बचपन से ही सोच लिया था कि मुझे लड़का बनना ही है.

इसके लिये गुड़िया पापा ,मम्मी, दादी को समझाती रही कि मैं लड़की बन न रही हूं और ना रहूंगी. गुड़िया लड़कों की तरह ही सड़कों पर सरपट बाइक भी दौड़ाती है. गुड़िया ने बताया कि उसके पापा उसे बहुत प्यार करते थे जिससे उन्हें उसके जिद के आगे झुकना पड़ा. उसने गुड़िया की शादी के लिये रखे पैसे और कुछ लोन के पैसे से उसके मनमुताबिक ऑपरेशन कराया और लड़की से लड़के बनाने में उन्होंने अपनी अहम भूमिका निभाई.

ऑपरेशन दिल्ली में 27 दिसम्बर 21 को हुआ जिसमें कुल 8 घण्टे का समय लगा, और तकरीबन एक सप्ताह के बाद से वह खुद से सब कुछ करने लगी. हालांकि वह अब खुद को पूरी तरह फिट बता रही है.  गुड़िया बहुत पहले छपरा के एक निजी अस्पताल में काम करती थी जहां के लोग भी गुड़िया के इस रूप को देख कर के हैरत में है.

Source : News18

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